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Exclusive: मेरे और रितिक के बीच क्या हुआ यह अब बीती हुई बात है, मैं गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ना चाहती: कंगना रनौत

भारतीय हिंदी सिनेमा में अभिनय की शिखर में काबिज अभिनेत्री कंगना रनौत अपनी अदाकारी के साथ-साथ अपने अभिनय के लिए भी काफी ज्यादा मशहूर हैं, तीन बार राष्ट्रिय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री अपने वाक्तव्य शैली के लिए भी हमेशा ही सुर्खियों में रहती हैं. अपनी हर फिल्मों से दर्शकों के दिलों में छाप छोड़ने की एक अलग कला से माहिर हैं कंगना रनौत.

पीपिंगमून.कॉम अभिनेत्री कंगना रनौत के साथ बेहतरीन सवाल और जवाब की एक फेहरिश्त लेकर आया है.

आपने कहा था कि मुंबई में बारिश अच्छी है, क्या आप इस मौसम को एंजॉय करती हैं?

हां और नहीं, मैं अश्विनी अय्यर तिवारी की पंगा के लिए पवई में कुछ कबड्डी एक्शन सीन की शूटिंग कर रही थी, तब बारिश आई और चीजों को ठंडा कर दिया, मौसम निश्चित रूप से माहौल को बेहतर बनाता है, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि पिछले कुछ समय से फोन लाइन्स प्रभावित हुई हैं, कम से कम पिछले दो दिनों में मौसम ठंडा हुआ है, तो अब एक्शन सीन शूट करने के लिए मौसम ज्यादा अच्छा है.

राजकुमार राव के साथ ‘जजमेंटल है क्या’ के ट्रेलर को काफी सराहना मिली है, आपने अभिनेत्री के तौर पर उसमे एक्स फैक्टर लाया है.

शुक्रिया आपका, लेकिन ये एक लंबा सफर रहा है जब अब महिला एक्टर्स की भी मेल सुपरस्टार के तर्ज पर सराहना होने लगी है, मैं इसके लिए अपने दर्शकों और मीडिया की भी शुक्रगुजार हूं. मेरी फिल्में कुछ अलग तरह के विषय से लोगों को अवगत करा रही हैं.

रयूमर्स कुछ ऐसे भी थे कि आपके और प्रोड्यूसर एकता कपूर के बीच फिल्म को लेकर कुछ डिफरेंसेस थे, क्या ये सही है?

एकता एक मजबूत नेतृत्व वाली महिला है जैसी मैं हूं, हां, ये सही है कि हमारे कुछ डिफरेंसेस थे, इसके पहले भी हमारे विचारों में डिफरेंसेस रहे हैं, लेकिन मेरा ये व्यक्तिगत विचार है कि एकता ने शानदार काम किया है.

क्या आपने बादशाह के साथ प्रमोशनल वीडियो शूट किया है?

यह एक संवेदनशील फिल्म है और एक संवेदनशील मुद्दे से संबंधित है, पर जैसा मैंने कहा है कि मैं एकता से मिली थी, उसने क्रिएटिव और मार्केटिंग को लेकर कहा था, इसलिए मुझे उसके मार्केटिंग अनुरोधों का पालन करने में खुशी हुई.

रितिक रोशन की ‘सुपर 30’ के दिन आपकी फिल्म लाने का किसका आईडिया था?

वैसे यह निश्चित रूप से मेरा विचार नहीं था,एकता द्वारा और उनकी टीम के द्वारा तारीख चुनने के बाद मुझे इसके बारे में बताया गया, लेकिन जब आप स्टूडियो के साथ काम कर रहे होते हैं तो अधिक लोकतांत्रिक होते हैं. जब आप व्यक्तिगत प्रोड्यूसर से डील कर रहे होते हैं तो कई बार चीज़ें ऑटोक्रेटिक हो जाती हैं, मैं निश्चित रूप से अपने अतीत से कोई लाभ प्राप्त करके इस फिल्म का प्रमोशन नहीं चाहती थी. मैं गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ना चाहती,रितिक और मेरे बीच जो कुछ भी हुआ वह बहुत दूर जा चुका है, उसे बार-बार उजागर करने में कोई सेंस नहीं है. कुछ भी हो लेकिन ये मेरा विचार नहीं था. ‘जजमेंटल है क्या’ एक युवा केंद्रित मूवी है, जैसे ‘कबीर सिंह’ के पास युवा ऑडियंस गयी हैं वैसी ही हमारी फिल्म को भी चाहिए, हमारे लिए ‘कबीर सिंह’ ज्यादा बड़ा खतरा है बजाय ‘सुपर 30’ के, इसलिए हम ‘कबीर सिंह’ और हमारी फिल्म के बीच में ज्यादा गैप चाहते थे, हमने तो ‘सुपर 30’ के बारे में सोचा भी नहीं था. इस कदम से एकता ने एक अच्छे बिजनेस की झलक दिखाई है.

क्या फीमेल सेंट्रिक फिल्म को बॉक्स ऑफिस बिजनेस में दिक्कत आती है?

शायद हमे बराबर अटेंशन मिले, लेकिन जब बात बॉक्स ऑफिस नंबर की आती है तो मेल सेंट्रिक फिल्मों के लिए बड़े नंबर लाना आसान हो जाता है, 70 से 80 प्रतिशत दर्शक मेल ही रहते हैं, मेरी फिल्में शहरी दर्शक ज्यादा देखते हैं, मैं चाहती हूं कि मेरी फिल्मों की पहुंच अब शहरी इलाकों से गाँव तक पहुंचे.

क्या आप 6 जुलाई को नई फिल्म लॉन्च कर रही हैं?

हां, में स्पाई थ्रिलर की घोषणा कर रही हूं, जिसका नाम ‘धाकड़’ होगा. मैं उस फिल्म को लेकर काफी ज्यादा उत्सुक भी हूं.

क्या ‘पंगा’ दर्शकों के बीच में ‘दंगल’ जैसी अपील करेगी?

दंगल एक कहानी थी जिसे पिताजी के दृष्टिकोण से कहा गया था,यह पुरुष केंद्रित फिल्म थी,इसलिए इसकी  अपील बड़ी थी, पंगा माँ के दृष्टिकोण से है, इसलिए अपील थोड़ी कम हो सकती है. जैसा कि मैंने पहले ही कहा है कि हमारे दर्शक 70-80% पुरुष प्रधान हैं.

आज के दौर में क्या फिल्म सीता और गीता या फिर चालबाज जैसी फिल्मों का स्कोप है?     

नहीं, उन फिल्मों ने अपने दौर में बहुत अच्छा किया, वे अलग तरीके की फिल्में थीं क्योंकि वो  समय भी अलग था,  उन स्वरूपों को दोहराया नहीं जा सकता। जो हेमा मालिनी जी ने किया या श्रीदेवी जी ने अब वो नही चलेगा.

बॉलीवुड के लगातार मेल सेंट्रिक बने रहने पर आपके क्या विचार हैं?

मैं कह रही हूं कि पुरुष और महिला दर्शकों का अनुपात बहुत अलग है, इसलिए मेल सेंट्रिक या फिर खान सेंट्रिक फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छा प्रदर्शन करती हैं, फिल्म मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी के लिए हमने बहुत मेहनत की थी, फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी 100 करोड़ का कारोबार किया था, लेकिन फिर भी हमारी मेहनत को उतना नही आका जाता है.

 

(Source-Peepingmoon)

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