60 साल की उम्र में 16 की नजाकत रखने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस नीना गुप्ता तीन दशकों से अधिक समय से सभी को एंटरटेन कर रही हैं. बता दें कि वह नेशनल अवॉर्ड विनर और नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से ग्रेजुएट हैं, जिन्होंने अपनी एक्टिंग से कई दिलचस्प किरदारों को जीया है. अब, एक्ट्रेस जो अब बॉलीवुड की मॉम के रूप में जानी जाती हैं, वह बहुत जल्द अपनी बेटी मसाबा गुप्ता के जीवन पर आधारित सीरीज में भी नजर आने वाले हैं. बता दें कि इस सेमी-फिक्शन नेटफ्लिक्स सीरीज का नाम 'मसाबा मसाबा' है, जिसे सोनम नायर ने को-राइट और डायरेक्ट किया है.
28 अगस्त, 2020 को शो के रिलीज से पहले उत्साहित दिग्गज एक्ट्रेस ने PeepingMoon.com के साथ दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बेटी के एक्टिंग स्किल को 10 में से अंक देने की बात पर कहा, "मुझे लगता है रेटिंग देना नहीं चाहिए क्योंकि कुछ ज्यादा ही अच्छा दे दूंगी तो लोगों के एक्सपैक्सटेशन्स बढ़ जाएंगे.हालांकि, गर्वित मां, जो स्पष्ट रूप से प्रभावित हैं, वह बेटी की एक्टिंग स्किल के बारे में जानकर आश्चर्यचकित हैं, और उन्होंने बेटी को 10 में से 9 दिए हैं. पक्षपाती होने की संभावनाओं को कम करते हुए, नीना आगे कहती हैं, "इसलिए नहीं कि वह मेरी बेटी है लेकिन मुझे सीरीज में उसकी एक्टिंग करने का तरीका पसंद आया."
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इस तथ्य को छूते हुए कि उनके करियर ने 'बधाई हो' की सफलता के बाद एक सुखद मोड़ आया और उन्हें पसंदीदा छोटे शहर की आदर्श मां, जो सरल, धीर, भरोसेमंद है, उसे बेहद पसंद किया गया. यह कहते हुए कि वह कई साल से टैग का इंतजार कर रही थी, नीना ने कहा कि उन्हें अब करने के लिए दिलचस्प भूमिकाएं मिल रही हैं. वह कहती हैं, "मैं कई सालों से इस टैग को चाह रही थी. इस तरह की माताओं के लिए अच्छी भूमिकाएं लिखी जाती हैं, क्योंकि हमारी सोसाइटी में ऐसे ही मॉम्स है, फैशनेबल और मॉडर्न कम हैं और लोग उनसे कनेक्ट नहीं कर पाते. ऐसे में अब, मुझे काम करने के लिए कुछ बहुत दिलचस्प स्क्रिप्ट मिल रही हैं."
अनुभवी एक्ट्रेस ने उस समय को याद किया जब वह इंटरव्यूज में जाया करती थीं और उनसे कोई भी सवाल नहीं पूछता था. जेंडर बायस पर रोशनी डालते हुए, एक्ट्रेस कहती हैं, "औरत आदमी से नीचे ही है ऐसा हमारे सोसाइटी के 99% लोग मानते हैं. अगर समाज इस तरह से सोचता है, तो महिलाओं के लिए लिखे गए कंटेंट को नजरअंदाज कर दिया जाएगा."
नीना ने एक उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि उनके दोस्त जो शिक्षित और आधुनिक परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, उनका मानना है कि "हसबैंड बाहर है न तो कुछ भी खा लेता है. लेकिन वो घर पे हो तो प्रॉपर खाना बनता है."