वे शशि साहब जो कभी चहकते हुए एक नौजवान थे, वे जिनका अंदाज 'स्टाइल' कहलाता था, वे जिनका उठना-बैठना, खानपान, आना-जाना सब कुछ सुर्खियों में तब्दील हो जाता था, आज हमेशा के लिए विदा हो गए. वो शरारती आंखें अब कभी नहीं खुलेंगी. उन्होंने मात्र 20 साल की उम्र में 1958 में जेनिफर केंडल से शादी की थी. आइए जानते हैं उनकी खूबसूरत सी लव स्टोरी.
पहली नजर में हो गया था प्यार
शशि की लव स्टोरी अपने में ही खास और प्यारी है. बात 1956 की है जब शशि कलकत्ता में पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थिएटर में प्ले किया करते थे. कलकत्ता के एम्पायर में उनका चार हफ्तों का प्ले होना था लेकिन चूंकि वो सबको इतना पसंद आया कि इसे और आगे बढ़ा दिया गया. इस कारण दूसरी कंपनी जॉफरी केंडल की शेक्सपियराना इंटरनेशनल थिएटर को काफी इंतजार करना पड़ा. इसी दौरान वे लगातार कई दिनों से एक खूबसूरत लड़की को हॉल की आगे वाली लाइन में उसी सीट पर बैठे देख रहे थे. शशि को वो लड़की पहली नजर में ही भा गई. पता लगाया तो मालूम पड़ा कि वो जेनिफर केंडल है, शेक्सपियराना कंपनी के मालिक की बेटी.
चचेरे भाई ने कराई थी पहली मुलाकात फिक्स
शशि ने अपने चचेरे भाई सुभिराज से दोनों की मीटिंग फिक्स कराने को कहा. आखिरकार शशि को जेनिफर से मिलने का मौका मिला. शशि की उस वक्त तक एक भी गर्लफ्रेंड नहीं थी. घबराए से शशि जेनिफर से मिले. लेकिन जेनिफर की प्रतिक्रिया बहुत साधारण थी, जैसे कि शशि उनके लिए कुछ हो ही न! पहली मुलाकात में तो कुछ ऐसा नहीं हुआ जिससे बात आगे बढ़े. धीरे-धीरे जेनिफर अपने ग्रुप के साथ शशि के दूसरे प्ले देखने भी आने लगीं और इनकी मुलाकातें बढ़ने लगीं. बस फिर क्या था, हो गया दोनों में प्यार.
हाथ पकड़ने में लगे कई दिन
हालांकि कई दोस्तों और परिवार वालों का कहना ये भी था कि शशि के पंख तो उड़ान भरने से पहले ही बांध दिए गए थे. 18 साल के शशि बेहद शर्मीले थे और जेनिफर भी कुछ नहीं कह पाती थीं. शशि ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें जेनिफर का हाथ पकड़ने में भी कई दिन लग गए थे. एक दिन वो दोनों फिल्म देखने जा रहे थे. उस वक्त शशि की कमाई भी कम थी और वे लोकल ट्रेन से सफर करते थे. वे दोनों ट्रेन में जा ही रहे थे कि अचानक कुछ ऐसा हुआ जो शशि ने सोचा भी नहीं होगा. लोकल ट्रेन में काफी भी़ड़ थी और अचानक झटका लगा और शशि ने जेनिफर को संभालने के लिए उनका हाथ पकड़ लिया. पहली बार हाथ पकड़ना तो हो गया लेकिन शशि ये नहीं समझ पा रहे थे कि हाथ छोड़े या नहीं. क्योंकि शायद वे कभी छोड़ना ही नहीं चाहते थे.
