साल 2020 भले ही अब खत्म होने वाला है, लेकिन इस साल ने फिल्मों को देखने का नजरिया बदल दिया है. फिल्मों को लेकर सभी के मन में यही बात रहा करती थी कि उन्हें सिर्फ बड़े पर्दे पर देखा जा सकता है, लेकिन महामारी ने चीजों को अपने मुताबिक, बदल दिया. COVID-19 नाम के वायरस के कारण, अप्रत्याशित साल ने हमारे घरों के अंदर रहकर फिल्मों को एन्जॉय करने का तरीका सिखाया. ये कहना गलत नहीं होगा कि 70 मिमी स्क्रीन और पॉपकॉर्न की जगह लैपटॉप और सुरक्षा ने ले ली. 'तानाजी: द अनसंग वारियर, थप्पड़, छापक जैसे सिनेमाघरों में कुछ रिलीज होने के बाद, फिल्ममेकर्स ने ओटीटी दिग्गजों पर भरोसा किया और घर बैठे दर्शकों का एंटरटेनमेंट कंटेंट्स के बड़े रेंज के साथ किया. तो आइये डालते हैं इस साल रिलीज हुईं बेस्ट फिल्मों पर एक नजर:
आलोचकों की प्रशंसा पाने वाली फ़िल्में:
थप्पड़
तापसी पन्नू स्टारर 'थप्पड़' बेहतरीन कंटेंट के साथ एक्टिंग का खूबसूरत मिश्रण है. एक्ट्रेस ने फिल्म में घरेलू हिंसा के बारे में सभी को समझाने की कोशिश करने के साथ एक संदेश भी दिया है. समाज में बने नियमों को एक करारा जवाब देती हुई इस फिल्म में तापसी के अलावा पावेल गुलाटी, दीया मिर्जा, माया सराओ, गीतिका विद्या ओहल्यान, कुमुद मिश्रा, रत्ना पाठक शाह, तनुज आजमी, मानव कौल और अन्य यह बताते हैं कि थप्पड़ मरना प्यार जाहिर करने का तरीका नहीं है.
बुलबुल
बुलबुल कोई आम हॉरर फिल्म नहीं, बल्कि यह घरेलू हिंसा, बलात्कार और पितृसत्ता की एक भयावह सच्चाई पर रोशनी डालती है. 1881 की बंगाली परिवार की झलक दिखाती बुलबुल में तृप्ति डिमरी, अविनाश तिवारी, राहुल बोस, पाओली डैम और परमब्रत चट्टोपाध्याय बताने की कोशिश की कि कैसे एक महिला को सामाजिक बुराइयों से लड़ने के लिए अपने भीतर की देवी को बाहर लाना पड़ता है. अन्विता दत्त द्वारा निर्देशित, अनुष्का शर्मा द्वारा निर्मित इस नेटफ्लिक्स फिल्म को न केवल खूबसूरती से सुनाया गया है, बल्कि एक ऐसी तस्वीर सामने लाती है जिसमे सच्चाई की झलक है.
रात अकेली है
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की वेब फिल्म 'रात अकेली है', अगाथा क्रिस्टी जैसे क्राइम-थ्रिलर को पसंद करने वालो के लिए सही पसंद थी. नवाज़ुद्दीन और राधिका आप्टे की कमाल की एक्टिंग से सजी, हनी त्रेहान की डायरेक्शनल डेब्यू वाली इस फिल्म ने दर्शकों को अपने लैपटॉप स्क्रीन के सामने से हटने नहीं दिया.
गुंजन सक्सेना
जान्हवी कपूर स्टारर गुंजन सक्सेना में एक्ट्रेस ने IAF पायलट गुंजन सक्सेना के किरदार के साथ न्याय करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. फिल्म को हुए लॉकडाउन के कारण नेटफ्लिक्स पर रिलीज किया गया, जिसके के साथ शरण शर्मा ने अपनी डायरेक्शन की शुरुआत की. फिल्म में दर्शकों ने एक आम लड़की की यात्रा को देखा, जो अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रूढ़ियों को तोड़ती है. फिल्म में जान्हवी और पंकज त्रिपाठी की बाप-बेटी की जोड़ी किसी ऊर्जा की तरह थी.
