By  
on  

Birthday Special : सालों बाद 2019 में भी दिलीप कुमार की ये फिल्में करेंगी आपको इम्प्रेस

सदी के महानयक अमिताभ बच्चन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जब सिनेमा के इतिहास की बात होगी तो, दिलीप कुमार से पहले और दिलीप कुमार के बाद...इस तरह होगी. यकीनन दिलीप साहब के दौर पर सिनेमा में सिर्फ वही शामिल थे, कोई और उनके आसपास भी नहीं भटक सकता था. साल 2019 में भी अगर आप उनकी फिल्में देखेंगे तो उनके मुरीद हो जाएंगे. बड़े से बड़े एक्टर्स से लेकर उभरते सितारे भी दिलीप साहब की फिल्मों पर स्टडी करते हैं. वैसे तो यह बहुत मुश्किल रहा है मगर, उनके 97वें जन्मदिन पर हमने उनकी 5 फिल्मों को शॉर्टलिस्ट किया है जो आपको आज भी एंटरटेन करेंगी.

1. बैराग (1976)

दिलीप कुमार और सायरा बानो की हिट जोड़ी ने ऑनस्क्रीन भी लोगों को खूब इम्प्रेस किया है. इसके गाने ‘छोटी सी उमर में...’, ‘मैं बैरागी नाचूं गाऊं..’ सुपरहिट थे. इन गानों के भले ही रीमेक बनाए गए हों मगर ओरिजिनल को आज भी कोई रिप्लेस नहीं कर पाया है.

2. देवदास (1955)

सरत चन्द्र चट्टोपाध्याय की ब्लॉकबस्टर नॉवेल 'देवदास' को हिंदी सिनेमा ने कई बार पर्दे पर उतारा. लेकिन, बिमल रॉय की दिलीप कुमार स्टारर फ़िल्म को आज भी क्लासिक फ़िल्म की लिस्ट में शामिल किया जाता है. इस फ़िल्म के लिए दिलीप साहब को फ़िल्मफेयर अवार्ड्स में बेस्ट एक्टर का अवार्ड दिया गया था.

3. मधुमती (1958)

डायरेक्टर बिमल रॉय और दिलीप कुमार की जोड़ी ने बॉलीवुड को कई हिट फ़िल्में दीं जिसमें से सबसे बेस्ट फ़िल्म है 'मधुमती'. ट्रेजेडी, रोमांस और थ्रिल से भरी इस फ़िल्म में एक बार फिर दिलीप वैजयंतीमाला के साथ दिखाई दिए. इसके गाने 'दिल तड़प तड़प के कह रहा है...', 'सुहाना सफ़र और ये मौसम...' को लोग आज भी बहुत पसंद करते हैं.

4. नया दौर (1957)

दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला स्टारर 'नया दौर' हिंदी सिनेमा की क्लासिक और बेहतरीन फ़िल्मों में से एक है. बी आर चोपड़ा की इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सारे रिकॉर्ड तोड़े थे और एक बार फिर फ़िल्मफेयर के बेस्ट एक्टर का अवार्ड दिलीप कुमार को मिला.

5. मुग़ल-ए'आज़म (1960)

हिंदी सिनेमा की कल्ट-क्लासिक फ़िल्मों में से एक है दिलीप कुमार की यह फ़िल्म. कोई कैसे भूल सकता है सलीम और अनारकली का वह प्यार? साल 2006 में इस फ़िल्म को रंगीन करके फिर से रिलीज़ किया गया था.

आज़ादी के बाद के पहले दो दशकों में ही 'मेला', 'शहीद', 'अंदाज़', 'आन', 'देवदास', 'नया दौर', 'मधुमती', 'यहूदी', 'पैगाम', 'मुगल-ए-आजम', 'गंगा-जमना', 'लीडर' और 'राम और श्याम' जैसी फ़िल्मों के नायक दिलीप कुमार लाखों युवा दर्शकों के दिलों की धड़कन बन गए थे. एक नाकाम प्रेमी के रूप में उन्होंने विशेष ख्याति पाई, लेकिन यह भी सिद्ध किया कि हास्य भूमिकाओं में भी वे किसी से कम नहीं हैं. वो 'ट्रेजडी किंग' कहलाए लेकिन, वो एक हरफनमौला अभिनेता थे.

(Source: Peepingmoon)

Author

Recommended

PeepingMoon Exclusive