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एक नजर ऋषि कपूर के फ़िल्मी सफर पर, बचपन से था एक्टर बनने का जूनून 

दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर अब हमारे बीच नहीं है. कपूर परिवार की तरफ से जारी बयान में 30 अप्रैल की सुबह 8. 45 मिनट पर अभिनेता ने मुंबई के एनएच रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में आखिरी सांस ली. ऋषि के आखिरी समय में नीतू कपूर और रणबीर कपूर उनके साथ थे. 

ऋषि कपूर बॉलीवुड के ऐसे पपरिवार से ताल्लुक रखते है, जिनकी कई पीढ़ियां फिल्मों में अपना योगदान दे चुकी हैं. इन्हे हिंदी सिनेमा का पहला परिवार कहा जाता है. बचपन से ही वो एक्टर बनना चाहते थे. अपनी चॉकलेटी बॉय इमेज के कारण लड़कियों में उनकी अच्छी फैन फॉलोइंग थी. 

ऋषि पहली बार वो पर्दे पर चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में राज कूर की फिल्म श्री 420 के गाने 'प्यार हुआ इकरार हुआ' में नजर आए थे. 1970 में आई फिल्म 'मेरा नाम जोकर' में उन्हें फुल स्क्रीन रोल मिला था. फिल्म में उन्हें राज कपूर के यंगर वर्जन का रोल निभाना था. इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट केटेगरी में फिल्मफेयर अवॉर्ड से भी नवाजा गया. 

आनेवाले कुछ सालों में उन्होंने 'हम किसी से कम नहीं', लैला मजनू, सरगम, प्रेम रोग जैसी फिल्में की. बॉबी के लिए 1974 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साल 2008 में ऋषि कपूर को फिल्म फेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी नवाजा गया. 

 


2000 की शुरुआत में ऋषि ये है जलवा, हम तुम, फ़ना, नमस्ते लंदन, लव आज कल, पटियाला हाउस जैसी फिल्में नजर आए. ऋषि के करियर की दूसरी पारी भी सराहनीय थी. वो आलिया भट्ट, सिद्धार्थ मल्होत्रा और फवाद खान के साथ कशकुन बत्रा की फिल्म 'कपूर एंड संस' में नजर आए. 
कैंसर का ट्रीटमेंट करवा लौटने के बाद दीपिका पादुकोण के साथ उनकी आगामी फिल्म 'द इंटर्न' की अनाउंसमेंट हो गई थी. 

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