पिछले दिसंबर, मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह की पत्नी चित्रा सिंह ने मुंबई की बड़ी म्यूजिक कंपनियों के खिलाफ एफआईआर (First Information Report) दर्ज कराई थीं. जिसके बाद शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई की टॉप म्यूजिक कंपनी- 'टी-सीरीज', 'यशराज कंपनी' 'यूनिवर्सल कंपनी', 'सोनी' और 'सारेगामा' आदि नामी कंपनियों को आड़े हाथों लिया.
बता दें, गजल गायिका चित्रा सिंह ने इन बड़ी कंपनियों के खिलाफ 1500-2000 करोड़ की रॉयल्टी पे ना करने का आरोप लगाया हैं.
अंग्रेजी अखबार मिड-डे से बात करते हुए चित्रा ने बताया -' मुझे नहीं पता था कि कोई मेरी मदद के लिए आगे नही आएगा. एक अकेली विधवा महिला के लिए ये बहुत ही मुश्किल लड़ाई थीं लेकिन प्रवर्तन निदेशालय के कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने मेरी मदद की और मैं उनका दिल से शुक्रिया करना चाहती हूं. अब मुझे पूरा विश्वास है कि एजेंसी मेरा मुसीबतों को समझेगी और गुनहगारों के खिलाफ सख्त कार्यवाई करेगी.'
चित्रा ने आगे कहा-' जब मैंने कानूनी लड़ने का फैसला लिया तो दो गजल गायक ऐसे हैं (जिनमें से एक भजन गायक हैं) जिन्होंने मेरी मदद करने से साफ मना कर दिया और ये वो लोग हैं जो हमेशा मुझसे कहते कि वो मेरे पति (जगजीत सिंह) का बहुत सम्म्मान करते हैं.
चित्रा का कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा इस पहला के बाद और इसका असर देखने के बाद एक गायक हैं जिन्होंने मेरे वकील से उनका केस लड़ने की बात कही, अब मैं इन स्वार्थी लोगो के बारे में क्या कहूं की मैंने खाना बना के रखा और इन्हें उसका स्वाद लेना है. खैर, मैं बाकी लोगो के लिए खुश हूं कि जिन्हे मैं नहीं जानती हूं लेकिन इस पहल से उन्हें भी इंसाफ मिलेगा.
गौरतलब, चित्रा सिंह, शुभा मुद्गल और गायक मनोज तिवारी ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पीपिंग मून से एक्सक्लूसिव बात करते हुए शुभा मुद्गल ने बताया - 'मैंने IPRS (The indian performing right society) के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. भारतीय संगीतकार के संघ ने भी शिकायत दर्ज कराई. शिकायत दर्जा करने के बाद 2016 की प्राथमिकी संख्या 167 को पंजीकृत किया गया. नतीजतन आईपीआरएस से आवश्यक आश्वासन के साथ मामला सुलझा लिया गया और आईपीआरएस / पीपीएल और अन्य व्यक्तियों द्वारा प्राथमिकी में अभियुक्त और माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष अन्य लोगों द्वारा संयुक्त रूप से एफआईआर दायर की गई.'
मुझे किसी अन्य छापे की जानकारी नहीं है, क्योंकि जैसा कि पहले बताया गया है, पहले से ही एक रद्दीकरण याचिका संयुक्त रूप से दर्ज की गई है लेकिन अगर आप चाहें तो संगीत संगीतकार संघ और फिल्म राइटर्स एसोसिएशन से पूछ सकते हैं. '
क्या है पूरा मामला
दरअसल, चित्रा का आरोप है कि उनके पति की मृत्यु के बाद उन्होंने जो गाने गाए हैं, उन गानों की रॉयल्टी चित्रा को नहीं मिली है. गायिका का कहना है कि मेरे जैसे और भी बहुत सारे गायक है जिनका हक उन्हें नहीं मिला लेकिन वो लोग सामने नहीं आना चाहते.