आमिर खान और जूही चावला की फिल्म क़यामत से क़यामत तक को तीस साल हो गए हैं.फिल्म के डायरेक्टर नासिर हुसैन थे.फिल्म एक यंग लड़के और लड़की की कहानी थी जिन्हें प्यार हो जाता है लेकिन दोनों की फैमिली उनके प्यार के सख्त खिलाफ होती है.दोनों हार नहीं मानते और अपने प्यार का दामन नहीं छोड़ते.फिल्म में आमिर और जूही के बीच काफी रोमांटिक सीन्स थे.दोनों के करियर के लिए ये फिल्म मील का पत्थर साबित हुई थी.आमिर इस फिल्म के बाद रातों रात स्टार बन गए थे.इसके बाद उनका फ़िल्मी करियर इस कदर चला कि उन्हें पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा.आइए हम आपको बताते हैं फिल्म से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट्स...
1) फिल्म के स्क्रीन टेस्ट के लिए आमिर खान ने जूही चावला की मदद की थी जो कि नासिर हुसैन ने लिया था.वह इससे पहले फिल्म सल्तनत में नजर आयीं थीं लेकिन फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा पायी थी और जूही बॉलीवुड में जगह बनाने के लिए प्रयासरत थीं.
2) फिल्म की दो एंडिंग फिल्माई गयी थी,एक हैप्पी और एक सैड.मंसूर खान सैड एंडिंग से ज्यादा प्रभावित थे जिसमें आमिर आर जूही दोनों के किरदार मर जाते हैं.मंसूर ने यहां तक कह दिया था कि अगर फिल्म की सैड एंडिंग नहीं रखी गई तो फिल्म से बतौर निर्देशक उनका नाम हटा लिया जाये.
3) ये आमिर खान की दूसरी फिल्म थी इसलिए उनके लिए एक खास पोस्टर डिज़ाइन करवाया गया था जिसकी टैगलाइन 'Ask the girls next door?'रखी गयी थी.ये लाइन मंसूर खान द्वारा सुझाई गयी थी ताकि बतौर एक्टर आमिर को फिल्म से नोटिस किया जा सके.
4) क़यामत से क़यामत तक के लिए सिलेक्शन होने से पहले जूही चावला का सिलेक्शन बीआर चोपड़ा की महाभारत में द्रौपदी के रोल के लिए हो गया था.हालाँकि,जब उनसे ये पूछा गया कि फिल्म आर महाभारत में से वह किसे चुनना चाहती हैं तो उन्होंने क़यामत से क़यामत तक को चुना था.जूही का ये फैसला सही भी साबित हुआ.वह अपने ज़माने की सबसे सफल अभिनेत्रियों में शुमार हो गईं और इस फिल्म ने उनके करियर में अहम् भूमिका निभाई जो आज भी दर्शकों को याद है.तीस साल बाद भी इस फिल्म की यादें दर्शकों के दिलों में वैसे ही ताजा हैं जैसे पहले थी.
5) जूही चावला ने फिल्म में आमिर खान को किस करने से पहले इंकार कर दिया था लेकिन जब उन्हें ये बताया गया कि ये फिल्म का जरुरी हिस्सा है तो उन्होंने इसके लिए हाँ कह दी.फिल्म से जुड़े हुसैन ने कुछ वक्त की शूटिंग रोककर उन्हें समझाया था तब जाकर जूही इसके लिए रेडी हो पाईं थी.आमिर को एक सीन में जूही को माथे,गाल और होठों पर किस करते दिखाया गया है.
6) फिल्म को कई डिस्ट्रीब्यूटरों ने पसंद किया था लेकिन इसे खरीदने में कम ही ने दिलचस्पी दिखाई थी.इस वजह से नासिर हुसैन को इस मूवी को खुद ही डिस्ट्रीब्यूट करना पड़ा था.
7) एक तरफ जहां नए चेहरों की वजह से फिल्म को लेकर लोग संशय में थे.वहीं,शम्मी कपूर और आर.डी बर्मन ही दो ऐसे लोग थे जिन्होंने ये सोचा था कि फिल्म ट्रेंडसेटर साबित होगी और देखिये,ये बात सच भी साबित हुई.फिल्म 1988 की सबसे सफल फिल्मों में से एक थी.ये फिल्म सबसे सक्सेसफुल रोमांटिक फिल्मों में गिनी जाती है.
8) फिल्म के हिट गाने ऐ मेरे हमसफ़र को केवल पंद्रह मिनट में कंपोज़ किया गया था.बाकी गानों को पहले आनंद मिलिंद ने कंपोज किया थ फिर उनकी लिरिक्स मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखी थी.फिल्म के सारे गाने जबरदस्त हिट साबित हुए थे.गजब का है दिन भी यूथ में बेहद पॉपुलर हो गया था.