शाहरुख खान ने क्रिसमस के मौके पर रिलीज होने जा रही फिल्म जीरो को लेकर एक मीडिया इंटरेक्शन रखा जिसमें उन्होंने कहा कि यह फिल्म अधूरेपन का जश्न मनाती है.इस फिल्म के तीन मुख्य किरदार फिजिकली,इमोशनली और मेंटली अधूरे हैं.शाहरुख ने बताया कि फिल्म में उनका किरदार बउआ सिंह एक बौना है जबकि आफिया यानी अनुष्का मेंटली चैलेंज्ड होने के बावजूद एक जीनियस हैं और बबिता यानी कटरीना दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला होने के बावजूद इमोशनली टूटी हुई है.
यही तीन चीजें होती हैं इंसानों की.हम दिमाग से कम होते हैं या फिजिक से कम होते हैं या फिर कभी-कभी इमोशन से हमको लगता है कुछ कमी रह गई.अगर हम यह तीन चीजें स्वीकार लें तो लाइफ में आगे बढ़ सकते हैं.शाहरुख ने आगे कहा-जीरो एक्सपेरिमेंटल फिल्म नहीं है.यह उस सोच पर आधारित है जो हम अपना जीवन जीने में लगाते हैं,काश मैं ऐसा होता,काश मैं वैसा होता..काश मैं खुश रहता..मेरे ख्याल से जो है उसे स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए और समय बर्बाद नहीं करना चाहिए.
जिंदगी केवल एक बार मिलती है इसलिए आपको बस यह सोचना चाहिए कि यह मैं हूं और यह बेस्ट है जो मैं हो सकता हूं...हमें अधूरेपन से ज्यादा यूनीकनेस पर ध्यान देना चाहिए...कि अगर मैं हाइट में छोटा हूं तो यह यूनिक बात है मेरे लिए,यह कमी नहीं है और मैं लम्बा तो हो नहीं पाऊंगा...या मैं पतला तो हो नहीं हो पाऊंगा,या मैं गोरा तो हो नहीं पाऊंगा और वगेरह,वगेरह..इसलिए जो भगवान ने दिया है,उसे एन्जॉय कीजिये और खुश रहिये.