#metoo मूवमेंट के जरिये सभी जानेमाने इज्जतदार लोगों के असली चेहरे सामने आ रहे हैं. जो अब तक सरीफ कहलाते थे वह आज दोषी हैं. मिड डे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ‘प्यार के पंचनामा’ डायेक्टर लव रंजन पर एक एक्ट्रेस ने आरोप लगाया है कि जब वो अपना पहला लुक टेस्ट देनें उनके ऑफिस गई थी तो उन्होंने उनसे अश्लील डिमांड की थी. जिसके बाद अब लव रंजन ने अब स्टेटमेंट के जरिये अपना पक्ष रखा है. तो चलिए आपको बतातें हैं क्या है उनके स्टेटमेंट में.
डायेक्टर लव रंजन के स्टेटमेंट में उन्होंने लिखा है, "मेरी जिंदगी का यह लम्बा दिन रहा है. जब से मैंने आरोपों को पढ़ा है, तब से मैं उन पर प्रतिक्रिया करना चाहता था. मैं जोर से चिल्लाना चाहता हूं कि हर कोई पागल हो गया है, मैं चिल्लाना चाहता हूं कि मैं वैसा आदमी नहीं हूं और मैं अपना नाम साफ़ करना चाहता हूं. मेरे परिवार और दोस्तों ने अपना पूरा सपोर्ट मुझे दिया है, जिसके कारण मैं उनका जीवन भर के लिए ऋणी बन गया हूं."
‘प्यार के पंचनामा’ डायेक्टर लव रंजन पर एक एक्ट्रेस ने लगाया...
लव रंजन आगे कहते हैं, "मैं इस तथ्य से बहुत अवगत हूं कि मैं वह व्यक्ति हूं जिसने प्यार का पंचचना बनाया है और यह किसी ऐसे व्यक्ति के लिए बहुत आसान हो जाता है जो मुझे व्यक्तिगत रूप से जनता की मैंने यह नहीं किया है. क्या मैं दोषी हूं ? मैं ज़ोर से चिल्लाना चाहता हूं कि मैं नहीं हूं. मैंने कभी किसी औरत के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया है, कभी ऐसी महिला को छुआ नहीं है जो मुझसे प्यार नहीं करती, मैंने कभी किसी महिला के साथ छेड़छाड़ या फिर उसे परेशान नहीं किया है. मैंने नहीं किया."
पूरी चीज की ओर मेरे क्रोध से छुटकारा पाने के बाद मुझे कुछ चीजों का एहसास हुआ है -
https://twitter.com/luv_ranjan/status/1050780443287515137
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरा मानना है कि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है, क्या मायने रखता है कि किसी ने गलत किया है.
"मैंने अपने आस-पास की महिलाओं को सुरक्षित और आरामदायक महसूस करने के लिए जीवन में बहुत मेहनत की है, जो महिलाएं मुझे जानती हैं या मेरे साथ काम करती हैं, वे इस बात को मानेंगी. मैंने कभी किसी को नुक्सान नहीं पहुंचाया है. लेकिन इस सभी बातों का कोई मतलब नहीं है अगर मेरी कोई बात किसी को बुरी लगी है. मैंने ऐसा शख्स नहीं हूं, जो किसी को जानबूझकर ऐसा महसूस करवाए. मैं अपने इरादे बदल सकता हूं लेकिन मैं तय नहीं कर सकता कि किसी को कैसा महसूस करना चाहिए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं इस आरोप को नहीं मानता हूं लेकिन क्या मायने रखता है कि किसी ने यह आरोप बुरा लगने पर लगाया है. मैं वैसा आदमी नहीं हूं जैसा मुझे बताया जा रहा है. मैं नहीं हूं. मैं कभी नहीं था, मैं कभी नहीं बनूंगा."
"फिर भी मैं माफ़ी मांगना चाहता हूं अगर किसी को मेरी वजह से किसी तरह से कभी भी चोट लगी है, जिसे मैंने सहज महसूस नहीं कराया है. मैं अपने इरादे से संवाद करने में सक्षम नहीं होने के लिए माफ़ी चाहता हूं. मैं माफ़ी मांगना चाहता हूं इसलिए क्योंकि मैं जो शख्स हूं वह ना बता पाने के लिए और मुझे विश्वास है कि मैं हूं."