By  
on  

EXCLUSIVE: विधु विनोद चोपड़ा की अगली डायरेक्शनल फिल्म की स्टारकास्ट से उठा पर्दा

विधु विनोद चोपड़ा बॉलीवुड के एक ऐसे नाम हैं जिन्होंने अब तक कई हिट फिल्मों को डायरेक्ट करने से लेकर प्रोड्यूस भी किया है. वहीं लम्बे समय से विधु और राइटर राहुल पंडिता एक फिल्म पर काम कर रहे हैं, जिसकी कहानी कश्मीरी पंडितों के ऊपर आधारित है. बता दें कि राहुल वही हैं जिन्होंने बुक 'आवर मून हैज ब्लड क्लोट्स' लिखी है. इस फिल्म की कहानी 1990 की है जब कश्मीर में बढ़ते आतंकवाद के कारण कश्मीरी पंडितों ने वहां से जाना सही समझा था. खबरों के मुताबिक इस फिल्म में बहुत सारे कश्मीरी एक्टर्स को लिया गया है. लेकिन अब तक इनके बारे में मेकर्स की तरफ से कोई खुलासा नहीं किया गया है.

‘संजू’ में विक्की कौशल की एक्टिंग देख जानिए संजय दत्त ने क्या कहा

वहीं, Peepingmoon.com को मिली खबर में फिल्म के कास्ट से जुड़ी जानकारी मिली है. मिली खबर के मुताबिक, आरजे नसर खान और कश्मीरी गर्ल सादिया इस फिल्म में प्रेमी जोड़े के किरदार की अहम भूमिका निभाने वाले हैं. आपको बता दें कि नसर भोपाल से हैं और रेड एफएम 93.5 पर उनके नॉटी नाइट्स शो के लिए जाने जाते हैं. वहीं दूसरी तरफ सादिया जम्मू क्षेत्र के भद्रवाड़ा इलाके से हैं. इनके किरदार के बारे में बात करें तो सादिया एक हिन्दू लड़की की भूमिका में नजर आने वाली हैं, वहीं नसर के किरदार को लेकर कोई जानकर अभी तक प्राप्त नहीं हुई है. इस फिल्म में स्थानीय कश्मीरी एक्टर्स जैसे ज़मीर आसाई, शाहिद गुलफाम और इमरान के होने की बात कही जा रही है.

एक सूत्र से मिली खबर के मुताबिक इस फिल्म का नाम 'लव लेटर फ्रॉम कश्मीर नहीं है. बल्कि इसका नाम 'शिकारा' रखा है, जोकि कश्मीर में एक हाउसबोट को कहते हैं. फिल्म की शूटिंग की बात करें तो वह खत्म होने की कगार पर आ गई है. फिल्म का आखिरी सीन खबरों के मुताबिक मुंबई में शूट होने वाला है. फिल्म की पूरी कहानी जम्मू कश्मीर में शूट की गई है. शूटिंग करते हुए शिवपुरा, पटनीटॉप, वेयर हाउस और नगरोटा जैसी जगहों को शूट किया गया है, जहां कश्मीर से पलायन किए हुए लगभग 4200 कश्मीरी पंडितों के परिवार रहते हैं.

‘संजू’ फिल्म के लिए संजय दत्त की टीम ने डिमांड की इतनी बड़ी अमाउंट

फिल्म को लेकर कहा जा रहा है कि उस पर अच्छी तरह से शोध और फिर सुनिश्चित करने के बाद ही बनाया गया है. ताकि फिल्म से कश्मीरी पंडितों के समुदाय की भावनाओं को किसी तरह से आहत ना पहुंचे. बता दें कि 90 के दशक के आरंभ में इस क्षेत्र में आतंकवाद के बढ़ने से कश्मीरी पंडितों का परिवार वहां से बाहर निकल गया था.

Author

Recommended

PeepingMoon Exclusive