सिनेमा जगत के उस दौर की बात की जाए. तो याद आती है तारीख 24 दिसम्बर 1956. जब मायानगरी मुंबई के चेम्बूर इलाके में, स्वर्गीय सुरिंदर कपूर के घर जन्म हुआ एक बच्चे का ,जो आगे जाकर उस मुकाम तक पहुंचा जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी . बॉलीवुड के सरताज के तौर पर स्थापित हुआ और बना आज तक का सदाबहार एक्टर . जी हाँ हम बात कर रहें हैं के कद्दावर अदाकार अनिल कपूर साहब की , जिनका आज जन्मदिन है .
बॉलीवुड में अनिल का नाम उन गिने चुने अभिनेताओं में शुमार है , जिन्होंने लगभग चार दशक से भी ज्यादा इस फिल्म इंडस्ट्री को दिया है . साथ ही हिन्दुस्तान के दिल में राज़ किया है . आज के दिन अनिल कपूर 62 साल के पूरे हो गए . आपको बता दें कि अनिल बचपन से ही अपने घर में फिल्मी माहौल में पले बढ़ें हैं . स्वर्गीय सुरिंदर कपूर बॉलीवुड के मशहूर प्रोड्यूसर हुआ करते थे . फिल्मी माहौल होने के कारण वो अक्सर अपने पिता के साथ शूटिंग देखने चला जाया करते थे . फिर क्या था उनके पिता ने उनकी काबिलियत को परखा और इस ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया .
समय आगे बढ़ा और साल आया 1979 जब बड़े पर्दे पर अनिल कपूर की पहली मूवी हमारे तुम्हारे रिलीज़ हुई . दर्शकों ने मूवी को पसंद नही किया , फिल्म फ्लॉप हो गयी . दो साल बाद अब समय आता है साल 1982 का , जब अनिल कपूर को दो महानायकों दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म शक्ति में काम करने का मौका तो मिला लेकिन इससे उन्हें कुछ खास फायदा नहीं हुआ.
इस रिम झिम सी शुरुआत के बाद फिर वक्त आता है साल 1983 का जब अनिल को अपने पिता के बैनर में बनने वाली मूवी सात दिन में संजीदा एक्टर नसीरूदीन शाह के साथ काम करने का अवसर मिला. इस मौके को अनिल कपूर के भुनाया और अपनी दमदार एक्टिंग के बदौलत दर्शकों तक पहुचने में कामयाब रहे . फिल्म भी कामयाब हुई. कपूर का हौसला भी बढ़ा .
साल 1985 में यश चोपड़ा की फिल्म मशाल में छोटी सी भूमिका निभाकर ही , अनिल कपूर ने फिल्म फेयर के द्वारा बेस्ट सहायक अभिनेता के तौर पर नवाज़े गए . मशाल में उनके सामने थे दिलीप कुमार इसके बावजूद वो अपनी अदाकारी का लोहा मनवाने में कामयाब हुए थे. ऐसा हो भी क्यूँ न , क्यूंकि अब शुरुआत होने वाली थी अनिल कपूर के दौर की, साल था 1987 आने वाली थी उनकी सबसे चर्चित फिल्मों में से एक मिस्टर इंडिया . इसी फिल्म ने उनको करियर की रूपरेखा ही बदलकर रख दी थी . साथ ही एक उभरते हुए कलाकार को बना दिया फिल्म इंडस्ट्री का नया स्टार .
फिर 1988 में फिल्म तेज़ाब आती है , वो भी सुपर हिट होती है . मिस्टर इंडिया और तेज़ाब की सफलता के बाद लोगों ने अनिल कपूर की तुलना अमिताभ बच्चन से करनी शुरू कर दी थी . इसके बाद समय बदलता गया , दौर बदलता गया , फिल्मे आती गयीं , जाती गयीं . इश्वर , बेटा , नायक जैसी फिल्मों ने , एक स्टार को सुपरस्टार बना दिया . साल 2009 में प्रदर्शित फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर से अनिल कपूर ने अन्तराष्ट्रीय स्तर तक अपनी धमक पहुंचाई . अपने इतने बड़े लम्बे करियर में अनिल कपूर ने लगभग 125 फिल्मों में अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरा है . आज इस सदाबहार अदाकार का जन्मदिन है . पूरा देश इनके लिए शुभकामनायें व्यक्त कर रहा है.