बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग के दम से जाने जानें वाले विक्की कौशल आज अपना 32 वां जन्मदिन मना रहे हैं. ऐसे में एक्टर के फैंस उनके बारे में यही जानते हैं कि उन्होंने अपने एक्टिंग की शुरुआत फिल्म 'मसान' से की थी. लेकिन ऐसा नहीं है, विक्की जो एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट थे, उन्हें एक्टर बनने का पहले से शौक नहीं था. लेकिन ऐसा कौन सा पल था जिसने उनमे एक्टर बनने के जूनून को पैदा किया और उनके इस फैसले पर उनके माता-पिता का क्या रिएक्शन था, चलिए आपको विक्की के एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट से एक कामयाब बॉलीवुड स्टार बनने तक के दिलचस्प सफर के बारे में बताते हैं.
16 मई 1988 को मुंबई में जन्मे विक्की कौशल आज की तारीख में इंडस्ट्री के जाने-माने और बेहद टैलेंटेड एक्टर्स में से एक माने जाते हैं. लेकिन, सच तो यह है कि विक्की का एक्टर बनने का कोई शौक नहीं था, बल्कि वह एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट थे.
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विक्की मुंबई के राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकॉम इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं. इतना ही नहीं अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह विदेश नौकरी करने भी चले गए थे. लेकिन इंडस्ट्रियल में जाने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें एक्टिंग में दिलचस्पी है, जिसके वजह से उन्होंने सब कुछ छोड़ बॉलीवुड की तरफ अपना रुख किया.
अपने करियर की शुरुआत में विक्की आज की तरह मस्क्यूलर नहीं थे, ना ही उनकी इतनी फैन फॉलोइंग थी. एक्टर यहां तक सोचा करते थे कि उनकी तरह दिखने वाले दुबले-पतले लड़के को कौन काम देगा. लेकिन बदलते समय के साथ एक्टर की मेहनत ने उनकी किस्मत बदली और आज वह इंडस्ट्री के एक जाने माने स्टार हैं.
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आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे कि विक्की कौशल के पिता श्याम कौशल बॉलीवुड से जुड़े हुए हैं. दो दशकों तक इंडस्ट्री में बतौर एक्शन डायरेक्टर काम कर चुके विक्की के पिता, उनके एक्टर बनने के फैसले के खिलाफ नहीं थे. ऐसे में विक्की शुरुआती दिनों में उनके साथ सेट पर जाया करते थे.
ऐसे में करियर की शुरुआत में विक्की ने साल 2010 में अनुराग कश्यप की फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में बतौर असिस्टेंट काम किया था. इसके बाद एक्टर को बड़ा ब्रेक नहीं, लेकिन एक छोटा रोल जरूर अनुराग कश्यप की ही फिल्म 'लव शव ते चिकन खुराना' (2012) में करने मिला था.
बीतते समय के साथ एक्टर को 'बॉम्बे वेलवेट' में भी एक छोटा रोल करने मिला था. लेकिन इसके बाद एक्टर की मेहनत ने रंग लाया और उन्हें 'मसान' (2015) से बतौर लीड एक बड़ा ब्रेक मिला. इस फिल्म के लिए एक्टर को बेस्ट मेल डेब्यू का अवॉर्ड भी मिला था. विक्की ने अपनी पहली ही फिल्म में जबरदस्त एक्टिंग का जलवा दिखाते हुए दर्शकों से लेके क्रिटिक्स तक को अपना दीवाना बना लिया था. लेकिन ये तो सिर्फ एक शुरुआत थी.
इसके बाद विक्की पीछे मुड़ कर देखने वालो में से नहीं थे. उन्होंने 'जुबान', 'रमन राघव 2.0' जैसी फिल्म करने के बाद आलिया भट्ट के साथ 'राजी' की इस फिल्म ने उनके करियर को एक अच्छा सपोर्ट दिया. लेकिन 'मनमर्जियां' और 'संजू' जैसी फिल्मों को करने के बाद भी विक्की कहीं न कहीं अपनी एक अलग जगह तलाश रहे थे, जो उन्हें साल 2019 में 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक' के रिलीज के बाद मिली. फिल्म साल की जबरदस्त कमाई करने वाली फिल्मों में से एक बन गयी और साथ-साथ एक्टर के करियर के लिए एक टर्निंग पॉइंट बनकर उभरी.
विक्की को आखिरी बार हमने करण जौहर की 'भूत: द हॉन्टेड शिप' में देखा, हालांकि फिल्म ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन अभी भी एक्टर की अगली फिल्म का उनके फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. आने वाले समय में विक्की 'तख्त', 'सरदार उधम सिंह' जैसी बड़ी बजट वाली फिल्मों में दिखाई देंगे.