ज़ी5 की फ़िल्म '200 हल्ला हो' में साहिल खट्टर एक नेगेटिव किरदार निभा रहे हैं. फिल्म में साहिल के अलावा बरुण सोबती, रिंकू राजगुरु, सलोनी बत्रा, इंद्रनील सेनगुप्ता और उपेंद्र लिमये जैसे कलाकार अहम भूमिकाओं में है, अभिनेता के किरदार का नाम बल्ली चौधरी है. इस किरदार के लिए साहिल ने खूब मेहनत और रिसर्च किया था. किरदार में ढलने के लिए उन्हें अपना वज़न भी कम करना पड़ा और इसके लिए साहिल ने क्रैश डाइट का पालन किया. हाल ही में पीपिंगमून से बातचीत में साहिल ने नेगेटिव रोल को चुनने और यौन शोषण जैसे विषयों पर राजनीति होने पर बात की.
इंटरव्यू:
साहिल आप नेगेटिव रोल निभा रहे हैं. नेगेटिव रोल निभाना एक चैलेंज के साथ- साथ बहुत बड़ा रिस्क भी होता है कि ऑडियंस किस तरह आपके करैक्टर को लेगी. क्या कहेंगे ?
जवाब- मेरा ये कहना है कि नेगेटिव कैरेक्टर पर चाहे नेगेटिव रिस्पॉन्स आये या पॉजिटिव, रिस्पॉन्स आना अच्छा है क्योंकि जिसे परफॉर्मेंस अच्छी लगेगी वो कहेगा यार मुझे परफॉर्मेंस बहुत अच्छी लगी और जिसे नहीं पसंद आएगा वो कहेगा यार मुझे किरदार ही नहीं पसंद आया. अगर विलेन से आप हेट (नफरत) नहीं करोगे तो फायदा क्या और मेरे तो दोनों हाथ घी में और सर कढ़ाई में है (हंसते हुए). जब मैंने ये कैरेक्टर लिया था तब मुझे बताया गया था कि विलेन का रोल है, सीरियल किलर, गैंगस्टर तो एक तो एक एक्टर को क्या चाहिए होता है कि गैंगस्टर का रोल मिल जाए, सीरियल किलर का रोल मिल जाए और साइकोटिक का रोल मिल जाए ये तो तीनों एक में है तो मुहे तो लगा कि भाई लॉटरी लग गयी. फिर मैंने इस केस के बारे में पढ़ा. ये जो भी घटनाएं घटी थी उनके बारे में पढ़ा. फिर मैंने सोचा कि अब तो इससे अच्छा कोई ओटीटी डेब्यू हो ही नहीं सकता क्योंकि मैं फनी इमेज ब्रेक करना चाहता था. क्यूंकि अगर आपने मेरे यूट्यूब वीडियोज देखे होंगे तो आपको पता होगा कि बहुत ज्यादा मजाकिया हूं. एक अभिनेता होने के नाते अगर मुझे रेंज दिखानी थी तो वो इस किरदार से सबसे अच्छी शुरुआत हो सकती थी और वही करने की मैंने कोशिश की है. बल्ली चौधरी से ऊपर मुझे नहीं लगता कि रेंज दिखाना एक अभिनेता होने के नाते मौका मिल सकता था.
क्या आपको लगता है कि आपके रोल के लिए आपके लुक ने बहुत हेल्प की है, जिस तरह से आपका बाल्ड लुक है ?
जवाब- बाल्ड लुक ने नहीं हेल्प की क्यूंकि मेरा ये लुक तो हमेशा से है. मेरी इमेज तो फनी गाय की है. ये जितना भी मैंने काम किया है वो सब फनी है. मुझे लगता है कि बाल्ड लुक ने उतना हेल्प नहीं किया जितना मूंछो ने किया है. एक एक्टर हमेशा चाहता है कि सुन्दर दिखे स्क्रीन पर और लोग उसकी सुंदरता की तारीफ़ करे. मैंने मूंछे रखी है एक क्यूंकि महाराष्ट्र का किरदार है और वैसी मूंछे किरदार को सूट करती थी और दूसरी मेरे मुंह पर बहुत ऑफ लगती है मूंछे. आपको जो किरदार पसंद नहीं आ रहा है, जो शॉक कर रहा है वो वो मूंछे है क्योंकि मैं आजतक उस लुक में दिखा नहीं हूं, कभी आया नहीं हूं और असली साहिल खट्टर से उस लुक को दूर रखना चाहता था. मैं चाहता था कि बल्ली चौधरी का ये किरदार प्रेजेंटेबल न लगे, इसके बारे में लुक में ही कुछ हो. मैंने इतनी प्रिपरेशन कर रखी थी कि मैं कैरेक्टर को इंटरनलाइज कर लूंगा. जॉब आप कहते है कि लुक बहुत खूंखार लग रहा है, वो मैं चाहता था लगे.
आपने कहा था कि आपके रोल के लिए कास्टिंग टीम श्योर थी लेकिन जब आपको नरेशन दिया गया तो क्या उसके बाद क्या आप भी श्योर थे की आप ये रोल कर सकते है?
जवाब- मैं बिलकुल श्योर नहीं था बस मैं एक चीज के लिए कॉंफिडेंट था कि अगर मुझे ये करना है तो मैं घुस के तैयारी करूंगा. मैं कॉन्फिडेंट नहीं था लेकिन जो बाकी टीम थी वो बहुत एक्साइटेड थी और उसके बाद मैं उनसे ज्यादा एक्साइटेड हो गया जब मैं एक बार रिसर्च में घुसा. क्यूंकि कितनी ऐसी चीजें थी किरदार के बारे में जो बाद में मैं ढूंढ कर लाया. मुझे पता था कि अगर मैं घुस जाऊंगा तो किल कर दूंगा.
नेगेटिव रोल के लिए जितना भाषा उतना ही आंखो का एक्सप्रेशन मायने रखता है, क्यूंकि कुछ सीन्स को आप साइलेंटली सिर्फ आय एक्सप्रेशन से अच्छा बना सकते है. क्या आप मानते है इस बात को ?
जवाब- मैं नेगेटिव नहीं कहूंगा, मैं ऑल ओवर एक्टिंग कहूंगा. जैसे कहते है कि यार डायलॉग निकल दे अगर तू मुझे एक्सप्रेशन से ये फील करवा देगा तो मैं डायलॉग निकाल दूंगा. जब ये फिल्म रिलीज होगी तो आप देखेंगे कि जब- जब बल्ली चौधरी फ्रेम में आया है तब उसकी आंखें बात कर रही है जब वह नहीं भी बात कर रहा है. मतलब वो दरवाजे को देख रहा है तो ऐसे देख रहा है कि अभी तोड़ कर निकल जाएगा. अगर वो किसी से बात कर रहा है और बात करते हुए मार दिया तो बात करते हुए आपको उसकी इंटेंशन दिखेगी कि ये कितना खूंखार है.
रेप जैसे विषयों पर अक्सर पॉलिटिक्स होने लगती है, नतीजा कुछ निकलता नहीं लेकिन ऐसे लगता है बहती गंगा में सभी को हाथ धोना होता है, इसपर आप का क्या कहना है ?
जवाब- मैं कोई भी नहीं होता इतनी बड़ी चीज पर कमेंट करनेवाला. बहुत सारे लोग है जो इसके ऊपर कितना कुछ बोल सकते हैं. कई बार अपने हाथ में कानून लिया जाता है. जब ऐसे सारे केसेस सामने आते है तो इंसाफ जरूरी है और वो सबको मिलना चाहिए.