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प्रार्थना करूंगी कि यह फिल्म भारत की तरफ से ऑस्कर में जाए- मृणाल ठाकुर

निर्देशक तबरेज नूरानी की आगामी फिल्म 'लव सोनिया' भारत में फैले मानव तस्करी जैसे संगीन मुद्दे को फिल्म के जरिए दर्शकों के सामने ला रही है. फिल्म में कई बड़े कलाकार हैं. छोटे पर्दे पर प्रज्ञा की बहन बुलबुल का किरदार निभा चुकी मृणाल ठाकुर फिल्म में सोनिया का किरदार निभा रही हैं. पीपिंग मून के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में मृणाल मानव तस्करी के बारे में हमसे बात की.

सवाल-'लव सोनिया' ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसे मुद्दे को फिल्म के जरिये दर्शकों के सामने लेकर आ रहा है , जब आपको फिल्म ऑफर की गई तो आपको लगा कि आप इस किरदार के साथ जस्टिफाई कर पाएंगी?
जवाब- जब मुझे फिल्म ऑफर की गई तब मुझे नहीं पता था कि इस फिल्म में राजकुमार राव, अनुपमम खेर सर और मनोज वाजपेयी हैं. मेरा तीसरा और चौथा राउंड ख़त्म होने के बाद मुझे पता चला कि यह कितना बड़ा प्रोजेक्ट है. फिल्म के मेकर्स भी अकादमी नॉमिनेटेड प्रोड्यूसर हैं. जब मुझे पता चला कि हमारी फिल्म के डीओपी, उन्होंने लाइफ ऑफ पाय जैसी फिल्म शूट की है तो मैं बहुत खुश हुई और मैंने खुद से कहा कि मृणाल तुमने बहुत अच्छा प्रोजेक्ट हाथ में लिए हैं.

सवाल- सोशल मीडिया पर एक यूजर ने कहा कि इस फिल्म को अगले साल ऑस्कर में 'बेस्ट फॉरेन मूवी लैंग्वेज' की केटेगरी में नॉमिनेट होना चाहिए. आपका क्या कहना है?
जवाब- अगर सच में किसी ने ऐसा कहा है तो मैं उसे शुक्रिया कहना चाहती हूं और प्रार्थना करूंगी कि यह फिल्म भारत की तरफ से ऑस्कर में जाए. साथ ही यह एक ग्लोबल इश्यू है और अगर यह ऑस्कर जैसे बड़े प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाएगी तो यह भारत के लिए बहुत बड़ी बात है. क्यूंकि यह फिल्म जितना लोगों तक पहुंचेगी उतना अच्छा है. जितने ज्यादा लोग इस फिल्म के बारे में बात करेंगे उतनी यह ऊपर तक जाएगी.

सवाल- एक सर्वे के अनुसार पूरे विश्व में आतंकवाद और ड्रग्स के बाद मानव तस्करी बहुत संगीम मुद्दा है. आपका क्या कहना है?
जवाब- यह इतना बड़ा मुद्दा इसलिए है क्यूंकि कोई न कोई इसे सपोर्ट कर रहा है और कौन है ये लोग यह हमें पता लगाना है. अगर लड़कियां ट्रैफिक की जारी है. वर्जिन लड़कियों के इतने पैसे दिए जा रहे हैं तो कौन दे रहा है इतने पैसे. आम आदमी इतने पैसे नहीं दे सकता. बिना किसी के सपोर्ट के यह नहीं हो सकता और हमें यही चीज रोकनी है. जिनके पास पावर है, अगर वह लोग थोड़ी सी एनर्जी इसमें इन्वेस्ट करेंगे तो यकीन मानिए बहुत बदलाव आएगा.

सवाल- क्या आपको लगता है कि इन सबके पीछे कहीं न कहीं रिश्तेदारों का हाथ होता है?
जवाब- बिलकुल सही बात, अगर आपने पढ़ा होगा तो कुछ दिन पहले बताया गया कि एक होम शेल्टर में इनोसेंट लड़कियों का गलत इस्तेमाल किया जाता था. जब बात खुद की बेटी की आती है तो हजारों हाथ ऊपर उठ जाते है लेकिन जब किसी और की बेटी, बहन या बीवी की बात हो तो एक भी हाथ ऊपर नहीं उठता. हम अपने घर में भी सुरक्षित नहीं है. हरा समय किसी देश या शहर में किसी न किसी लड़की का रेप होता है. मैं चाहती हूं कि मोदी जी सख्त कानून बनाए.

सवाल- आपके मुताबिक़ ऐसी कौन सी वजह है जिसके कारण असिक्षित लड़कियां ही नहीं शिक्षित लड़कियां भी इस जाल में फंस जाती है?
जवाब- मेरे ख्याल से सोशल नेटवर्किंग साइट एक ऐसा प्लेटफॉर्म हैं, जिससे आप लोगों तक पहुंच सकते हो. अगर किसी लड़की को लगता है कि उसके साथ कुछ गलत हो रहा है तो सोशल नेटवर्किंग साइट पर जाओ और 10 लोगों को बताओ लेकिन इसका नेगेटिव पॉइंट ये है कि बहुत सारी लड़कियों का लड़कों से बात करने का मन होता है. आप उनसे चैट करते हो लेकिन यह नहीं पता होता कि कंप्यूटर के पीछे कौन बैठा है. हमें लगता है कि यह लड़का कितना रोमंटिक है, इसके साथ डेट पर चलते हैं और यही वो समय होता है जब वह लड़की के साथपूरा समय बिताने के बाद आखिर में उसे बेचकर चला जाता है, इसलिए सिर्फ अनएजुकेटेड ही नहीं बल्कि एजुकेटेड लड़कियां भी मानव तस्करी के जाल में फंस जाती हैं.

सवाल- फ्यूचर में अगर किसी मराठी फिल्म में काम करने का मौका मिला तो करना चाहेंगी आप?
जवाब- क्यों नहीं, मैंने मराठी फिल्म की है. अगर अच्छा कांसेप्ट होगा तो क्यों नहीं. भाषा मायने नहीं रखती अगर फिल्म का कांसेप्ट अच्छा हो.

सवाल- कैसा लगता है ये सुनकर कि समाज में महिलाएं सिर्फ फिजिकल डिजायर के लिए रह गई हैं?
जवाब- मुझे बहुत गुस्सा आता है लेकिन अब ट्रेंड चेंज हो रहा है. ऐसी महिलाएं हैं, जो दिखने में खूबसूरत तो है लेकिन जब एक्टिंग की बात आती है तो वह पावरफुल भी हैं. अब तो फीमेल सेंट्रिक फिल्में भी बनने लगी हैं और इसका क्रेडिट तबरेज नूरानी जैसे डायरेक्टर्स को जाता है, जो नए टैलेंट को चांस देते हैं. अगर ऐसे लोग इंडस्ट्री में हैं तो उन्हें मेरा सलाम है.

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