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अक्षय खन्ना ने लिया विनोद खन्ना का नेशनल अवॉर्ड, कहा-'पापा को मिस कर रहा हूं'

पिछले साल दुनिया को अलविदा कह चुके अभिनेता से राजनीतिज्ञ बने विनोद खन्ना को देश में सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह अवॉर्ड उनके बेटे अक्षय खन्‍ना और उनकी पत्‍नी कव‍िता खन्‍ना ने प्राप्‍त कि‍या.फिल्मकार शेखर कपूर की अध्यक्षता वाले 65वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जूरी ने विनोद खन्ना को इस पुरस्कार से सम्मानित करने का सामूहिक रूप से निर्णय लिया. अवॉर्ड लेने के बाद विनोद खन्ना इमोशनल हो गए .उन्होंने कहा कि वह अपने पिता को बेहद मिस कर रहे हैं.
नेशनल अवॉर्ड सेरेमनी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया. इसके लिए सभी विजेता एक दिन पहले ही दिल्ली पहुंच चुके थे. सभी ने बुधवार को विज्ञान भवन में इवेंट की रिहर्सल प्रोग्राम में हिस्सा भी लिया था, लेकिन अवॉर्ड सेरेमनी से पहले सभी कई विजेता इस बात से नाराज हैं कि इवेंट में 140 विजेताओं में से सिर्फ 11 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सम्मान मिला और बाकी अवॉर्ड विनर्स को को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों अवॉर्ड दिया गया.

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विनोद खन्ना ‘मेरे अपने’, ‘इंसाफ’, ‘परवरिश’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘कुर्बानी’, ‘दयावान’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘चांदनी’, ‘द बर्निग ट्रेन’ और ‘अमर, अकबर, एंथनी’ जैसी बड़ी बॉलीवुड फिल्मों का हिस्सा रहे थे.

विनोद खन्ना का लंबी बीमारी के चलते पिछले साल 27 अप्रैल को निधन हो गया था. वह 70 वर्ष के थे.विनोद खन्ना पंजाब के गुरदासपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सदस्य थे. कहा जाता है कि फिल्मों आने से पहले विनोद की मां ने उनके सामने एक शर्त राखी. शर्त यह थी कि अगर दो साल के अंदर वह सफल नहीं हुए तो बिजनेस संभालना होगा.

1991 में शादी और दो बेटों के पिता बनने के बाद विनोद ने संन्यास जीवन को अपना लिया और आचार्य रजनीश की शरण में चले गए. बॉलीवुड में वापसी के बाद उन्होंने दूसरी शादी कविता से की. उनकी पहली पत्नी का नाम गीतांजलि खन्ना था.

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