मुझे अफसोस है कि मैंने कभी ऋषि कपूर का इंटरव्यू नहीं लिया. या फिर उन्हें कभी जानने का मौका नहीं मिला. लेकिन मेरे पास दिग्गज अभिनेता के दो कभी न भूल पाने वाली यादें हैं. वह शौकीन से ज्यादा मजाकिया हुआ करते थे. बता दूं कि दोनों ही किस्सों का ताल्लुक मुंबई के ताज महल होटल में खाने से जुड़ा हुआ है.
ऋषि कपूर खाने के शौखिन थे. नहीं, दरअसल वह थोड़े पेटू थे. उन्हें खाने की अच्छी पहचान थी और वह खाने और ड्रिंक्स पर अपनी राय देने से कभी पीछे नहीं हटते थे. मैंने उनके साथ ताज में दो बार खाना खाया था और उनकी इसी खूबी की वजह से वह दोनों पल मेरे लिए यादगार बन गए.
जब पहली बार हमने साथ में खाना खाया था, तब मेरे दोस्त हेमंत ओबेरॉय, जो की ताज किचन के हेड शेफ हैं, उन्होंने मुझे देसी पंजाबी खाने के एक मेनू का नमूना लेने के लिए आमंत्रित किया था, जिसमें उन्होंने क्यूरेट किया था कि ग्रैंड ट्रंक रोड पर भांगड़ा करने वाला कोई भी सरदारजी ट्रक ड्राइवर होगा. हेमंत, जो एक सिख हैं, ने सुझाव दिया कि मैं अपने साथ अपने किसी सिख दोस्त को लेकर खाने की प्रामाणिकता का परीक्षण लेने के लिए आउ.
ऐसे में मैंने एक खूबसूरत सिखणी को साथ लिया. वहीं, नीतू (सिंह) कपूर ने एक रात हेमंत के देसी पंजाबी मेनू का इनविटेशन कुबूल किया. जैसे की वह खुद एक सिखणी हैं, तो वह इन सभी चीजों के बारे में जानती थीं. मुझे लगा कि यह एक अच्छी कहानी है और इससे भी अच्छी तस्वीर. दुर्भाग्य से इस मौके पर नीतू अपने साथ ऋषि को साथ ले आई. और वह उस दौरान सही मूड में नहीं थे.
घर से निकलने से पहले एक्टर ने एक-दो ड्रिंक्स का सेवन किया था. दूसरी तरफ मेरी आंखों के सामने, नीतू और मैंने भी एक-एक कर हेमंत के मेन्यू कोर्स को देखा, वहीं ऋषि ने ब्लैक लेबल की एक बोतल खुद ही खत्म कर ली. और वह डिनर का अंत था. क्योंकि जिस रेस्तरां में हम खाना खा रहे थे, वह आधी रात को बंद हो जाता है. लेकिन हमारी पार्टी की तब शुरुआत थी. वहीं ऋषि पार्टी के लाइफ और सोल थे.
यह मांग करते हुए कि हमें चैंबर्स में ले जाया जाए, ताज का एक्सक्लूसिव बिजनेस क्लब, ऋषि ने ब्लैक लेबल की एक और बोतल मांगी और हेमंत को अपनी पसंदीदा क्लासिक फ्रेंच डक ए लोरेंज बनाने का आर्डर दिया. जिसके बाद ऊंची और ऑफ-की आवाज में एक्टर ने गाना शुरू किया. वहीं, दूसरी तरफ रसोई में जाते हेमंत के चेहरे पर दुख की झलक देखने मिल रही थी. मुझे उन्हें देख समझ रहा था कि वह अपने शाम के प्लान को लेकर मन ही मन पछता रहे थे.
लेकिन आगे हेमंत के लिए और भी मुश्किल खड़ी होने वाली थी. चैंबर्स के प्राइवेट डाइनिंग रूम में से एक का उपयोग रात के खाने पर एक शोक सभा के लिए किया जा रहा था. उसी समय ऋषि की आवाज सुन सुनकर पीड़ित परिवार में हड़कंप मच गया. मैं उनकी सरप्राइज कभी नहीं भूलूंगा. पसीने से ऋषि का चेहरा निखर आया था, ऋषि खुद एन्जॉय कर रहे थे. दर्शकों को देखकर, वह एक पायदान ऊपर चले गए, लेकिन नीतू ने उस समय कदम रखा और माफी मांगने के बाद, ऋषि को चैम्बर से लेकर जल्दी से बाहर निकाल गयीं. वह मेरे जीवन का अच्छा समय था!
दूसरी मुलाकात हमारी ताज की बॉलरूम में हुई थी और उस दौरान इंडियन फूड का एक शानदार मेनू लंदन के दिग्गज शेफ और रेस्टॉरटूर गॉर्डन रामसे द्वारा सेलिब्रिटी डिनर के लिए तैयार किया गया था. वह भारत के दौरे पर थे, उस दौरान वह ब्रिटेन के चैनल 4 के लिए एक टेलीविज़न शो कर रहे थे, लेकिन मुझे नहीं पता की क्यों रामसे ने उनके द्वारा तैयार किए गए इंडियन फ़ूड को जाने माने चेहरों, रॉयल्टी और बॉलीवुड सेलेब्स से भरे बॉलरूम को ट्रीट देने का फैसला किया. किस्मत से ऋषि और नीतू कपूर मेरी टेबल पर थे. मुझे पता था कि आतिशबाजी होगी, और मैं उसका इंतजार कर रहा था.
बता दूं कि रामसे का खाना बेहद बकवास था. उनके जरिए किया गया काम पूरी तरह से गलत हो गया था. काश उन्होंने अपने टीवी शो हेल्स किचन पर तैयार किये गए खानों की तरह चुपचाप खाना दे दिया होता. लेकिन इस दौरान सबसे बुरी बात यह थी कि वह अनायास हमें यह समझाने की कोशिश कर रहे थे कि उनके द्वारा बनाया गया सबसे बेहतरीन इंडियन फ़ूड है, जो हमने खाया. जिसके बात लोग अलग-अलग तरह की सलाह उनके खाने को लेकर देने लगे. लेकिन इसी बीच ऋषि का गुस्सा फूटा. उन्होंने चिल्लाया, "क्या बकवास है!", उनका चेहरा लाल हो गया था. सभी की आवाजे आनी शुरू हो गयी थी. जिसमे ऋषि चिल्लाते हुए हेमंत! हेमंत! बुलाते हैं, जिसके बाद हेमंत सभी के लिए खाना पकाने के लिए ताज की रसोई में चले जाते हैं. वहीं, गॉर्डन रामसे को आखिरी बार मैंने देर रात फ्लाइट घर के लिए पकड़ते हुए देखा था.