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फिल्म स्त्री की डायन की ये है असली कहानी, डर से पुलिस भी भाग खड़ी हुई थी

श्रद्धा कपूर और राजकुमार की फिल्म स्त्री रिलीज हो चुकी है और बॉक्सऑफिस पर खूब धूम भी मचा रही. स्त्री को दर्शकों द्वारा पसंद किया जा रहा है. लेकिन फिल्म के रिलीज़ के साथ लोगों के ज़ेहन में ये सवाल भी खड़े हो रहे हैं क्या सही में ऐसी कोई चुड़ैल थी जो लोगों को इस तरह परेशान करती थी ? गाँव के लोग उस डायन के डर से अपने दरवाज़े पर लिखते थे 'ओ स्त्री कल आना'..

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तो हम आपको बताते हैं की अमरा कौशिक द्वारा निर्मित ये फिल्म असल कहानी है. स्त्री की पटकथा बहुद हद तक असली घटनाओं पर आधारित हैं. ज़रा सोंचिये अगर कोई आपका दरवाज़ा खटखटाये और लापता हो जाए. ऐसी ही घटना कि शुरआत अचानक बैंगलोर के बाहरी इलाके में बसे गाँव में शुरू हो गई थी. लोग इतने ख़ौफ़ज़दा हो गए थे की घर छोड़कर भागने लगे थे. मामला 1990 के आस-पास की है.

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गाँव में लोगों का कहना था कि एक डायन रात के अँधेरे में निकलती है और लोगों के घर में आकर रात में दरवाजा खटखटाती थी. जिसने भी दरवाज़ा खोलने की हिम्मत कि उसकी मौत तय थी. जिसने भी उस डायन को देखा ज़िन्दगी ने उससे मुँह मोड़ लिया. खौफ इस क़दर फ़ैल गया था की लोग शाम होने से ही पहले ही अपने अपने घर में बंद हो जाते थे. लोगों का कहना था की डायन जिस घर का दरवाजा खटखटाती थी उस घर के लोगों के जान-पहचान वालों की आवाजों में बोलती थी. जिससे गलती में लोग दरवाज़ा खोल देते थे और वो उन्हें मार डालती थी.

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जब उस डायन की खबर आस पास के सभी गांव तक पहुँच गया तो उससे बचने के लिए लोग तंत्र मंत्र का सहारा लेने लगे और एक तांत्रिक के कहने पर लोगों ने अपने अपने घर के बाहर "नाले बा" लिखना शुरू कर दिया थे. इसका हिंदी में मतलब होता है कल आना.तांत्रिक ने लोगों को बताया था की ऐसा पढ़ कर वो चुड़ैल चली जाती थी और दूसरे दिन वापस आती थी. जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे डायन का डर लोगों के जेहन से निकलता गया. समय के साथ सब कुछ पहले की तरह नॉर्मल हो गया.

 

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