भाभी गीता घूमने के लिए देती थी पैसा और गाड़ी
अपनी कोर्टशिप के दौरान शशि इतना कम कमाते थे कि जेनिफर को किसी छोटे मोटे रेस्टोरेंट ही ले जा पाते थे. शशि नहीं समझ पा रहे थे कि अगला कदम क्या लें. तभी एक दिन बड़े भाई शम्मी कपूर ने शशि ने जेनिफर को घर पर बुलाने को कहा. शम्मी चाहते थे कि जेनिफर घर आ कर माता-पिता से मिलें लेकिन शशि को लगा कि उन्हें डांट पड़ने वाली है. शशि उन्हें अपने घर ले जाने के बजाए शम्मी के घर ही ले गए जहां उनकी भाभी गीता को जेनिफर एक नजर में पसंद आ गईं. यहां तक कि गीता शशि को अपनी कार और पैसे दे देती थीं ताकि वे दोनों घूमने जा सकें और अच्छा खाना खा सकें.
जेनिफर ने खुद किया था प्यार का इजहार
शशि की शर्मीली हरकतों से जेनिफर परेशान हो चुकी थीं और उन्होंने एक दिन खुल कर बोल ही दिया उन्होंने बोला, 'तुम मुझे इतने वक्त से जानते हो और कभी मेरी तरफ कदम नहीं बढ़ाया. जबकि मैं तुमसे इतना प्यार करती हूं.' जेनिफर का बोलना जैसे शशि के कानों में शहद घुल गया.
शादी तक ऐसे पहुंची बात
शशि ने शम्मी को अपने पिता से बात करने के लिए मनाया. यहां भी एक बार में बात नहीं बनीं. शशि के पिता ब्रिटिश बहू नहीं लाना चाहते थे लेकिन उन्होंने बेटे को एक मौका देने की सोची. लेकिन जेनिफर के पिता कुछ और ही सोच रहे थे. उन्होंने साफ कर दिया कि दोनों को शादी के लिए दो साल का इंतजार करना होगा. फिर क्या था! शशि शेक्सपियराना ग्रुप के साथ भी अलग-अलग जगह जाकर प्ले करने लगे. दो साल बाद यानी 1958 में फिर से शशि ने जॉफरी से बेटी का हाथ मांगा तो उन्होंने मना कर दिया. अब तक जेनिफर ने भी शादी की ठान ली थी. जेनिफर ने शशि से कहा, 'मैं मैच्योर हूं और तुमसे शादी करना चाहती हूं. मेरे पिता को मना करते रहने दो.'
1958 में दोनों ने कर ली शादी
शशि और जेनिफर मुंबई वापस आ गए और जुलाई 1958 में भारतीय रीति रिवाजों में दोनों की शादी हो गई. जेनिफर शशि से उम्र में कुछ साल बड़ी थीं. कपूर खानदान में शराब पीना आम था लेकिन जेनिफर शशि की पीने की आदत पर लगाम लगा कर रखती थीं. वे ध्यान रखती थीं कि शशि हमेशा स्मार्ट और फिट रहें.
जेनिफर ने छुपाया हुआ था ये राज
इनका रिश्ता अच्छा चल रहा था लेकिन जेनिफर ने शशि से एक राज छुपा कर रखा हुआ था. वैसे तो जेनिफर शशि के सब बताती थीं लेकिन उन्होंने इतना बड़ा राज छिपाए रखा कि उन्हें कैंसर है. जेनिफर ने बिना शशि को बताए पृथ्वी थिएटर के लिए काम भी जारी रखा और अपना योगदान देती रहीं. लेकिन इतने साल बाद 7 सितंबर 1984 को जेनिफर ने आखिरी सांस ली. उनकी कैंसर से मृत्यु हो गई थी.
शशि और जेनिफर के ये हैं बच्चे
शशि जेनिफर से इतना प्यार करते थे कि उनके जाने के बाद दूसरी शादी भी नहीं की. उनकी जिंदगी में जेनिफर की जगह कोई नहीं ले सका और वे हमेशा उन्हें याद करते हैं. शशि और जेनिफर के तीन बच्चे हैं कुणाल कपूर, करण कपूर, संजना कपूर.