कठुआ और उन्नाव में बच्चियों के साथ हुई गैंग रेप की घटना से पूरा देश गुस्से में है.रेप के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की जा रही है.कठुआ में 8 साल की बच्ची का गैंग रेप कर उसकी लाश को जंगल में फेंक दिया गया.वहीं,उन्नाव में एक 17 वर्षीय लड़की से रेप का मामला सामने आया है.इस मामले में आरोपी विधायक को गिरफ्तार कर लिया गया और जांच जारी है.इन दो घटनाओं के प्रति बॉलीवुड सेलेब्स ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया है.वैसे,बॉलीवुड की बात की जाए तो यहां भी रेप के मामलों को विषय बनाया गया है.आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसी ही फिल्मों पर...
मॉम: 2017 में आई इस फिल्म में मुख्य भूमिका श्रीदेवी ने निभाई थी जो अब इस दुनिया में नहीं हैं.इस फिल्म में दमदार रोल के लिए उन्हें मरणोंप्रांत बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड भी मिला है.उन्होंने इसमें एक ऐसी मां की भूमिका निभाई है जिसकी टीनेजर बेटी का गैंग रेप कर उसे मार दिया जाता है.पेरेंट्स उसके आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा की मांग करते हैं लेकिन आरोपी बच निकलते हैं.तब बेटी के साथ हुई घिनौनी हरकत का बदला लेने के लिए मां कमर कसती है और फिर एक डिटेक्टिव की मदद लेती है.इस डिटेक्टिव की भूमिका नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने निभाई थी जबकि एक पुलिस ऑफिसर के रोल में अक्षय खन्ना भी दिखाई दिए थे.
मातृ: 2017 में रिलीज़ हुई इस फिल्म में भी एक मां की कहानी ही दिखाई गई थी जिसकी बेटी का रेप उसकी आंखों के सामने कर दिया जाता है.फिल्म में रवीना टंडन ने सशक्त मां की भूमिका निभाई थी जो अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए पूरे सिस्टम से लोहा ले लेती है.
काबिल: 2017 में रिलीज़ हुई हिट फिल्म काबिल भी रेप रिवेंज पर आधारित थी.इसमें ऋतिक रोशन ने एक ऐसे अंधे व्यक्ति की भूमिका निभाई थी जिसकी पत्नी (यामी गौतम)का कुछ गुंडे रेप कर उसकी हत्या कर देते हैं.फिर ऋतिक उनकी मौत का बदला लेते हैं.
मर्दानी: 2014 में आई रानी मुखर्जी की कमबैक फिल्म में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को प्रमुखता से दिखाया गया है.पुलिस ऑफिसर बनी रानी इसमें लड़कियों का रेप करने वाले,ह्युमन ट्रेफिकिंग और वेश्यावृति कराने वालों को चुन-चुनकर सबक सिखाती दिखाई देती हैं.
भूमि: 2017 में रिलीज़ हुई भूमि भी इसी विषय पर आधारित थी जिसमें संजय दत्त एक पिता की भूमिका में थे.जेल से छूटने के बाद ये उनकी कमबैक फिल्म थी जिसमें वह अदिति राव हैदरी के पिता बने थे.बेटी का गैंग रेप कर दिया जाता है और बाप उसे इंसाफ दिलाने के लिए सबसे लड़ जाता है.इसी विषय पर 2002 में पिता नाम की फिल्म भी रिलीज़ हो चुकी है.
इंसाफ का तराजू: इस फिल्म में राज बब्बर ने एक रेपिस्ट की भूमिका अदा कर सबको चौंका दिया था.उन्हें फिल्म में जीनत अमान से रेप करते दिखाया गया था.फिल्म में कई हिंसात्मक रेप सीन थे जिनकी काफी आलोचना भी हुई थी.फिल्म में पद्मिनी कोल्हापुरे भी अहम किरदार में थीं.1983 में आई इस फिल्म का निर्देशन बीआर चोपड़ा ने किया था.
दामिनी: 1993 में आई दामिनी में भी रेप का मामला प्रमुखता से उठाया गया था.फिल्म में मीनाक्षी शेषाद्रि और ऋषि कपूर ने मुख्य भूमिका निभाई थी.फिल्म की कहानी एक ऐसे परिवार की है जिसमें एक सदस्य अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक नौकरानी का रेप कर देता है जिसके बाद अपना मानसिक संतुलन खो बैठती है और मर जाती है.इस परिवार की बहू बनी मीनाक्षी परिवार के खिलाफ जाकर उसे इंसाफ दिलाने की ठानती है और वकील बने सनी देओल के साथ मिलकर समाज में रेप विक्टिम के साथ होने वाले व्यवहार पर मोर्चा खोल देती है.
ज़ख़्मी औरत: 1988 में आई ज़ख़्मी औरत में भी रेप की कहानी दिखाई गयी थी.इसमें एक पुलिस ऑफिसर बनी डिंपल कपाडिया से गैंग रेप होते दिखाया गया है जिसे कानून में इंसाफ नहीं मिलता.फिर वह अपने आत्म सम्मान के लिए एक गैंग बनाती है जो रेपिस्टों को सर्च करता है,उन्हें पकड़ता है और फिर उनकी जमकर पिटाई करता है.
अंकुश:1986 में आई नाना पाटेकर की 'अंकुश' में दिखाया गया है कि एक लड़की का रेप होने के बाद वह आत्महत्या कर लेती है.उसकी मौत से दुखी नाना एक चार लोगों का गैंग बनाकर रेपिस्टों को सबक सिखाते हैं. इसके अलावा 1994 में आई फिल्म फूलन देवी में तो पब्लिक के सामने रेप होते दिखाया गया है जो कि रूह कंपा देता है.