पिता ख़ुशी का दूसरा पर्याय हैं.मां जहां बच्चों को संभालती हैं तो पिता अपने कन्धों पर अपने बच्चों का बोझ लिए जीवन की हर कठिनाई का चुपचाप सामना करते हैं लेकिन कभी अपनी परेशानी जाहिर नहीं करते.वह मां की तरह बच्चों के प्रति अपना स्नेह जाहिर नहीं करते लेकिन उनके लिए उनसे ज्यादा फिक्रमंद कोई नहीं रहता.फादर्स डे के मौके पर हम आपको मिलवाते हैं बॉलीवुड के ऐसे किरदारों से जिन्होंने पिता की हमारे दिल में इज्जत और बढ़ा दी.साथ ही इन्हें निभाने वाले आर्टिस्ट भी हमारे दिलों में रच-बस गए.
अमरीश पुरी: दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे में चौधरी चरण सिंह के किरदार में अमरीश पुरी ने ऐसी जान फूंकी कि वह आज तक याद किए जाते हैं.उन्होंने एक ट्रेडिशनल,सख्त पिता की भूमिका निभाई जो पहले तो अपनी बेटी की उसकी मर्जी से शादी के खिलाफ रहता है लेकिन बाद में उसके प्यार के आगे हार जाता है और कहता है एक आइकोनिक डायलॉग जा सिमरन जा जी ले अपनी जिंदगी.
आलोकनाथ-इन्होंने मैंने प्यार किया में टफ पिता की भूमिका निभाई जो एक अमीर जादे को अपने आगे घुटने टेकने को मजबूर कर देता और कहता है कि अगर वह उसकी बेटी से प्यार करता है तो उसे अपने पैरों पर खुद खड़ा होना पड़ेगा.फिल्म में आलोकनाथ की बेटी की भूमिका भाग्यश्री ने निभाई थी.वहीं,सलमान खान फिल्म में हीरो की भूमिका में थे.
अनुपम खेर-फिल्म हम आपके हैं कौन में प्रोफ़ेसर सिद्धार्थ चौधरी के रोल में अनुपम खेर ने जान डाल दी थी.जिंदादिल और रिश्तों की कद्र करने वाले प्रोफ़ेसर के रोल में उन्होंने सबका दिल जीत लिया था.दो बेटियों रेणुका और माधुरी को उन्हें बेहद प्यार से पालते दिखाया जाता है.फिल्म के क्लाइमेक्स में जब बेटी को समाज और परिवार में से किसी एक को चुनना होता है तो वह अपनी बेटी के साथ खड़े रहते हैं और उसे अपने प्यार को चुनने की सलाह देते हैं.
कुलभूषण खरबंदा: फिल्म जो जीता वही सिकंदर में उन्होंने रामलाल की भूमिका निभाई थी जो कि एक ऐसे पिता होते हैं जो अपने बेटों को आगे बढ़ाने के लिए कई बलिदान देते हैं.उन्हें साइकिलिंग का बेहद शौक रहता है लेकिन खराब वित्तीय स्थिति के चलते वह खुद नहीं कर पाते तो अपने सपने अपने बड़े बेटे के जरिए पूरे करने के लिए जी-जान लगा देते हैं.लेकिन,साइकिलिंग कॉम्पटीशन के एन वक्त पर बड़े बेटे को चोट लग जाती है और वो प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की स्थिति में नहीं रहता.ऐसे में छोटा बेटा आगे आता है और कॉम्पटीशन में हिस्सा लेता है और उसे जीतकर अपने पिता का सीना गर्व से चौड़ा कर देता है.
आलोकनाथ-फिल्म 'हम साथ साथ हैं' में रामकिशन की भूमिका में बिलकुल फिट बैठे.एक संपन्न परिवार के होते हुए भी उनके तीन बेटे और एक बेटी में अतः प्यार कायम रहता है.इस फिल्म में सलमान खान,सैफ अली खान,मोहनीश बहल और नीलम कोठारी ने आलोकनाथ के बच्चों की भूमिका निभाई थी.
अमिताभ बच्चन: फिल्म बागबां में राज मल्होत्रा के किरदार के जरिए बिग बी ने उन पेरेंट्स का दर्द फिल्म के जरिए दिखाया जिनको उम्र दराज होने पर उनके बच्चे इग्नोर करने लगते हैं.यह फिल्म दिल को झंझोड़ कर रख देती है क्योंकि आजकल की सोसाइटी में ये आम बात है कि बच्चे पेरेंट्स को अकेला छोड़ देते हैं.
आमिर खान: दंगल में आमिर खान ने सख्त पिता की भूमिका निभाई जिसके लिए उन्हें जमकर तारीफें मिलीं.महावीर फोगाट की लाइफ पर बनी फिल्म में उन्होंने दो बेटियों के हानिकारक बापू की भूमिका निभाई जो उन्हें रेसलिंग में नाम कमाते हुए देखना चाहता है.फिल्म के लिए आमिर ने अपना वजह तकरीबन 30 किलो बढ़ा लिया था.इतना ही नहीं उन्होंने इसके लिए रेसलिंग की प्रॉपर ट्रेनिंग भी ली थी.फिल्म में साक्षी तंवर ने उनकी वाइफ का रोल प्ले किया था जबकि सान्या मल्होत्रा और फातिमा सना शेख उनकी बेटियों के रोल में थीं.