प्रियंका चोपड़ा, जो इन दिनों निक जोनस के साख शादी की तैयारियों और मेहमानों के साथ बिजी है, वो वक्त निकालकर 'सोशल फॉर गुड' कॉज को अटैंड करतीं दिखी. प्रियंका चोपड़ा ने यहां डिप्रेशन जैसे सीरियस टॉपिक पर बात की. हालांकि अब तक कई बॉलीवुड सेलेब्रिटी ने इस मुद्दे पर बात की है और बताया कि कभी वो भी डिप्रेशन का शिकार हुए है. लेकिन लगता है प्रियंका चोपड़ा अब इस बिमारी से परेशान लोगों के लिए दूसरों का नजरिया बदलना चाहती हैं.
इवेंट पर पहुंची प्रियंका चोपड़ा ने डिप्रेशन, एंजाइटी और सैडनेस को लेकर जो कनफ्यूजन है उसके बारें में बात की. प्रियंका ने बताया कि डिप्रेशन और सैडनेस दो एकदम अलग चीजें है. प्रियंका चोपड़ा ने कहां, 'चिंता तनाव नहीं है. डिप्रेशन लो फीलिंग से कहीं ज्यादा है. उन बातचीत को करने के लिए दुनिया को ओपन होने की जरूरत है." उन्होंने ये भी कहा, 'हम मनुष्य है. कमजोर होने का अधिकार है. जैसे ही एक सार्वजनिक व्यक्ति डिप्रेशन के बारे में बताता है, ऐसे लोग हैं जो उन्हें शर्मिंदा करते हैं. "
यहां प्रियंका चोपड़ा ने स्ट्रॉंगली अपनी बात रखते हुए कहां, 'माता-पिता और शिक्षकों के रूप में हमें बच्चों को बताने की ज़रूरत है कि इसके बारे में बात करना ठीक है. हमें बातचीत को सामान्य करने की जरूरत है. "
प्रियंका चोपड़ा ने इस इवेंट के दौरान सोशल मीडिया ट्रोलिंग पर भी बातचीत की. उन्होंने ये भी कबूला कि ट्रोलिंग से फर्क पड़ता है. प्रियंका चोपड़ा मानती हैं कि ट्रोलिंग एक सोशल प्रॉब्लम है. क्यों हम बुरे कमेंट्स को ही फॉलो करते हैं? अच्छे कमेंट्स को क्यों इग्नोर कर देते हैं?
बता दें कि पहली बार प्रियंका चोपड़ा किसी मकसद के लिए सोशल मीडिया पर इतनी देर लाइव हैं.