शाहरुख खान और काजोल की दिल को छू लेने वाली फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' के बारे में कौन नहीं जानता. हर फिल्म लवर के दिल और दिमाग पर राज करने वाली इस फिल्म के रिलीज को अब 25 साल हो चुके हैं. इस फिल्म के साथ आदित्य चोपड़ा ने बतौर डायरेक्टर अपना डेब्यू किया था. यह कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म में वो सब कुछ है जो एक रोमांटिक फिल्म में होना चाहिए, जैसे इमोशंस, ड्रामा, थोड़ा एक्शन और बहुत सारा प्यार.
फिल्म में भले ही शाहरुख और काजोल की अहम भूमिका है, लेकिन फिल्म के अन्य किरदार भी हैं जिनके बिना यह फिल्म अधूरी रहती. उन्ही किरदारों में से एक हैं हिमानी शिवपुरी जिन्होंने फिल्म में 'बुआ' की यादगार भूमिका निभाई थी. हिमानी ने काजोल की बुआ कम्मो कौर की भूमिका निभाई थी, जिसे घर बसाने के लिए के NRI की तलाश होती है. सुंदर, मजाकिया और एक सामान्य पंजाबी मध्यम आयु वर्ग की महिला, बनी हिमानी के अपने किरदार के साथ न्याय किया है.
आज, जैसे की दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे की रिलीज को 25 साल पूरे हो चुके हैं, हिमानी ने फिल्म के पोटेंशियल रीमेक से लेकर वेब स्पिन ऑफ तक कई चीजों पर खुलकर बात की है.
नीचे देखें इंटरव्यू:
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे एक क्लासिक है, रिलीज़ के 25 साल बाद भी ये नए जैसी लगती है. तब आपने ऐसा कुछ सोचा था?
हर्गिज नहीं. यह मेरी दूसरी बड़ी फिल्म थी और मैंने सिर्फ नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से इंडस्ट्री में एंट्री ली थी. मैंने अभी-अभी हम आपके हैं कौन .. किया था! और एक टेलीविजन शो. जब आदित्य चोपड़ा ने मुझे भूमिका के लिए फोन किया, तो मैंने उन्हें 'हसरतें' के सेट पर मिलने के लिए कहा था. उन्होंने आकर पूरी कहानी सुनाई और अंतराल के आसपास, मुझे फिल्म से प्यार हो गया. उन्होंने बताया कि मेरी भूमिका इंटरवल के बाद आती है क्योंकि फर्स्ट हाफ मुख्य रूप से यूरोप में है. शूटिंग के दौरान भी, यह बहुत मजेदार था. यह एक बड़ी स्टार-कास्ट थी और मैं उनमें से ज्यादातर से परिचित थी. मैंने त्रिमूर्ति में शाहरुख के साथ काम किया था, फरीदजी (जलाल) अच्छी थीं, काजोल मैड हैटर थी और यशजी (चोपड़ा) सेट पर मौजूद रहा करते थे. हम कहते भी साथ थे.
अब, मैंने 200 से अधिक फिल्में की हैं, लेकिन लोग अभी भी आते हैं और साड़ी सीन के बारे में बात करते हैं. मैं एक चैनल के इवेंट पर गयी थी और होस्ट ने मेरे उस सीन को दोहराया जिसमे मैं अनुपम खेर से पहली बार मिलती हूं. हमने कभी नहीं सोचा था कि फिल्म इतनी बड़ी हिट साबित होगी, जिसे मराठा मंदिर में चलाया जाएगा. अब भी, लॉकडाउन में लोगों ने इसे कई बार देखा है.
हमने फिल्म को ट्रायल में देखा था. शाहरुख, एक दिन, मेरे पास आए और पूछा कि क्या मैंने फिल्म को ऑडिटोरियम में देखा है. मैंने ना कहा. उन्होंने बताया कि मेरे सीन पर ऑडियंस का रिएक्शन मिस नहीं किया जा सकता है.
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के पक्ष में कौन सी चीज ने सही तरीके से काम किया?
यह एक सुंदर कहानी थी और इसमें पारंपरिक भारतीय मूल्य थे. फिल्म में काजोल शाहरुख के साथ भागने के लिए तैयार होती है, लेकिन वो उसे सही तरीके से लेकर जाना चाहता है. फिल्म में दर्शकों को भारतीय मूल्य मिले और साथ ही बड़े पर्दे पर स्विट्जरलैंड का नजारा भी देखने मिला. फिल्म में मेहंदी लगा के रखना जैसे गाने थे, जिन्हे सोने पर सोहागा कहा जा सकता है. फिल्म में हर एक एक्टर ने अपना योगदान दिया. शाहरुख और काजोल किसी जादू की तरह थे. यह एक प्यारी कहानी थी. उसके बाद, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे की तर्ज पर बहुत सारी फ़िल्में आईं.
