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Peepingmoon Exclusive: 'मुझे हमेशा अफसोस रहेगा कि 'तेरी मिट्टी' के बदले जो गाना चुना गया था उसके लिरिक्स अवॉर्ड के लायक नहीं थे' : लेखक और गीतकार मनोज मुंतशिर

लेखर और गीतकार मनोज मुंतशिर का लिखा गाना 'दिल तोड़ के' ने इंटरनेट पर धूम मचा दी है. इस गाने का मुखड़ा साल 1995 में आई फिल्म 'बेवफा सनम' के गाने से लिया गया है. सनम बेवफा में इस गाने को उदित नारायण ने गाया था. हालांकि नए गाने में पुराने गाने के मुखड़े से जोड़ते हुए मनोज मुंतशिर ने कमाल की लाइनें लिखी हैं. लेखक और गीतकार मनोज मुंतशिर ने पीपिंगमून से एक्लूसिव बातचीत की. मनोज ने  'दिल तोड़ के' गाने के लिखने से लेकर राजामौली की फिल्म बाहुबली कैसे मिली तक पर खुलकर बातचीत की, साथ ही 'तेरी मिट्टी' गाने को अवॉर्ड नहीं मिले पर भी अपनी नाराजगी रखी. 

सवाल- 'दिल तोड़ के' गाने के बारे में बताएं, इसके बोल में 90 का दशक तुंरत याद आता है आप पर उस दौर का कितना असर रहा है ?
जबाब-
'दिल तोड़ के', ऑफकोर्स जो 90's का एक बड़ा सा एक मेलोडियस पीरियड था उसकी याद दिलाता है, क्योंकि इस गाने की जड़ उसी दौर में है, लेकिन जो भी गाना हम रीक्रिएट करते हैं, तो इस बात का बहुत ध्यान रखते हैं कि वो गाना रियर लगे, अगर वह गाना हमने ऐसे का ऐसा ही उठा कर दे दिया, तो जाहिर सी बात है उनको लोगों को इस गाने से कनेक्ट ही नहीं करेंगा. तब से लेकर अब तक बहुत चीजें चीजें बदल गई है. पोएट्री बदल गई है एक्सप्रेशंस बदल गए हैं. जब 90's का पीरियड था तब बड़ी परियों की कहानी वाली बातें की जाती थी, चांद आसमान समंदर बहुत मेटाफरिक टाइप बातें होती थी. लेकिन अभी मेटाफरिक बातें यंगस्टर को अच्छी नहीं लगती है. उनको पसंद आता है डायरेक्ट, जो कहना है सीधे-सीधे कहो,  इसलिए हमने 'दिल तोड़ के' गाने के लिरिक्स हमने बदल दी है, जो एक मेन लाइन है वो रखकर बाकी सब बदल दिया. जब आप इस गाने को सुनिए तो आपको लगेगा हां यह साल 2020 का गाना है. जहां तक बात 90's के असर की है, तो हां मैं उस दौर का बच्चा हूं तो जाहिर की बात है उस दौर का असर आएगा ही. मैं 90's के गाने सुनकर, नदीम श्रवण अनु मलिक के गाने सुनकर बड़ा हुआ हूं जो उस वक्त का म्यूजिक था टी-सीरीज के गाने तब भी राज करते थे तो मैं वहीं सुनकर बड़ा हुआ हूं और मैं कितनी भी कोशिश कर लूं लेकिन मेरे अंदर से 90's का दौर नहीं निकलेगा, तो आज भी जब भी मैं लिखता हूं तो कोशिश करता हूं उस दौर की जो मेलोडी थी, सादगी थी, कहीं ना कहीं रह पाए और साथ ही जिस दौर में खड़ा हूं यानी 2020 भी मेरे गाने में नजर आना चाहिए.

