धड़क फिल्म के जरिए करण जौहर दो स्टार किड्स को लॉन्च कर रहे हैं. जहां उन्हें स्टार परिवारों से प्रतिभा के लिए अपने प्यार के कारण अप्रत्यक्ष रूप से एक प्रश्न का सामना करना पड़ा. करण ने इस सवाल के साथ अच्छे से खेलते हुए बेहद समझदारी से जवाब दिया कि, "... वे अपने नाम से कहीं आगे जाएंगे और अपनी पहचान बनाएंगे. यह हमारी ज़िम्मेदारी और उनकी दोनों की भी."
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करण जौहर इस सवाल का जवाब देते हुए कहते हैं, "आजकल इस शब्द पर इतनी चर्चा है ..." लेकिन उन्होंने इसे नेपोतिस्म शब्द का नाम देने से इंकार कर दिया. "लोग भूल जाते हैं कि नाम के पीछे कड़ी मेहनत, दिल, जुनून है. इस पूरे बात को ध्यान में रखना चाहिए कि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि कैमरे, दर्शकों और मीडिया का सामना करना आसान नहीं है. वे (जान्हवी और ईशान का जिक्र करते हुए) बच्चे हैं और यह कम मुश्किल है.
धड़क के निर्माता आगे यह कहते हैं कि, "मैं इस शब्द का उल्लेख नहीं करना चाहता हूं जिसका उपयोग पिछले दो वर्षों से किया जा रहा है ... लोग उस शब्द के कारण यहां नहीं बल्कि वह अपनी कड़ी मेहनत के कारण हैं."
भाई-भतीजावाद विवाद (नेपोटिस्म) तब शुरू हुआ था जब कंगन रनौत ने धर्म प्रोडक्शंस के प्रमुख करण जौहर को उनके ही टॉक शो 'कोफी विद करण' पर भाईचारे का ध्वजवाहक बताया था. आपको बता दें कि करण जौहर पर अक्सर नेपोटिज्म का आरोप लगते आया है. क्योंकि वह अपनी कई फिल्मों के जरिए स्टार किड्स को लॉन्च कर चुके हैं.
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करण जौहर को पिछले साल इंटरव्यू में बहुत कुछ मिल गया था. जिसके बाद उन्होंने यह घोषणा की थी, "क्या हम सिर्फ इस शब्द 'नेपोटिस्म' पर रोक लगा सकते हैं? यह बात मुझे सताती रहती है. यह 'मेरा साया' (मेरी छाया) की तरह बन गयी है. मैंने किसी से कहा कि मैंने 'नेपोटिस्म' विकसित किया है! "उन्होंने कहा था कि शब्द" हर जगह मेरा पीछा कर रहा है. अचानक, यह फैशनेबल बन गया. क्या हम इसे से छुटकारा पा सकते हैं और अच्छी बातों पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर सकते हैं? "