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समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, बॉलीवुड स्‍टार्स ने ऐसे क‍िया स्‍वागत

सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने गुरुवार को समलैंगिता पर ऐतिहासिक फैसला दिया है. भारत में अब समलैंगिकता अपराध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 377 (समलैंगिकता) को अवैध करार दिया है. समलैंगिकता पर भारत में लंबे समय से बहस चलती आ रही है.

फिल्मकार करण जौहर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ट्विटर पर खुशी ज़ाहिर करते हुए लिखा, "ऐतिहासिक फैसला... बहुत गर्व महसूस कर रहा हूं... समलैंगिकता को अपराध नहीं मानना और धारा 377 को खत्म करना मानवता तथा समान अधिकारों के लिए बड़ी उपलब्धि... देश को ऑक्सीजन वापस मिल गई है..." करण के अलावा अन्य बॉलीवुड सेलेब्स ने भी इस फैसले पर रिएक्शन दिये हैं.

https://twitter.com/karanjohar/status/1037587979265564672

सोनम कपूर ने फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, मेरी आंखों में lgbtqi community के लिए खुशी के आंसू है. अब कोई लेबल नहीं होगा, हम एक आदर्श दुन‍िया में रह सकेंगे. ये वो देश है जहां हम रहना चाहते हैं.

https://twitter.com/sonamakapoor/status/1037590692363624448

 

https://twitter.com/realpreityzinta/status/1037598249173966848

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक्ट्रेस ऋचा ने खुशी जाह‍िर करते हुए कहा, ये बादलों के बीच एक इंद्रधनुष न‍िकलने की तरह है. ये एक जीत है.

https://twitter.com/RichaChadha/status/1037594817193107458

https://twitter.com/mehtahansal/status/1037587464871919616

https://twitter.com/FarOutAkhtar/status/1037593200402153472

https://twitter.com/RahulBose1/status/1037592787263414274

https://twitter.com/kalkikanmani/status/1037592740995842048

https://twitter.com/ayushmannk/status/1037591334629126144

https://twitter.com/vidya_balan/status/1037600719371685888

क्या है धारा 377?
धारा 377 में 'अप्राकृतिक यौन संबंधों को लेकर अपराध के तौर पर जिक्र है. इसके मुताबिक जो भी प्रकृति की व्यवस्था के विपरीत किसी पुरुष, महिला या पशु के साथ यौनाचार करता है, उसे उम्रकैद या दस साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है.' इसी व्यवस्था के खिलाफ देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थीं. इन याचिकाओं में परस्पर सहमति से दो वयस्कों के बीच समलैंगिक यौन रिश्तों को अपराध की श्रेणी में रखने वाली धारा 377 को गैरकानूनी और असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई थी.

बता दें, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर 2013 को सुरेश कुमार कौशल बनाम नाज फाउंडेशन मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए समलैंगिकता को अपराध माना था. 2 जुलाई 2009 को दिल्ली हाईकोर्ट ने धारा 377 को अंसवैधानिक करार दिया था. इस मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी.

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