रामसिंह चार्ली
मौजूदा पीढ़ी के बच्चों को चिड़ियाघर का मतलब भी तभी समझ पाते हैं, जब वह स्कूल की तरफ अपना रुख करते हैं. ग्लॉस और ग्लैमर से दूर चलते हुए, नितिन कक्कड़ द्वारा निर्देशित फिल्म रामसिंह चार्ली बहुत दिल से बनाई गयी है. कुमुद मिश्रा को एक सर्कस कलाकार के रूप में दिखाने वाली यह फिल्म उनकी यात्रा और उससे जुड़े संघर्ष को दिखाती है. कुमुद के साथ दिव्या दत्ता, सलीमा रज़ा, आकाश खुराना, सुरेंद्र राजन, लिलिपुट, रोहित रोकड़े, फ़ारुख सेयर और केके गोस्वामी ने दिल को छू लेने वाली फ़िल्म दी है.
लूडो
लूडो को अनुराग बसु के जीवन इन ए मेट्रो का मॉडर्न वर्जन कह सकते हैं, जो साल 2007 में रिलीज हुई थी. चार अलग कहानियों के साथ कई स्टार्स वाली इस फिल्म में अभिषेक बच्चन, पंकज त्रिपाठी, राजकुमार राव, आदित्य रॉय कपूर, रोहित सराफ, फातिमा सना शेख, सान्या मल्होत्रा, पियरल मन्नी, आशा नेगी, परितोष त्रिपाठी और इनायत वर्मा को देखा गया. कमाल की कहानी के साथ स्टार्स द्वारा की गयी एक्टिंग शानदार थी. लूडो एक स्थानीय गुंडे के बारे में है, जिसके द्वारा की गई हत्या में कई लोग जुड़ जाते हैं.
सर
तिलोत्तमा शोम और विवेक गोम्बर की मास्टरपीस फिल्म 'सर' ने कांन्स क्रिटिक्स वीक पुरस्कार जीता और अब 2 साल बाद, यह आखिरकार नवंबर में सिनेमाघरों में रिलीज हुई. एक दिल को छू लेने वाली और सोची-समझी प्रेम कहानी, सर एक NRI के इर्द-गिर्द घूमती है, जो घर के कामों के लिए नौकरानी नियुक्त करता है. रत्ना, एक विधवा, अपने, सर ’, अश्विन के साथ एक जटिल रोमांटिक रिश्ते में उलझ जाती है. कहानी यह संदेश देती है कि कोई भी अपनी वित्तीय स्थिति के बावजूद सपने देख सकता है.
AK vs AK
अनिल कपूर और अनुराग कश्यप की हाल ही में रिलीज हुई AK vs AK को देखें के बाद सभी का रिएक्शन था, एकदुम झकास! विक्रमादित्य मोटवाने के निर्देशन में बनी इस फिल्म की कहानी हर बार हटकर है. रील लाइफ में दोनों ही स्टार्स ने अपना रियल किरदार निभाया है और वह भी शानदार तरीके से. AK vs AK की कहानी एक असफल निर्देशक अनुराग के इर्द-गिर्द घूमती है. ऐसे में वह एक सुपरस्टार, अनिल को अपने अगले प्रोजेक्ट में काम करवाने के लिए उसकी बेटी सोनम कपूर को किडनैप कर लेता है. हालांकि, इस तरह से फिल्म में कई मजेदार ट्विस्ट और टर्न्स देखने मिलते हैं.
फिल्में जिन्होंने सही मात्रा में चर्चा बटोरी और सुर्खियों में बनी रही
तानाजी: द अनसंग वॉरियर
अजय देवगन और सैफ अली खान स्टारर ओम राउत के निर्देशन की पहली फिल्म तानाजी: द अनसंग वॉरियर में दोनों एक दूसरे के आमने-सामने खड़े नजर आये. छत्रपति शिवाजी महाराज के एक सैन्य सहायक, तानाजी मालुसरे की बहादुरी पर आधारित इस फिल्म ने जनवरी में रिलीज़ होने से पहले और बाद में खूब सुर्खियां बटोरी. शानदार विजुअल इफेक्ट्स और परफॉरमेंस से सजी यह फिल्म साल की चर्चित फिल्मों में से एक थी.
