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Birthday Tribute: अमरीश पुरी और 'मोगैंबो' के 'कॉस्ट्यूम' का ये कनेक्शन जानकर हैरान रह जाएंगे आप, बोनी कपूर ने बताया ये बेहद ही दिलचस्प किस्सा

दिवगंत दिग्गज कलाकार अमरीश पुरी को बॉलिवुड का सबसे खतरनाक विलेन कहा जाए तो यह गलत नहीं होगा. उन्‍होंने अपनी आवाज, अपनी पर्सनैलिटी से लोगों को खूब डराया. अमरीश पुरी की 22 जून को बर्थ ऐनिवर्सरी है. 22 जून 1932 को पाकिस्तान के लाहौर में जन्में अमरीश पुरी ने 12 जनवरी 2005 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. उनकी पर्सनैलिटी ही कुछ ऐसी थी कि उनके बाद उनकी टक्‍कर का बॉलिवुड में कोई विलेन हुआ ही नहीं. कभी डॉन्ग- कभी मोगैंबो, ऐसा विलेन जो हीरो से ज़्यादा फेमस हुए थे. 

अमरीश पुरी 1954 में जब 22 साल के थे तो उन्होंने किसी फिल्म में 'हीरो' के लिए ऑडिशन दिया था. प्रोड्यूसर ने उन्हें यह कहते हुए निकाल दिया था कि उनका चेहरा बेहद पथरीला सा है. इसके बाद अमरीश का झुकाव थिएटर की ओर हो गया. रंगकर्मी इब्राहिम अल्काजी 1961 में उन्हें थिएटर में लाए. उस दौरान अमरीश पुरी LIC में नौकरी कर रहे थे. नाटकों में एक्टिंग करते-करते अमरीश पुरी की अलग ही पहचान बन गई थी. अमरीश पुरी की आदत थी कि वो वीडियो या ऑडियो इंटरव्यू नहीं देते थे. कई मौकों पर उनकी फुटेज दिखती भी है तो वो शूटिंग के दौरान की होती है. अखबारों या मैगजीन को इंटरव्यू देते वक्त भी वो अपनी आवाज रिकॉर्ड नहीं करने देते थे. वो ऐसा इसलिए करते थे ताकि लोग उनकी आवाज को ज्यादा से ज्यादा फिल्मों में ही सुनें.

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साल 1987 में आई फिल्म 'मिस्टर इंडिया' का नाम सुनते ही पहले 'मोगैंबो' का चेहरा और डायलॉग याद आ जाता हैं. अमरीश जी के जन्मदिन के खास मौके पर उनके दोस्त बोनी कपूर ने एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए 'मोगैंबो' की ड्रेस और अमरीश पूरी का बड़ा ही दिलचस्प किस्सा शेयर किया हैं. बोनी कपूर ने बताया कि, 'अमरीश पुरी को बड़ी स्टारडम मेरी फिल्म हम पांच से मिली. वे अपने काम को लेकर इतने डेडीकेटेड थे कि हर चीज की डिटेल्स में जाते थे. इस फिल्म में अमरीश जी ने अपनी बिग खुद ही डिजाइन की थी. निर्देशक बापू जी ने उन्हें इशारों में कुछ बताया और स्केच बनाकर दिया था. उसके बाद तो उन्होंने अपनी बिग खुद ही डिजाइन की.'


बोनी ने आगे कहा कि, 'हम पांच के लिए अमरीश पुरी को 40 हजार रुपए फीस दी गई थी. फिल्म हिट होने के बाद उन्हें बोनस के रूप में 10 हजार रुपए और दिया तो खुश हो गए. उस समय प्राण और बाकी विलेन 3 लाख रुपए लिया करते थे. मैंने उनसे पिक्चर बनते समय कहा था कि इसके बाद आपकी प्राइस बढ़कर ढाई लाख रुपए हो जाएगी. हम पांच से पहले भी उन्होंने पिक्चरों में रोल किया था, पर हम पांच से जो स्टारडम और पहचान मिली, वह अब तक के किए गए सभी किरदारों से कहीं ज्यादा थी. इस तरह हमारा साथ शुरू हुआ था.'


वहीं बोनी कपून ने आगे कहा कि, 'मिस्टर इंडिया के लिए हम फ्रेश फेस देना चाह रहे थे.  इसके लिए मुंबई में जितने भी विलेन थे, उन सभी के ऑडिशन लिए थे. लेकिन जावेद ने जिस रुवाब से मोगैंबो के किरदार को लिखा था, उस पर कोई सही उतर नहीं पा रहा था तो हमने फाइनली अमरीश पुरी जी को ही लेना सही समझा. उस समय वे बहुत बिजी चल रहे थे. हमने उनसे कहा कि मुझे अगले हफ्ते से आपके 60 दिन चाहिए, क्योंकि पूरे क्लाइमैक्स के लिए आर के स्टूडियो में हमारे कुल 5 सेट लगे थे. उन्होंने तुरंत हां बोल दिया.'


वहीं बातचीत के दौरान बोनी कपूर ने एक बड़ा ही चौकानें वाला खुलासा किया...उन्होने बताया कि, 'मोगैंबो के पूरे गेटअप के लिए अमरीश पुरी का बड़ा हाथ था. अपने खास टेलर माधव के साथ मिलकर अमरीश ने पूरा गेटअप डिजाइन बनवाया. मैं उस कॉस्टयूम से इतना प्रभावित हुआ था कि मैंने उनके डिजाइनर माधव को उस समय 10 हजार रुपए बोनस में दिए थे. हमारे मन में विलेन का किरदार तो था, पर क्लियर विजुअल नहीं था...इसे अमरीश जी ने खुद बनाया.  बिग, कॉस्टयूम, हाथ में ली हुई छड़ी सब अमरीश ने खुद ही माधव के साथ डिजाइन की थी. लाइन भले ही ये जावेद जी ने लिखी थी पर इस किरदार में चार चांद अमरीश पुरी ने अपनी मेहनत से लगाए थे.'

(Source:Dainik Basker)

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