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PeepingMoon Exclusive: अर्जुन रामपाल और कोंकणा सेन शर्मा स्टारर होगी Applause Entertainment की 'द रेपिस्ट'

बॉलीवुड स्टार अर्जुन रामपाल इस साल बुक और व्यस्त लग रहे हैं. Zee5 के कोर्टरूम मनोवैज्ञानिक ड्रामा नेलपॉलिश के साथ 2021 की शुरुआत करने के बाद, रॉक ऑन स्टार आने वाले समय में कम से कम चार और प्रोजेक्ट्स में नजर आने वाले हैं. जबकि वह पहले ही अब्बास-मस्तान की नेटफ्लिक्स फिल्म पेंटहाउस को पूरा कर चुके हैं और वर्तमान में कंगना रनौत की फिल्म धाकड़ की शूटिंग कर रहे हैं. ऐसे में अब, Peepingmoon.com ने जाना है कि अर्जुन रामपाल ने एक सोशल ड्रामा को भी साइन किया है, जो बलात्कार के इर्द-गिर्द घूमती है. 

सवालो में घिरे इस प्रोजेक्ट को द रेपिस्ट टाइटल दिया गया है, जिसमे रामपाल के साथ कोंकणा सेनशर्मा भी नजर आने वाली हैं. कोंकणा की मां और जानी मानी बंगाली फिल्मकार अपर्णा सेन Applause Entertainment के बैनर तले निर्मित फिल्म का निर्देशन कर रही हैं. प्रोजेक्ट के विकास के करीब एक सूत्र ने कहा है, "रेपिस्ट एक हार्ड-हिटिंग ड्रामा है जो यह जांचता है कि बलात्कारियों के उपज के लिए समाज कितना जिम्मेदार है. यह पीड़ित के आघात, परिस्थितियों और एक महिला इससे कैसे जूझती है, यह दिखाता है. इसके प्री-प्रोडक्शन का काम शुरू हो चुका है और मार्च में आधिकारिक रूप इसकी शूटिंग शुरू हो जाएगी."

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रेपिस्ट को अपर्णा सेन के अन्य प्रोजेक्ट्स की तरह सोशल-पॉलिटिकल वास्तविकताओं से जुड़ा हुआ माना जा रहा है. उम्मीद है कि यह 36 चौरंगी लेन (1981), परोमा (1984), युगांत (1995), मिस्टर एंड मिसेज अय्यर (2002) जैसी उनकी फिल्मों के रूप में राजनीतिक और मुखर होगी. अर्जुन रामपाल- कोंकणा सेन शर्मा की फिल्म, फिल्म निर्माता की 'सारी रात' (2015) और हाइली इंटेलेक्चुअल सोनाटा (2017) तीसरी हिंदी आउटिंग है, जिसकी कहानी तीन मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं की इर्द-गिर्द घूमती है.

एक्टर-डायरेक्टर-एक्टिविस्ट ने हमेशा अपनी फिल्मों के माध्यम से महिलाओं के खिलाफ हिंसा, बलात्कार या धमकी के बारे में अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है. भारत में बलात्कार और हमलों के बढ़ते एपिसोड के बारे में बात करते हुए, अपर्णा सेन ने एक बार कहा था, "महिलाएं कभी भी अपने बलात्कारियों की निंदा करने के लिए आगे नहीं आईं क्योंकि उन्हें पता था कि यह किसी काम नहीं होगा,  वैसे भी किसे जिम्मेदार माना जाएगा. अक्सर वे परिवार के टूटने के डर से नहीं बोलतीं थी. आज, स्थिति मौलिक रूप से बदल गई है. कार्यस्थलों में मजबूत कानून हैं जहां यौन शोषण को बहुत गंभीरता से लिया जाता है और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है. महिलाएं आगे आने और अपने बलात्कारियों को बदनाम करने के लिए बहुत अधिक तैयार हैं."

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