करीब पांच साल पहले ऋषि कपूर के साथ 'डी डे' फिल्म बना चुके डायरेक्टर निखिल आडवाणी और राइटर रितेश शाह एक बार फिर साथ नजर आएंगे. ये जोड़ी थ्रिलर ड्रामा 'बाटला हाउस' में दिखेगी. यह एक वास्तविक मुठभेड़ पर आधारित है, जो एक दशक पहले 19 सितंबर को हुआ था. फिल्म इस साल सितंबर में रोल होगी और निखिल का प्लान है कि वो 50 दिन में दिल्ली, जयपुर, लखनऊ, मुंबई और नेपाल में शूटिंग निपटा लेंगे. जॉन अब्राहम डीसीपी संजीव कुमार यादव का किरदार निभाते नजर आएंगे, जिन्होंने इस ऑपरेशन के लिए आठ राष्ट्रपति वीरता पुरस्कार जीते हैं.
निखिल आडवाणी का मानना है कि संजीव कुमार यादव के किरदार में जॉन एकदम फिट बैठते हैं. उनकी बॉडी, कद काठी सब इस रोल के लिए एकदम सही है. निखिल, जो तीन-चार फिल्मों और चार शो के प्रोड्क्शन में व्यस्त हैं, बताते हैं कि जब रितेश उनके साथ बटाला हाउस की स्क्रिप्ट के साथ आए, तो उन्हें पता था कि उन्हें इसे निर्देशित करना था.
13 सितंबर 2008 को दिल्ली के करोल बाग, कनाट प्लेस, इंडिया गेट व ग्रेटर कैलाश में सीरियल बम धमाके हुए थे. इन बम धमाकों में 26 लोग मारे गए थे, जबकि 133 घायल हो गए थे. दिल्ली पुलिस ने जांच में पाया था कि बम ब्लास्ट को आतंकी गुट इंडियन मुजाहिदीन ने अंजाम दिया. घटना के 6 दिन बाद 19 सितंबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि इंडियन मुजाहिदीन के पांच आतंकी बटला हाउस स्थित एक मकान में मौजूद हैं.
सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की अगुवाई में सात सदस्यीय टीम जब छापा मारने पहुंची तो मकान संख्या एल-18 के प्रथम तल पर बने फ्लैट में मौजूद पांच आतंकियों ने पुलिसकर्मियों पर गोली चलानी शुरू कर दी. एनकाउंटर में इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा सहित दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. जवाबी फायरिंग में पुलिस ने दो आतंकी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद को मार गिराया था. जबकि दो आतंकी मोहम्मद सैफ और जीशान को गिरफ्तार कर लिया गया था. लेकिन एक आतंकी भागने में सफल रहा था. एनकाउंटर में घायल इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की इलाज के दौरान मौत गई थी. इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली पुलिस को क्लीन चिट दे दी थी.