सवाल- अभी भी बहुत से लोग हैं जो नहीं जानते हैं कि 'बाहुबली' के हिंदी डायलॉग आपने लिखे हैं तो जरा उसके बारे में बताएं कैसे वो प्रोजेक्ट आपको मिला और कितना मुश्किल था ये सीक्रेट रख पाना कि 'कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा' ?
जवाब-
'बाहुबली' मुझे ऐसे मिला दरअसल उस वक्त में 'एमएस धोनी द अनटोल्ड' स्टोरी के गाने लिख रहा था और यह फिल्म थोड़ी सी आगे हो गई. उस समय साल 2014 में क्रिकेट वर्ल्ड कप भी शुरू होने वाला था, तो एमएस धोनी साहब चाहते थे कि क्रिकेट वर्ल्ड कप के उपर कोई एंथम बने, तो उन्होने 'एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी' के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर नीरज पांडे से उन्होंने रिक्वेस्ट की कि आप एक एंथम बना दे इंडियन क्रिकेट टीम के लिए, तो हम एक एंथम बनाने के लिए हैदराबाद गए. वहां एम एम कीरवानी सर जो एक लीजेंडरी म्यूजिक डायरेक्टर है, उनके साथ हम गाना बना रहे थे और एक दिन में कुछ लिखकर प्रसाद स्टूडियो में एम एम कीरवानी सर को सुना रहा था, तभी बहां मौजूद एसएस राजामौली ने मुझे सुना और शायद वही मोमेंट था जब उन्होंने यह तय कर लिया कि मैं जिस तरह से बोल रहा हूं उनका बाहुबली भी उसी तरह से बोले. फिर उसके बाद उन्होंने मुझे 'बाहुबली' ऑफर की, उस वक्त में काफी घबरा गया था क्योंकि मैंने कभी भी इससे पहले डायलॉग्स नहीं लिखे थे. 'बाहुबली' मेरी पहली फिल्म थी जिसमें मैंने डायलॉग्स लिखें. ये इत्तेफाक ही है कि मैंने पहले 'बाहुबली 1' और फिर 'बाहुबली 2' दोनों फिल्म के डायलॉग्स लिखे, गाने मैंने लिखें और फिर जो हुआ वो सब आज एक हिस्ट्री है और 'बाहुबली ने कटप्पा को क्यों मारा' इसको सिक्रेट रखना बहुत मुश्किल था. मैं उस वक्त जहां भी जाता था सब लोग यही पूछते थे कि बाहुबली ने कटप्पा को क्यों मारा मेरे दोस्त घर वाले सब यही पूछते थे और मैंने सब से इस बात को छुपा कर रखा था क्योंकि एक प्रोफेशनल कमिटमेंट था हम इस बारे में कहीं भी किसी से भी बात नहीं करेंगे और कमिटमेंट मतलब इस लेवल का था की फैमिली तक से मैंने इस बारे में बात नहीं की. 

सवाल- सोशल मीडिया पर आप इंडिया के रियल टैलेंट्स के वीडियो भी शेयर करते रहते हैं, आप अपनी तरफ से नए लेखकों को कैसे आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं ? 
जवाब-
देखिए, नए राइटर्स को पहले खुद को आगे बढ़ाना होगा, और वह तरीका यह है कि सिर्फ ग्लैमर और चमक-दमक के लिए फिल्मी दुनिया में ना आए अगर आपका मकसद वाक्य में अपने काम को बड़े स्केल पर दिखाने का है तो पहले अपना काम मजबूत करें और जब आपके अंदर खुशबू पैदा हो जाएगी तो उस खुशबू के खरीदार अपने आप आ जाएंगे. मुझे ऐसा लगता है कि नए राइटर्स में प्रॉब्लम यह होती है मैं बहुत बार यह देख रहा हूं हर जगह बहुत आधा कच्चा आधा पक्का लिखा हुआ है पढ़ा हुआ नहीं है किसी ने गहराई से स्टडी नहीं की हुई है बिना स्टडी किए बिना यह जाने कि आपसे पहले कितना अच्छा लिखा जा चुका है अच्छा कैसे लिख सकते हैं. अगर आपका बेंच मार्क ही सेट ही नहीं है, अगर आपने टेस्ट ही डिवेलप नहीं किया अच्छी पोएट्री का, तो आप कैसे अच्छा लिखेंगे तो बस मैं इतना ही चाहता हूं जो भी नए लिखने वाले हैं वो तभी फिल्म इंडस्ट्री में कदम बढ़ाए जब उन्हें पता हो वह कुछ नया और अलग कर सकते हैं. दिमाग में यह ना बैठा है कि सिर्फ यहां पर ग्रैलमर है चमक-दमक है पैसा है यह सोच आपकी पूरी जिंदगी बर्बाद करती हैं लेकिन हां यह भी सच है कि अगर आपके पास देने के लिए कुछ नया है तो यह इंडस्ट्री दोनों बाहें खोलकर आपका स्वागत करेंगी. इससे पहले आप यह डिसाइड करें कि आप इस इंडस्ट्री में क्यों आना चाहते हैं. इस ट्रेन पर  बैठने से पहले अपने आप से 10 बार ये सवाल करें की आपके पास देने के लिए क्या कुछ नया है क्या कुछ अलग है. मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करता हूं कि मेरे पास जो भी नए राइटर्स आते है उनको आगे बढ़ाऊ. मैं लगातार यूट्यूब चैनल से नए राइटर्स को टिप्स देता रहता हूं. मेरा यूट्यूब चैनल पूरा इसी पर है कि कैसे नए राइटर्स को नए लोगों को प्रमोट किया जाए और आगे बढ़ाया जाए.

