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PeepingMoon Exclusive: अर्जुन कपूर के मुताबिक फिल्में नहीं चलने पर लोगों ने बनाया उन्हें इजी टारगेट और किया बदनाम

बॉलीवुड स्टार अर्जुन कपूर को दिबाकर बनर्जी की संदीप और पिंकी फरार में पिंकी दहिया के रूप में उनके प्रदर्शन के लिए हर तरफ से तारीफ मिल रही है.हालांकि COVID-19 लॉकडाउन के कारण फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अधिक समय तक नहीं चल पाई, लेकिन यह अमेज़न प्राइम वीडियो पर सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित कर रही है. जहां अर्जुन को उनकी एक्टिंग के लिए तारीफ पा रहे हैं, वहीं एक एक्टर के रूप में उनका करियर कई उतार-चढ़ावों से गुजरा है. जैसा कि वह संदीप और पिंकी फरार की बहुप्रतीक्षित सफलता का जश्न मना रहे हैं, ऐसे में अर्जुन ने PeepingMoon से बातचीत के दौरान लोगों द्वारा बदनाम किए जाने के बारे में बात की. उन्होंने बताया क्योंकि उनकी फ़िल्में नहीं चलीं, ऐसे में उनकी शारीरिकता और व्यक्तिगत पसंद पर सवाल उठाया जा रहा था.

PeepingMoon से की गयी खास बातचीत में अर्जुन कहते हैं, "क्योंकि मेरी फ़िल्में अच्छा नहीं कर रही थीं, इसलिए मेरी शारीरिकता पर सवाल उठाया जा रहा था, मेरी व्यक्तिगत पसंद पर सवाल उठाया जा रहा था, मुझे बदनाम किया जा रहा था, मैं एक इजी टारगेट बन गया और मैं कोई ऐसा व्यक्ति हूं जो इंडस्ट्री में बड़ा हुआ है, इसलिए मैं अपना मुंह बंद रखता हूं और अपना सिर नीचे रखता हूं. मैं पलटवार नहीं करता जैसा दूसरे करते हैं. मैंने हमेशा दूरी और गरिमा बनाए रखी है. यह उस दिशा में जा रहा था जिससे मैं समझ सकता था कि कुछ लोग मुझे मजे के लिए निशाना बना रहे हैं. शायद उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं है कि उन्होंने मुझे कितना प्रभावित किया होगा. मैं उससे ज्यादा मजबूत हूं क्योंकि मैंने बहुत बुरा देखा है और उससे बाहर निकला हूं. लेकिन मैंने अपना सबक सीखा और कहा कि मैं ऐसा करने जा रहा हूं क्योंकि मेरा मानना ​​है कि वहां एक दर्शक है और मैं बीच में इस मूर्खतापूर्ण बकवास पर विश्वास करने के जाल में नहीं पड़ना चाहता."

(यह भी पढ़ें: संदीप और पिंकी फरार को बिना देखे ही फेल घोषित कर दिया गया था; सफलता आज लोगों के द्वारा फिल्म देखने के साथ मिली है- अर्जुन कपूर)

दिलचस्प बात यह है कि आदित्य चोपड़ा ने ही संदीप और पिंकी फरार के लिए दिबाकर को अर्जुन का नाम सुझाया था. इस बारे में एक्टर कहते हैं, "मैंने आदि सर से कहा था कि मैं दिबाकर के साथ इस तरह की फिल्म करना चाहता हूं. मैं इश्कजादे के बाद उस स्पेस में कुछ करना चाहता था. मैंने आदि सर और वाईआरएफ के साथ गुंडे की थी. उन्होंने मुझे कुछ चीजों का ऑफर दिया और जब हम इसके बारे में बात कर रहे थे, तो मैंने उन्हें बताया कि मैं क्या करना चाहता हूं और मैं इसे करने में सक्षम हूं अगर मैं इसमें अपना दिल और आत्मा लगा दूं. दिबाकर सर को इसके बारे में पता नहीं होता क्योंकि शायद उस समय मैं उस तरह की फिल्म नहीं कर रहा था. उन्हें शायद यह नहीं पता होगा कि सिनेमा के इस पक्ष में मेरा झुकाव, (मुझे इस शब्द से नफरत है), सिनेमा के इस तरफ और मैं उनके काम करने के तरीके तक पहुंचने के लिए सक्षम और तैयार था. हमारी पहली मुलाकात में, मैं यह मानना ​​​​चाहूंगा कि वह बहुत ज्यादा इस बात को मान गए थे कि मैं इतना महत्वपूर्ण मेनस्ट्रीम एक्टर नहीं बल्कि एक दिबाकर बनर्जी एक्टर हूं, क्योंकि हमने लगभग 6-8 घंटे बिताए और कहीं न कहीं इस दौरान बात बनी. मैं उस ग़लतफ़हमी के लिए लोगों को दोष नहीं देता लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे हर समय इसे बदलने के लिए किसी से मिलने की ज़रूरत है. लोग बस यह समझते हैं कि बोनी कपूर का लड़का है और कुछ खास तरह की फिल्में करता है. मेरे पिता वही व्यक्ति हैं जिन्होंने कंपनी बनाई है और मैं वही व्यक्ति हूं जिसने औरंगजेब और फाइंडिंग फैनी की है. स्पेक्ट्रम के दोनों सिरे हैं. मेरे पिता ने अलग-अलग तरह की फिल्में की हैं और मैंने भी. कॉमर्स से जुड़े रहने का एक तरीका है. शायद मेरे निर्देशक व्यावसायिक रूप से अधिक रहे हैं इसलिए दिबाकर को इससे बेहतर पता नहीं था. मुझसे मिलने के बाद उनकी राय बदल गई. आदि सर दिबाकर सर से पहले मुझ पर विश्वास करने के श्रेय के पात्र हैं. जिस दिन से मुझे मेरी पहली फिल्म मिली, उसी दिन से उन्होंने मुझ पर विश्वास किया था."

(Transcribed by: Tanmayi Savadi)

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