मलंग
यह कहना गलत नहीं होगा कि दिशा पाटनी और आदित्य रॉय कपूर ने मोहित सूरी की मलंग में अपनी केमिस्ट्री से आग लगा दी. फिल्म ड्रग्स, सैड लव स्टोरी और निश्चित रूप से अनिल कपूर के निगेटिव अवतार के लिए बेहद पसंद की गयी. डार्क और पेचीदे किरदारों वाली फिल्म ने वेलेंटाइन डे पर रिलीज से ठीक पहले खूब सुर्खियां बटोरी थी. रिलीज के कुछ दिनों बाद, फिल्म के मोहित द्वारा उसकी सीक्वल की घोषणा के कारण भी सुर्खियां बटोरी थी.
दिल बेचारा
दिल बेचारा को सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म के रूप में आज भी याद किया जाता है. मुकेश छाबड़ा द्वारा निर्देशित यह फिल्म द फॉल्ट इन अवर स्टार्स (2014) की हिंदी रीमेक थी. फिल्म में दो कैंसर रोगियों की यात्रा को दिखाया जाता है, जिसमे देखने मिलता है कि कैसे दोनों एक दूसरे के करीब आते हैं. दिल बेचारा ने 24 घंटे के भीतर 95 मिलियन दर्शकों के साथ सबसे अधिक देखी जाने वाली फिल्म बनने के लिए सभी रिकॉर्ड तोड़े थे.
लक्ष्मी
अक्षय कुमार की लक्ष्मी, पहले लक्ष्मी बॉम्ब टाइटल के साथ रिलीज होने वाली साल की मोस्ट अवेटेड फिल्मों में से एक थी.महामारी के कारण, निर्माता ने दिवाली के मौके पर फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया था. अक्षय के अलावा इस फिल्म में कियारा आडवाणी, शरद केलकर, अश्विनी कालसेकर, आयशा रज़ा मिश्रा और राजेश शर्मा को लॉरेंस निर्देशन फिल्म में देखा गया था. बता दें कि यह फिल्म OTT प्लेटफॉर्म पर अब तक की सबसे बड़ी ओपनिंग करने वाली फिल्म बनकर उभरी, जिसने सुशांत की दिल बेचारा के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया.
नारी शक्ति को दिखाने वाली फिल्में
2020 में कई महिला फिल्म निर्माताओं ने शानदार फिल्मों को सबके सामने लाया.मेघना गुलज़ार, आरती कड़व, अनु मेनन और अलंकृता श्रीवास्तव जैसे निर्देशकों ने खुलकर अपने विचार फिल्मों के माधय्म से सामने रखे.
छपाक
दीपिका पादुकोण की छपाक एक एसिड अटैक पीड़िता की कहानी थी, जिसके साथ मेघना ने साल की शुरुआत की. फिल्म ने जागरूकता फैलाई और मजबूत इच्छा शक्ति वाले किरदार की झलक दिखाई. फिल्म में एक्ट्रेस ने कहानी को दर्शकों के सामने विक्रांत मैसी और श्वेता त्रिपाठी शर्मा के साथ पेश किया. पौराणिक कथाओं और जीवन शैली के साथ विज्ञान का मिश्रण, फिल्म के किरदार आरती ने इंडस्ट्री को एक रत्न दिया है.
डॉली किटी और वो चमकते सितारे में अलंकृता ने अपने नायक को बिना किसी बाधा के रानी की तरह जीवन जीने का अधिकार दिया, जबकि अनु ने दृढ़ विश्वास के साथ शकुंतला देवी की कहानी बताई. उन्होंने बताया कि कैसे उनकी नायक अपने निजी जीवन को भी संतुलित करते हुए दुनिया को जीतने का सपना लिए निकल पड़ती है.