फिल्म इंडस्ट्री ने मनोज बाजपेयी उन अभिनेताओं में से एक है, जो किरदार को अपनी डायलॉग डिलीवरी से और बड़ा बना देते हैं. अगर आप एक एक महत्वाकांक्षी अभिनेता हैं, तो मनोज से बेहतर कोई गुरु नहीं हो सकता है जो आपको क्राफ्ट और स्किल सीखने के दौरान किए जाने वाले प्रयासों को बता सके. 3 बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता का कहना है कि अभिनय आसान काम नहीं है और अभी भी लोग इसे हल्के में लेते हैं. अब, पीपिंगमून से बात करते हुए अभिनेता ने बताया कि वह ऐसा क्यों महसूस करते है.
मनोज ने कहा 'क्या आपको सच में लगता है कि किसी और का किरदार निभाना आसान काम है ? यह सालों की स्किल और क्राफ्ट की मांग करता है. यह किसी भी किरदार को हासिल करने की प्रक्रिया को सीखने की मांग करता है, इसमें सालों लगते हैं लेकिन अगर किसी को लगता है कि वे लाइन को सही ढंग से बोल सकते हैं, वे एक अभिनेता बन गए हैं. जिस तरीके से उनकी परफॉर्मेंसेस है उसे देखिये. मुझे लगता है कि यदि आप बॉक्स ऑफिस की कुछ सफलता का हिस्सा हैं, तो आप तुरंत एक अभिनेता बन जाते हैं. यदि आप अच्छी तरह से रोते हैं, तो तुरंत आप हमारे देश में सर्वश्रेष्ठ बन जाते हैं. अभिनय की परिभाषा बहुत उथली है. इसीलिए मैंने कहा कि इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता. कोई भी सोचता है कि वे एक अभिनेता बन सकते हैं. खुद को अभिनेता कहलाने के लिए स्किल और क्राफ्ट पर काम करने में कई साल लग जाते हैं. यह बहुत मुश्किल काम है.ट
बता दें, हाल ही में मनोज को 'भोसले' के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला.