फैंटम फिल्म्स प्रोडक्शन हाउस के को-फाउंडर डायरेक्टर विकास बहल पर 2015 में एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था जो कि 2017 में प्रकाश में आया था. जिसके बाद अब वह मामला तूल पकड़ रहा है. एक तरफ इस मामले की आग शांत नहीं हुई है वहीं दूसरी तरफ कंगना रनौत के बाद एक और एक्ट्रेस ने नाम ना जाहिर करने की शर्त पर कहा है कि विकास नशे की हालत में होने का बहाना बनाकर लड़कियों का फायदा उठते हैं.
जहां विकास की इन हरकतों के सामने आने के बाद बॉलीवुड के कई बाड़े नाम उनका खुलकर विरोध करते नजर आ रहे हैं. वहीं अब बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन ने भी ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है. जब यह घटना घटी उस वक़्त ऋतिक रोशन इटली में अपनी अगली फिल्म के लिए शूटिंग कर रहे थे, इसके बावजूद अभिनेता ने इस मामले पर तुरंत अपना पक्ष रखा है.
विकास बहल पर एक और एक्ट्रेस ने लगाया यौन शोषण का आरोप
ऋतिक ने सुपर 30 के डायरेक्टर पर लगे इन आरोपों पर कहा है कि इन सभी चीजों की पहले जांच होनी चाहिए और फिर उनके खिलाफ कड़क स्टैंड लेने चाहिए. ऋतिक यह भी चाहते हैं कि ऐसी घटना की शिकार महिलाओं को खुलकर सामने आना चाहिए.
https://twitter.com/iHrithik/status/1049263573338415104
इस बारे में ऋतिक रोशन ने सोशल मीडिया पर लिखा है, "मेरे लिए ऐसे किसी भी शख्स के साथ काम करना मुमकिन नहीं है अगर वह इस तरह के गंभीर दुर्व्यवहार का दोषी है. मैं देश से दूर हूं और इस वजह से मुझे सिर्फ थोड़ी जानकारी है. मैंने सुपर 30 के डायरेक्टर से स्पष्ट तथ्य इकठ्ठा करने और आवश्यकता होने पर जरुरी स्टैंड लेने की गुजारिश की है. यह मामला दबा देने वाला नहीं है. सभी सिद्ध अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए."
जानिए इस पुरे मामले पर विकास के पार्टनर्स का क्या कहना है:
विक्रमादित्य मोटवानी:
फैंटम प्रोडक्शन के को-फाउंडर विक्रमादित्य मोटवानी का इस पुरे मामले पर कहना है, “विकास और उस लड़की के बीच साल 2015 में जब यह घटना हुई तब मुझे इसकी जानकारी नहीं थी. पहली बार मुझे इस बारे में साल 2017 में पता लगा जब अनुराग ने मुझे फोन करके इस बारे में बताया. मधु, मैं और अनुराग उस लड़की के साथ बैठे और उसने हमें पूरी दास्तां सुनाई. यह दहला देने वाली घटना थी.”
अनुराग कश्यप:
अनुराग कश्यप ने कहा है कि “उनके वकीलों ने उन्हें बताया कि ऐसा कुछ नहीं है जिसके आधार पर फैंटम फिल्म्स से बहल को हटाया जा सके. जिसके बाद बयान में उन्होंने लिखा, ‘‘फैंटम के अंदर रहते हुए मेरे पार्टनर और उनके वकीलों ने मुझे जो बताया, मैं जो कर सकता था, मैंने किया। कानूनी और वित्तीय फैसलों के लिए मैं पूरी तरह से अपने पार्टनर और उनकी टीम पर निर्भर था. वे उन सभी चीजों का ध्यान रखते थे ताकि मैं उन चीजों पर ध्यान दे सकूं जिन्हें मैं बेहतर, रचनात्मक तरीके से कर सकता था. किसी भी मामले में उनका और उनकी टीम का फैसला हम सबके लिये अंतिम होता था.’’ अनुराग ने आगे कहा, ‘‘तब मुझे जो कानूनी सलाह दी गयी उसके अनुसार मुझे बताया गया था कि हमारे पास बेहद सीमित विकल्प हैं. अब जब मैं खुद उन बातों पर गौर कर रहा हूं तो मैं कह सकता हूं कि मुझे गलत सलाह दी गई थी.’’