दिवा, क्वीन, सुपरस्टार ... रेखा गणेशन आज अपना 65वां जन्मदिन मना रही हैं. आज जब बात होती है रेखा की तो सामने आता है उनका खूबसूरत चेहरा और उनकी आंखें... जिनके मस्ताने हजारों हैं. लेकिन, रेखा ने जब इंडस्ट्री में कदम रखा था तब वो ऐसी नहीं थी. सांवले रंग और ओवरवेट रेखा कभी अपने आपको इतना बदल लेंगी, ये शायद ही किसी ने सोचा होगा. बता दें कि रेखा ने 15 साल की उम्र में अपना करियर शुरू किया था, फिर जो वो आगे बढ़ीं... तो बढ़ते ही चली गईं.
70 के दशक में 'दो अंजाने' और 'घर' जैसी फिल्मों से उनकी शुरुआत हुई. 1980 में लगभग 10 रिलीज के साथ वो सिनेमा की दुनिया में एक प्रभावशाली छाप छोड़ रही थीं. और उन्होंने मनमोहन देसाई से लेकर प्रकाश मेहरा तक के बड़े दिग्गजों के साथ काम किया. इन दिग्गजों की लिस्ट में राज कपूर से लेकर राज खोसला तक का नाम शामिल था.
1981 में रेखा ने 'साजन की सहेली', 'कलयुग', 'मंगलसूत्र', 'दासी', 'सिलसिला', 'बसेरा' और 'एक ही भूल' सहित अपना ही रिकॉर्ड तोड़ कर 11 फिल्में की. 'एक ही भूल' ने यह साबित कर दिया था कि रेखा सुपरस्टार हैं! 'मुकद्दर का सिकंदर' में उनके परफॉरमेंस ने यह बताया कि उन्हें कुछ भी दे दो... वो उसे उम्दा तरीके से निभाती हैं.
यही उम्दा परफॉरमेंस उन्होंने श्याम बेनेगल की 'महाभारत' के रूपांतरण में भी दिखाया . ऋषिकेश मुखर्जी की 'खूबसूरत' में भी उनके एक बेहतरीन एक्टर होने का प्रतिबिंब दिखाई दिया, जिसके लिए उन्होंने अपना पहला फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीता.
एक युवा पत्नी, एक विवाहित महिला, एक सौतेली माँ, एक प्रेमिका... रेखा यह सब कर सकती हैं! इसका उदाहरण हैं 'जुदाई', 'एक ही भूल', 'मांग भरो सजना', 'आशा ज्योति' और 'प्रेम तपस्या' जैसी फिल्मे. इस बीच उनका चेहरा ग्लॉसी मैगजीन के कवर पेज पर आना भी शुरू हो गया था. फिल्मफेयर अवार्ड प्राप्त करने के अलावा, 'ख़ून भरी मांग' में भी उन्होंने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया था . गीत और नृत्य भी रेखा का दूसरा पहलु था, चाहे वह मुजरा हो या रोमांटिक नंबर उन्होंने पर्दे पर आग लगा रखी थी. 'उमराव जान' किसी को याद दिलाने की जरुरत है?
हैप्पी बर्थडे रेखा!
(Source: Peepingmoon)