क्या दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे आपके लिए एक गेम चेंजर थी?
हम आपके हैं कौन ..! और दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे यह दोनों ही थीं. दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के बाद मुझे मिली हर दूसरी भूमिका एक बुआ की थी. बुआ से एक नए करैक्टर आर्टिस्ट का जन्म हुआ. मैंने उनमें से हर एक को अलग बनाने की कोशिश की. इससे पहले, फीमेल करैक्टर आर्टिस्ट को एक मां और बहन की भूमिकाएं दी जाती थीं. लेकिन बुआ का किरदार दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे से लोकप्रिय हुआ. कॉमेडी नाइट्स विद कपिल में उपासना सिंह का किरदार दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे की बुआ की तर्ज पर था जो एक NRI की तलाश में थीं.
क्या अपने खास किरदार को यादगार बनाना चुनौतीपूर्ण था?
मैंने सिर्फ अपना किरदार किया, यादगार तो वो बन गया और इसके लिए स्क्रिप्ट को धन्यवाद. शाहरुख और अनुपम के साथ के सीन्स शानदार थे.हम एक जोरदार पंजाबी परिवार थे. 25 साल बाद भी, लोग फिल्म के सीन्स को याद करते हैं और उसके बारे में मुझसे बात करते हैं.
फिल्म से जुड़ा कोई ऐसा किस्सा, जो फिल्म के फैंस को पता नहीं है?
अगर आपको याद है, तो मैं इकलौती एक्ट्रेस हूं जो क्लाइमेक्स में नहीं है. दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे के फिल्मांकन के दौरान, मेरे पति का निधन हो गया था. मैं उनके निधन के बाद देहरादून गयी ताकि मेरा बेटा अंतिम संस्कार कर सके. यशराज फिल्म्स की टीम इतनी अच्छी थी कि उन्होंने मुझे आने के लिए भी नहीं कहा.
एक और दिलचस्प बात यह है कि गीत बहारों फूल बरसाओ को पामेला चोपड़ा (स्वर्गीय यश चोपड़ा की पत्नी) द्वारा गाया गया था. काजोल की बहुत सारी यादें हैं. हम सब एक साथ खाना खाते थे. एक दिन काजोल ने रिप्ड शॉर्ट्स पहनी थी. दोपहर का खाना करते समय, वह उठ गई और आदित्य के बालों में दही लगाना शुरू कर दिया. वह इधर-उधर दौड़ती, मेज पर चढ़ती थी. मुझे अर्चना अचला सचदेव का हैरान कर देने वाला चेहरा याद है और वह कहती है, 'हे राम हमारे ज़माने में हीरोइन कितने अदब से रहते थे. एक दिन धर्मेंद्र सेट पर गए थे और फरीदाजी ने उनसे मेरा परिचय कराया. वह बहुत दयालु और विनम्र थे. मेरे लिए, धर्मेंद्र से मिलना एक बड़ी बात थी.
दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का नए एक्टर्स के साथ रीमेक बनाने पर आपका क्या विचार है?
आज कल तो चल रहे हैं रीमेक.
मौजूदा समय में, अगर दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे को वेब शो में बनाया जाए, तो क्या यह विचार काम करेगा?
मुझे नहीं पता कि यह काम करेगा या नहीं. दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे का जादू बड़े पर्दे के लिए था. फिल्म बहुत सॉफ्ट और स्वीट थी. यहां तक कि जब शाहरुख और काजोल ने हाथ मिलाया था, तो वह प्यारा था, लेकिन अब, वेब सीरीज में चीजे हाथ पकड़ने से आगे चला गया है. मुझे यह पता नहीं है कि कैसे कांसेप्ट को ट्विस्ट करना पड़ेगा. कुछ शो में, मुझे लगता है कि वे ज़बर्दस्ती स्पष्ट कंटेंट डालते हैं क्योंकि उन्हें ऐसा करने की आजादी है. भले ही यह 'सेक्रेड गेम्स' जैसा टॉप शो क्यों न हो, लेकिन ऐसे सीन होते हैं. अगर दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे में वेब ट्विस्ट आता है, तो मुझे लगता है कि वे ट्रेन में ही प्यार करने लगेंगे.
क्या आप अभी भी अपने को-स्टार्स में से किसी के संपर्क में हैं?
इंडस्ट्री में, हर कोई व्यस्त है. एक बार जब आप किसी से टकराते हैं, तब उनसे मुलाकात हो जाती है.
रीयूनियन का कोई प्लान है?
चलो आशा करते हैं.
(Transcripted By: Nutan Singh)