By  
on  

PeepingMoon Exclusive: सकेत चौधरी द्वारा डायरेक्ट की जाने वाली कंधार हाईजैकिंग पर आधारित वेब सीरीज को प्रोड्यूस करेंगे श्रीराम राघवन

फिल्ममेकर श्रीराम राघवन को पिछले साल वरुण धवन के साथ फिल्म 'इक्कीस' की शूटिंग करनी थी. लेकिन, कोरोना लॉकडाउन की वजह से ये सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण कंटरपाल की लाइफ पर बेस्ड वॉर -ड्रामा फिल्म में देरी हो गई. दरअसल फिल्म में युद्ध के सीन को जिन जगहो पर शूट करना था उसकते लिए एक विशिष्ट मौसम की जरूरत थी. वहीं इसी के मद्देनजर ये प्रोजेक्ट अब इस साल सितंबर में फ्लोर पर जा सकता है. वहीं 'इक्कीस' की शूटिंग शुरू होने में जैसा कि अभी टाइम है तो फिल्ममेकर श्रीराम राघवन इस टाइम का इस्तेमाल करते हुए अपने एक नए प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू कर दिया है. 

Peepingmoon.com को एक्सक्लूशिव जानकारी मिली है कि श्रीराम राघवन 1999 में हुए कंधार हाईजैकिंग पर आधारित वेबसीरीज को कर प्रोड्यूस कर रहे हैं. जबकि सकेत चौधरी डायरेक्ट कर रहे हैं. राघवन उस सीरीज का निर्माण करेंगे जो इंडियन एयरलाइंस की उड़ान एसी -814 के अपहरण की डरावनी कहानी को आगे बढ़ाएगी जिसने भारत को अपने 176 यात्रियों और एयरलाइन्स के क्रू मेंबर्स को सुरक्षित करने के लिए तीन इस्लामिक आतंकवादियों को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था. राघवन, सकेत और अपनी टीम के साथ इस प्रोजेक्ट पर रिसर्च वर्क शुरू कर दिया है. टीम उस समय प्लेन के क्रू मेम्बर्स और यात्रा कर रहे पैसेंजर्स से बात कर रही हैं. राघवन और सकेत जाहिरा तौर पर इसे एक थ्रिलर के रूप में बनाने और अगले साल इसे माउंट करने की प्लानिंग कर रहे हैं. प्रोजेक्ट के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्म अभी तय नहीं हुआ है.

Recommended Read: PeepingMoon Exclusive: धूम 4 में बैड गर्ल बन दीपिका पादुकोण निभाएंगी लीड एंटागोनिस्ट की भूमिका?


साल 1999 में इंडियन एयरलाइन्स का एक प्लेन नेपाल से हाईजैक कर लिया गया था. आतंकी इसे काठमांडू से अमृतसर और लाहौर के बाद अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे. वहां 176 पैसेंजर्स की सेफ रिहाई के बदले आतंकियों ने मौलाना मसूद अजहर समेत 3 आतंकियों की रिहाई की शर्त रखी थी. इन आतंकियों को छोड़ने के लिए भारत से स्पेशल प्लेन भेजा गया था. हाईजैकर्स ने मौलाना मसूद अजहर के अलावा जेल में बंद 35 आतंकियों को छोड़ने और 20 करोड़ डॉलर की फिरौती की मांग की थी. बाद में हाईजैकर्स ने फिरौती की मांग छोड़ दी और तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया. उस वक्त की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पैसेंजरों की जान बचाने के लिए तीनों आतंकियों को छोड़ने का फैसला किया था. भारत की जेलों में बंद आतंकी मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को कंधार ले जाया गया था. इसके बाद 31 दिसंबर को पैसेंजर्स की रिहाई हुई, जिन्हें स्पेशल प्लेन से वापस लाया गया. इसी मसूद अजहर ने 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद बनाया था.

सोर्सेज के मुताबिक, 'कंधार हाईजैक ने भारत को अपने घुटनों पर ला दिया. भारतीय इतिहास पर एक धब्बा, इसने भारत की कमजोर अंडरबेली का पर्दाफाश किया और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार से सवाल किया कि संकट को संभालने में विफल रहा. आतंकवादियों ने सुरक्षा जांच को कैसे ध्वस्त किया, विमान और अपहरण को अंजाम दिया. भारत सरकार को अपनी मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर किया गया, अपहरणकर्ताओं के साथ क्या बातचीत हुई और दिल्ली में संकट प्रबंधन समूह ने शीर्ष नामों को कैसे बचाया, एक बचाव अभियान शुरू किया - श्रीराम राघवन की इस वेबसीरीज में इस हाईजैकिंग को बहुत ही विस्तृत डिटेल्स के साथ दिखाया जाएगा. राघवन वर्तमान में शोध कर रहे हैं और स्क्रिप्ट लिख रहे हैं और अपनी वरुण धवन की फिल्म पूरी करने के बाद इस सीरीज को बनाएंगे.'

कंधार हाईजैकिंग पर पहले भी कुछ फिल्मे बन चुकी है. जिसमें साल 2010 में मोहनलाल और अमिताभ बच्चन स्टारर मलयालम फ़िल्म कंधार, नागार्जुन की गगनम, और अजय देवगन, अभिषेक बच्चन और बिपाशा बसु स्टारर ज़मीन (2003) इसी हाईजैकिंग पर आधारित थीं. इसके अलावा, विशाल भारद्वाज ने 2014 में स्क्रीन पर इस कुख्यात हाईजैकिंग को फिर से बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन इस प्रोजेक्ट पर काम नहीं शुरू हो सका. 2018 में, निर्माता सरिता पाटिल ने IC-814 पायलट कप्तान देवी शरण की किताब, फ्लाइट इनटू फियर: द कैप्टन की कहानी के अनुकूलन के अधिकार हासिल कर लिए, लेकिन उस मोर्चे पर भी कोई और विकास नहीं हुआ है. 

Author

Recommended

PeepingMoon Exclusive