अर्जुन कपूर उन अभिनेताओं में से एक है, जो एक अच्छा बेटा होने के साथ- साथ अच्छे भाई भी है. मां मोना सिंह के निधन के बाद उन्होंने बहन अंशुला की जिम्मेदारी ली. आमतौर पर अर्जुन पिता बोनी कपूर की दूसरी पत्नी श्रीदेवी और उनकी दोनों बेटियों के बारे में पब्लिकली बात करना पसंद नहीं करते थें लेकिन 24 फरवरी को हुए श्रीदेवी के निधन के बाद अर्जुन जीवन में बहुत कुछ बदल गया. वो ना सिर्फ पिता के और करीब आए बल्कि जान्हवी और खुशी को बहनों के रूप में किया. अर्जुन एक मजबूत पिलर की तरह अपने परिवार के साथ खड़े रहे.
अंग्रेजी अखबार डीएनए को दिए एक इंटरव्यू में अर्जुन ने जान्हवी, खुशी के साथ अपने रिश्ते पर खुलकर बात की और बताया कि दोनों ही बहुत सुलझी हुई बच्चियां हैं. अर्जुन ने कहा, 'आज हम हर सब्जेक्ट पर बात करते हैं. मुझे पता है कि वो चीजों को अपने तरीके से फिगर आउट करेंगे. मैं और अंशुला हमेशा उनके साथ रहेंगे. अच्छी बात यह है कि हम सब अपनी लाइफ में इंडिपेंडेंट है लेकिन जब जरुरत की बात आती है तो हम एक दूसरे के साथ खड़े है. पापा की सबसे बड़ी ताकत उनका परिवार है और अगर वो परिवार के साथ मुश्किल समय में खड़े हो सकते हैं तो हमें भी उनके साथ खड़े होना चाहिए. कभी- कभी भाग दौड़ में आपको एहसास नहीं होता कि कितनी जरुरी होता है कि आप अपने परिवार के साथ बैठकर खाए.
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परिवार के लिए मजबूत पिलर बनें
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इंटरव्यू में अभिनेता ने बताया, 'इतना कुछ हो गया कि हमें कुछ सोचने- समझने का मौका नहीं मिला. मेरे परिवार के साथ जो कुछ भी हुआ ऐसा तो मैं अपने किसी दुश्मन के लिए भी नहीं सोच सकता. मैं पंजाब में था जब मुझे श्रीदेवी के निधन की खबर मिली. मैंने तुरंत अपनी मौसी और बहन को फ़ोन किया. उस समय मुझे अपने पिता और फैमिली के साथ खड़ा होना था और मैंने वही किया. अगर मैं एक अच्छा भाई और बेटा बन सकता हूं तो क्यों नहीं. मुझे तो कुछ अच्छा ही मिल रहा है. अंशुला के साथ- साथ दो और बहनें मेरी लाइफ में आ रही हैं. कहीं न कहीं मुझे डर लग रहा था की इस विषय पर ज्यादा बात करने से नजर ना लग जाए.