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Happy Birthday Dev Anand : लड़कियां इन्हें देखकर छत से कूद न जाएं, इसलिए इनके काले रंग का कोट पहनने पर लगाई थी रोक

अभिनेता धर्मदेव आनंद उर्फ देव आनंद साहब का 26 सितंबर को जन्मदिन होता है. ये हैंडसम हंक इतने मेहनती थे कि छुट्टी को समय की बर्बादी मानते थे और उस दिन भी काम किया करते थे. वो एक ऐसे हीरो रहे हैं जो वक्त के हिसाब से नहीं बल्कि अपने हिसाब से सिनेमा के समय को ढाल लेते थे. उनके जन्मदिन के मौके पर आइये आपको बताते हैं उनसे जुड़ी कुछ अनसुनी बातें-

1. कहते हैं जब वे मुंबई आए थे, उनकी जेब में सिर्फ 30 रुपये थे, इसके बाद उन्होंने अपनी मेहनत और काम के प्रति निष्ठा से इन 30 रुपये को लाखों में बदल दिया.

2.देव साहब की हिट फिल्म 'काला पानी' में उन्हें काले रंग का कोट पहनने से रोका गया था, क्योंकि काले रंग के कोट में वे इतने हैंडसम लगते थे कि कहीं लड़कियां उन्हें देखकर छत से कूद न जाए.

3.फिल्म 'विद्या' की शूटिंग के दौरान ही उन्हें सुरैया से प्यार हुआ. इस फिल्म के दौरान ही देव आनंद ने सुरैया से शादी करने का फैसला कर लिया था. देव साहब ने उन्हें फिल्म के सेट पर तीन हजार रुपये की एक अंगूठी देकर प्रपोज किया, लेकिन सुरैया की नानी इस शादी के खिलाफ थीं. नतीजा ये हुआ कि सुरैया सारी उम्र कुंवारी रहीं .

4.  आनंद की पहली गाड़ी का नाम हिलमैन मिंक्स था . उन्होंने ये गाड़ी अपने प्यार सुरैया के साथ की गई पहली फिल्म 'विद्या' के पैसों से खरीदी थी .

5 . गुरु दत्त की पहली 'बाजी' में देव आनंद और कल्पना कार्तिक की जोड़ी को लोगों ने खूब पसंद किया. इसके बाद दोनों ने कई फिल्में साथ की, जैसे 'आंधियां, टैक्सी ड्राइवर नौ दो ग्यारह'. इसी दौरान दोनों के बीच प्यार हुआ और फिल्म 'टैक्सी ड्राइवर' के बाद दोनों ने शादी कर ली.

6 . देव आनंद एक ऐसे अभिनेता हैं, जिन्होंने बिग बी को छोड़कर हर बड़े स्टार के साथ काम किया. अमिताभ बच्चन जिस 'जंजीर' फ़िल्म से स्टार बने, उसके लिए पहले देव साहब को चुना गया था .

7 . फिल्मों में कदम रखने से पहले और बीए की डिग्री प्राप्त करने के बाद इन्होंने नेवी में भर्ती का प्रयास किया था लेकिन, बेटे के असफल रहने के बाद इनके पिता ने इन्हें अपने ही ऑफिस में क्लर्क के काम पर रख लिया.

8. जून, 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब देश में आपातकाल लगाने का एलान किया तो देव आनंद ने फिल्म जगत के अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर उसका पुरजोर विरोध किया था. बाद में जब आपातकाल खत्म हुआ और देश में चुनावों की घोषणा हुई, तो उन्होंने अपने प्रशंसकों के साथ जनता पार्टी के चुनाव प्रचार में भी हिस्सा लिया. बाद में उन्होंने नेशनल पार्टी ऑफ इंडिया के नाम से एक राजनीतिक दल की भी स्थापना की, लेकिन कुछ समय बाद उसे भंग कर दिया. उसके बाद भले ही वह राजनीतिक रूप से सक्रिय न रहे हों लेकिन समय-समय पर विभिन्न राजनीतिक मसलों पर अपनी बेबाक राय रखते रहे.

9. सभी जानते हैं कि मुहम्मद रफी ने देव साहब की बहुत सारी फिल्मों में उनके सदाबहार गीतों को अपनी आवाज दी है . यह जानकारी बहुत कम लोगों को होगी कि देव आनंद ने भी रफी के लिए गाना गाया है . इन दोनों ने 1966 में बनी फिल्म 'प्यार मोहब्बत' में साथ में गाया था . देव आनंद ने एक बार 31 जुलाई को रफी की पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में लोगों से इस राज को साझा किया था. उन्होंने बताया था, 'मैंने कभी गाना नहीं गया, लेकिन रफी के गाने 'प्यार मोहब्बत के सिवा ये जिंदगी क्या जिंदगी..' में जो हुर्रे ..हुर्रे है, वह मेरी आवाज है, मैंने बस उतना ही गाया!'

10. भारतीय सिनेमा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले देवानंद वर्ष 2001 में प्रतिष्ठित पद्म भूषण सम्मान से विभूषित किए गए और 2002 में उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्रदान किया गया। देव साहब का लंदन में दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ था.

 

(Source: PeepingMoon)

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