कपूर ख़ानदान पर एक बार फिर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. ऋषि कपूर के जाने के बाद राज कपूर के सबसे छोटे बेटे राजीव कपूर का मंगलवार 9 फरवरी को हार्ट अटैक के बाद निधन हो गया है. राजीव कपूर एक्टर रणधीर कपूर और ऋषि कपूर के सबसे छोटे भाई थे. राजीव कपूर 58 साल के थे. 9 फरवरी कि सुबह हार्ट अटैक पड़ने के बाद रणधीर कपूर को तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन जब वह अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
कपूर खानदान के सदस्य और राज कपूर के छोटे बेटे राजीव कपूर का नीक नेम 'चिम्पू' था. राजीव कपूर ना केवल एक्टर बल्कि प्रोड्यूसर और डायरेक्टर भी रह चुके हैं. फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' से वो बॉलीवुड में लाइम लाइट में आए थे.
Breaking: कपूर परिवार के एक और सदस्य का हुआ निधन, नहीं रहे राजीव् कपूर
राजीव कपूर का जन्म 25 अगस्त, 1962 को मुंबई में जन्में राजीव कपूर ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1983 में आई फिल्म ‘एक जान है हम’ से की. इस फिल्म में उनके साथ दिव्या राना, शम्मी कपूर और प्राण ने काम किया है. इसके बाद राजीव ने 'नाग नागिन', 'हम तो चले परदेस', 'ज़लज़ला', 'अंगारे', 'राम तेरी गंगा मैली', 'जबरदस्त', 'मेरा साथी' और 'आसमान' जैसी फिल्मों में काम किया.
अभिनेता के रूप में अपने करियर को सफल होता न देख राजीव कपूर ने फिल्म निर्माण और निर्देशन की ओर रूख किया. निर्माता के रूप में उनकी पहली फिल्म थी हिना (1991). इस फिल्म को उनके भाई रणधीर कपूर ने निर्देशित किया. 1996 में आई ‘प्रेम ग्रन्थ’ उनकी पहली फिल्म थी जिसका उन्होंने निर्देशन किया. इस फिल्म में शम्मी और ऋषि कपूर तथा माधुरी दीक्षित ने काम किया.
पर्सनल लाइफ की बात करें तो उन्होंने साल 2001 में आर्किटेक्ट आरती सबरवाल से शादी की थी, लेकिन यह शादी ज्यादा नहीं टिक सकी और दो साल बाद यानी साल 2003 में ही उनका तलाक हो गया था.
राजीव कपूर ने साल 1985 में रिलीज हुई फिल्म राम तेरी गंगा मैली में काम किया था, जिसके डायरेक्टर उनके पिता राज कपूर थे. फिल्म को सफलता मिली और इसकी लीड एक्ट्रेस मंदाकिनी को लेकर राजीव का पिता राज कपूर से झगड़ा हो गया. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी लेकिन इस फिल्म की वजह से रिश्तों में कड़वाहट भी आ गई थी.
मधु जैन की किताब 'द कपूर्स' के मुताबिक, राज कपूर ने अपने सबसे छोटे बेटे राजीव कपूर को 'राम तेरी गंगा मैली' फिल्म से लांच किया. फिल्म तो हिट रही लेकिन राजीव कपूर की वजह से नहीं बल्कि झरने के नीचे नहाती हुई मंदाकिनी की वजह से.
राजीव कपूर का मानना था कि इसके जिम्मेदार उनके पिता राज कपूर हैं क्योंकि उन्होंने उनसे (राजीव) ज्यादा दमदार रोल मंदाकिनी को दिया. इसके चलते उनका अपने पिता से झगड़ा हो गया. बताया जाता है कि राजीव ने अपने पिता से यह मांग की थी कि राम तेरी गंगा मैली के बाद वो एक अन्य फिल्म बनाएं जिसमें उन्हें दमदार रोल दें.
राजीव कपूर के चाहने के बावजूद राज कपूर ने ऐसा नहीं किया और राजीव को राज कपूर ने एक असिस्टेंट के तौर पर रखा. वो उनसे यूनिट का वह सारा काम कराते जो एक स्पॉटब्वॉय और असिस्टेंट करता था. 'राम तेरी गंगा मैली' के बाद राजीव कपूर 'लवर ब्वॉय', 'अंगारे', 'जलजला', 'शुक्रिया', 'हम तो चले परदेस' जैसी फिल्मों में दिखे तो पर उनकी फिल्में चली नहीं. ये फिल्में आरके बैनर की नहीं थीं.
राजीव अपने पिता राज कपूर से इसी बात को लेकर चिढ़े थे कि वो उनको लेकर कोई फिल्म क्यों नहीं बना रहे. कहा जाता है कि राजीव कपूर, अपने पिता से इतने नाराज थे कि उनके निधन के बाद अंतिम संस्कार तक में नहीं गए. यही नहीं कपूर परिवार से अलग वो तीन दिनों तक शराब के नशे में चूर रहे.