यूं तो 'लैला मजनू' की कहानी सदियों से चली आ रही है लेकिन इंडस्ट्री के दो नए उभरते सितारे अविनाश तिवारी और तृप्ति डिमरी इसे नए तरीके से पेश करने आ रहे है. फिल्म में मैन प्लॉट के अलावा सबकुछ बदला गया है. पीपिंग मून के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में तृप्ति ने फिल्म से जुड़े अपने एक्सपीरियंस शेयर किए.
सवाल- क्या आपने ऋषि कपूर और रंजीता कौर की 'लैला मजनू' देखी है?
जवाब- मैनें फिल्म के कुछ हिस्से देखे हैं, जैसे फिल्म के गाने, पत्थर वाला सीन, सिर्फ ये जानने के लिए कि फिल्म में क्या है, चूंकि मुझे पता था कि हमारी फिल्म की कहानी बिलकुल ही अलग है, तो फिर कुछ देखने का कोई मतलब नहीं था, इसलिए नहीं देखी.
सवाल- फिल्म का ट्रेलर देखकर लगता है कि ये मॉडर्न जमाने की 'लैला मजनू' है, तो पुरानी लैला मजनू और इस फिल्म में क्या फर्क है.
जवाब- अगर हम 'लैला मजनू' का प्लॉट बदल देंगे तो वह 'लैला मजनू' की कहानी नहीं रहेगी. उसके अलावा सब अलग है. कैरेक्टर्स अलग तरीके से लिखे गए है. फिल्म में जो प्रॉब्लम दिखाई गई है, वो आज के जमाने की है. लोकेशन बदल दी गई है. इम्तियाज सर और साजिद सर के लिए फिल्म को मॉडर्नाइज करना चैलेंज था, लेकिन मुझे लगता है कि चाहते थे कि मॉडर्न तो हो पर एक क्लासिकल टच हो, तभी शायद कश्मीर चुना गया. कश्मीर के लोगों को एक-दूसरे से मिलने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ती है. अगर मुंबई की स्टोरी दिखाएंगे तो यहां तो एक मैसेज करते ही लड़का तुम्हारे सामने, इसलिए शायद कश्मीर जैसी जगह चुनी गई है. पुरानी लैला जो कबूतर पालती थी. आज हमारे पास सेल फ़ोन है. अब कबूतर तो चाहिए लड़की के पास तो उन्होंने फिल्म में दिखाया कि वह मैंने प्यार किया की फैन है.
सवाल- ट्रेलर देखने के बाद आपका फर्स्ट रिएक्शन क्या था?
जवाब- ट्रेलर लॉन्च से पहले भी मैं एक बार देख चुकी थीं. तब ऐसा कुछ लगा नहीं, ठीक लगा कि काम किया है लेकिन जब थिएटर में मीडिया के साथ हमने देखा त अविनाश और मेरी दोनों की आंखो में आंसू थे. क्यूंकि हर किसी क सपना होता है कि आपने आप को एक बार बिग स्क्रीन पर देखें.
सवाल- ट्रेलर देखने के बाद ऐसा लगता है कि फर्स्ट हाफ नॉर्मल लव स्टोरी है और सेकंड हाफ लैला मजनू की कहानी है?
जवाब- लोगों ने उसे मजनू का नाम दिया. उसका असली नाम कैस था. अक्सर हम उन्हें मजनू कहते हैं, जो लोग प्यार में पागल होते है लेकिन हम उस चीज को नहीं समझते कि वह पागलपन किसी और लेवल का पागलपन है. वो उस लेवल का पागलपन है, जिसमें कोई नापतोल नहीं हैं.
सवाल- फिल्म में आपको अच्छा लगता है कि कोई लड़का फ़्लर्ट कर रहा है. रियलिटी में ऐसा कुछ है?
जवाब- अच्छा तो लगता हैं लेकिन दिखाते नहीं है (हंसते हुए). जैसे लैला तो दिखाती है कि उसे ये सब अच्छा लग रहा है और ये शायद हर लड़की के साथ होता है. अटेंशन किसे नहीं पसंद है. कॉलेज में फ़्लर्ट करते थे. दिल्ली यूनिवर्सिटी से हूं मैं तो वहां तो लफंगो की कमी नहीं है हंसते हुए).
सवाल- कश्मीर में शूटिंग के दौरान किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा था?
जवाब- बिलकुल भी नहीं, इनफैक्ट मेरे पेरेंट्स मुझे फ़ोन करके बोलते थे, आज हमने न्यूज़ में ये देखा लेकिन हम आराम से वहां शूट करते थे. हमारे आस-पास कभी कुछ नहीं हुआ. कश्मीर में जो मुझे मिले बहुत ही अच्छे लोग थे. ऐसा महसूस कराते थे, जैसे आप उन्ही के परिवार का हिस्सा हो. खिलाते- पिलाते थे, बातें करते थे और बहुत लोगों ने हमारी फिल्म में एक्टिंग भी की है तो फिल्म में आप देखोगे कि हमारे आधे से ज्यादा एक्टर्स कश्मीरी है.
सवाल- कश्मीरी खान- पैन में आपको सबसे ज्यादा क्या पसंद था?
जवाब- काहवां, एक कश्मीरी ड्रिंक है. वहां पहुंचने के बाद होटल में वो हमें वेलकम ड्रिंक तौर पर दिया गया. दरअसल, काहवां बहुत ही मसालों को मिलकर चाय की तरह बनाया जाता है. वो मैं रोज पीती थी. जैसे हमें चाय की आदत लगती है वैसे ही मुझे उसकी आदत लग गई थी.