सवाव- कौन से ऐसे फेवरेट स्टार्स और फिल्म डायरेक्टर हैं जिनके लिए आप लिखना चाहते हैं ?
जवाब-
मुझे लगता है मैं लगभग सभी के लिए लिख चुका हूं तो ऐसी कोई ख्वाहिश बची नहीं है. (हंसते हुए) इंग्लिश में लिखता नहीं वरना मैं जरूर कहता कि मैं एंजेलिना जोली के लिए गाना लिखना चाहता हूं. वह मुझे बहुत अच्छी लगती है पर ऐसा कभी होगा नहीं क्योंकि मैं कभी इंग्लिश में गाना लिख नहीं पाऊंगा और रही बात हिंदी की तो हिंदी में मैं सबके लिए चुका हूं और कई लोगों के लिए लिख रहा हूं.

सवाल- 'तेरी मिट्टी' गाने को जब अवॉर्ड नहीं मिला था तब सभी को मायूसी हुई थी, आपने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर आवाज उठाई थी. अब आपका नया गाना 'दिल तोड़ के' भी ट्रेंड कर रहा है तो हम मानें कि आपने बहुत से लोगों को करारा जवाब दे दिया है ? 
जवाब-
 नहीं नहीं करारा जवाब नहीं कभी नहीं, मुझे इस गाने को अवॉर्ड नहीं मिलने पर मायूसी नहीं हुई थी, आप मेरी बात का एंगल समझे मेरा मतलब यह था कि अगर आप मेरे गाने को जज नहीं कर सकते और आप का जजमेंट इतना कमजोर है तो आप मेरे गाने को जज करने लायक ही नहीं है. आपने मुझे अवॉर्ड नहीं दिया नहीं है बल्कि मैंने आपको खुद अपने गाने को अवार्ड देने की जज करने की परमिशन से हटा दिया. यह समझने वाली बात है मैं मायूस नहीं था, मेरा घर पूरा अवॉर्ड से भरा हुआ है मुझे इस गाने को लेकर कई अवॉर्ड्स मिले एक अवॉर्ड तीन तीन चार चार बार मिला. सवाल बस ये था कि जब एक सिपाही जंग पर निकलता है....अपने होठों पर ये गाना लेकर निकलता है 'तेरी मिट्टी' गाता है. बात बस ये थी कि आप जिस अवॉर्ड की बात कर रहे है...मैं उस शो के लिए ये कहना चांहूगा कि अगर आप उस गाने की वैल्यू नहीं समझते और आप यह सोचते हैं कि कोई और गाना जो किसी पैरामीटर पर नहीं है जिसके लिरीक्स कुछ नहीं है, जो किसी भी पैरामीटर पर खरा नहीं उतरता, और उसके बावजूद वह आपको बेहतर गाना लगता है फिर प्रॉब्लम आपकी समझदारी में हैं और आप मुझे जज करने लायक नहीं है यह बस इतनी सी बात थी और जिस अवॉर्ड शो कि अब बात कर रहे हैं इस अवॉर्ड शो में और भी बहुत बेहतर और अच्छे गाने नॉमिनेटेड थे. आप उन गानों को अवॉर्ड दे देते. मैं बहुत खुश होता. आपने 'बेख्याली' गाने को दे दिया होता. 'कलंक' फिल्म का टाइटल ट्रक था बहुत सारे अच्छे गाने नॉमिनेटेड थे. मुझे यह अफसोस था कि आपने तेरी मिट्टी के बदले जो गाना चुना वह गाना इस लायक ही नहीं था कि उसे लिरीक्स का कोई अवॉर्ड मिले. अगर उस गाने के बदले किसी और गाने को अवॉर्ड मिला होता तो भी मुूझे सब्र होता. 

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