#MeToo मूवमेंट की वजह से यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे फिल्म डायरेक्टर विकास बहल के लिए पिछले दिनों अच्छी खबर यह सुनने मिली थी कि कुछ साल पहले विकास पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी महिला ने बॉम्बे हाई कोर्ट में कहा था कि वह बहल के खिलाफ मुकदमा नहीं दर्ज करवाना चाहती। लेकिन अदालत में वह अपना बयान जरूर दर्ज करवाना चाहती थी। वहीं दूसरी तरफ उसी दिन विकास बहल ने अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी के खिलाफ 10 करोड़ रूपये की मानहानि का एक मामला दर्ज कराया था। जिसकी सुनवाई के दौरान पीड़ित महिला को बुलाया गया था। जिसके बाद आज कोर्ट ने इस मामले पर अपना क्या नया फैसला लिया है, चलिए आपको बतातें हैं।
विकास बहल द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट में अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोत्वेन के खिलाफ 10 करोड़ रुपये के मानहानि मामला को 21 नवंबर 2018 तक स्थगित कर दिया गया है।
वहीं यौन शोषण कि आरोप झेल फ़िल्म निर्माता विकास बहल बड़ी मुश्किल में आ गए हैं। जिस पीड़ित ने इनके ख़िलाफ़ अदालत में बयान देकर शिकायत करने से मना कर दिया था, आज उसने कोर्ट हलफ़नामा देकर कहा की मैं विकास बहल पर लगाए गए आरोपों पर आज भी क़ायम हूँ। अगर आज मैं पीछे हट गयी तो न्याय हार जाएगा। इस मुहिम के ज़रिए कई लड़कियों को न्याय की आस जागी है, ऐसे में मुझे उनका साथ देना चाहिए।
दरअसल आज इस पूरे मामले ये ट्विस्ट तब आया जब अदालत में विकास द्वारा अपने पूराने साथियों के ख़िलाफ़ दायर मानहानि मामले की सुनवाई होनी थी। तभी आज पीड़ित एक वक़ील ने एक हलफ़नामा दायर कर ये बात कही की, इस पूरे मामले को वो अदालत के सामने वो ये हलफ़नामा दे रही है।
अपने हलफ़नामे में पीड़ित ने कहा है कि, फ़िल्म बॉम्बे वेल्वेट के सेट पर साल 2015 में विकास ने उन्हें ग़लत तरीक़े से छूहा था और वो अपने द्वारा लगाए आरोपों पर आज भी क़ायम हैं। पीड़ित ने उस पूरे मामले पर अपना सीलबंद बयान अदालत के सामने रखा है।
अब इस पूरे मामले की सुनवाई दिवाली की छुट्टियों के बाद सुनी जाएगी। #MeToo अभियान के तहत यौन उत्पीड़न का आरोप झेल रहे विकास बहल ने डायरेक्टर अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी के खिलाफ 10 करोड़ रुपए का मानहानि का मुकदमा दर्ज करवाया है। इस मामले पर आज कोर्ट में सुनवाई चल रही थी।