'संस्कारी बाबू' आलोक नाथ के लिए फिलहाल कोई राहत नहीं दिखाई दे रही है. उनकी पत्नी आशु नाथ ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था लेकिन अदलात ने उनकी की पत्नी की अर्ज़ी खारिज कर दी है .अलोक नाथ पर राइटर और फिल्ममेकर विनता नंदा ने यौन शोषण का आरोप लगाया था. आशु नाथ चाहती थी जब तक उनके मानहानि मामले की सुनवाई पूरी नहीं होती, विनता नंदा पर किसी भी मीडिया पर बात करने से, सोशल मीडिया पर कुछ लिखने या किसी से भी इस मामले पर बात करने से रोक लगाया जाए. लेकिन अदालत ने उनकी इस मांग को ये कहते हुए खारिज कर दिया की अदलात किसी के खिलाफ इस तरह गैग आर्डर नहीं पास कर सकता.
अदालत ने ये भी कहा है कि, जब ये पूरा मामला अलोक नाथ के खिलाफ है तो उनकी पत्नी इस मामले में पार्टी कैसे हैं और उनकी किस तरह से मानहानि हुई. इससे पहले अलोक नाथ के वकील ने इस पूरे मामले को फिकशश यानी मनघडंत करार दिया था. उनका कहना था कि विनता ने खुद कहा था की उन्होंने शराब पी थी तो हो सकता है की उनके शरीर में जो दर्द था वो शराब पीने के बाद किसी वजह से हो न की रेप से. जिस पर विनता कि वकील ने जवाब देते हुए कहा कोई भी महिला इस बात को खुलकर क़ुबूल नहीं करती है की उसके साथ रेप हुआ. इस तरह की बात करना इस पूरे मुहीम पर सवाल उठाना है. एक आरोपी को इस तरह से बचाना ठीक नहीं है.
ये पूरा मामला तब सामने आया था जब, विनता ने एक लंबी-चौड़ी फेसबुक पोस्ट के जरिए पूरे मामले को खुलकर पब्लिक में सामने रखा था. उन्होंने आलोक नाथ का नाम लिए बिना पोस्ट लिखा, "उन्होंने मेरे साथ शारीरिक दुर्व्यवहार किया, जब मैं साल 1994 के मशहूर शो 'तारा' के लिए काम कर रही थी.तब उनके साथ क्या क्या हुआ था'. बाद में खुद विनता ने इन सभी आरोपों को मीडिया के सामने भी दुहराया था. लेकिन अलोक नाथ ने ये कहते हुए पल्ला झाड़ लिय्या था की आज के जमाने में अगर कोई महिला किसी पुरुष पर आरोप लगाती है तो पुरुष का इस पर कुछ भी कहना मायने नहीं रखता. मैं विंटा को अच्छे से जानता हूं. इस समय इस मामले पर मैं चुप ही रहना चाहूंगा. उन्हें अपने विचार रखने का हक़ है. समय आने पर सही बाते सामने आ जाएंगी