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PM Narendra Modi Review: 'मोदी भक्त्तों' के लिए बेहद ख़ास है विवेक ओबेरॉय की ये फिल्म

फिल्म: पीएम नरेंद्र मोदी
कास्ट: विवेक ओबेरॉय, जरीना वाहब और मनोज जोशी
डायरेक्टर: ओमंग कुमार
रेटिंग: 3 मून्स

'पीएम नरेंद्र मोदी', नाम से ही साफ़ है की यह एक ऐसी फिल्म है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी के उल्लेखनीय साहस, बुद्धिमत्ता, धैर्य और समर्पण को दर्शाती है. विवेक ओबेरॉय जो इस फिल्म में नरेंद्र मोदी का किरदार निभा रहे हैं उन्हें शुरू में मोदी के रूप में देखना अजीब लग रहा था मगर जैसे जैसे फिल्म आगे बढ़ी वैसे वैसे विवेक की शारीरिक भाषा, आभा, रूप और दृष्टिकोण आपको ने हमें काफी इम्प्रेस किया. फिल्म में नरेंद्र मोदी को सभीं नरेन कह कर पुकार रहे थे. नरेन की चायवाले से लेकर प्रधानमंत्री की जर्नी को भी बेहतरीन ढंग से दर्शाया गया है.

फिल्म लोकसभा चुनाव 2014 पैनल चर्चा के साथ शुरू होती है और तुरंत हमें राजनीतिक क्षेत्र में ले जाती है. मोदी की राजनितिक रणनीतियों को भी बहुत ही अच्छी तरह दर्शाया गया है, जिसने पहले गुजरात और फिर पूरे भारत में कई सोशल बदलाव लाए. सन 1950 में मोदी का बचपन जो कि राजनीतिक माहौल में बढ़ा उसके बाद कैसे मोदी चार बार लगातार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में और फिर साल 2014 में भारत की कमान संभालते हुए आगे बढे ये भी देखने लायक है. साल 2013-14 में विश्व राजनीति में सबसे आकर्षक और सफल चुनाव अभियान चलाने वाले मोदी की ये फिल्म कुल मिलाकर मोदी को अच्छी रोशनी में रखती है, लेकिन उनके जीवन के विवादास्पद हिस्सों को भी मिटा देती है.
 

विवेक भी अपनी प्रभावशाली एक्टिंग से इम्प्रेस कर रहे हैं. मोदी जिस तरह धीरे-धीरे मजबूती से हमारे देश 'भारत' के लिए राष्ट्रवाद और वफादारी स्थापित करते हैं, उसे विवेक ने बखूबी से निभाया है. फिल्म में बताया है कि मोदी के लिए सरकार कोई व्यवसाय नहीं है. उसके लिए, कोई काम बड़ा या छोटा नहीं है, यह एक सोच है. विवेक के साथ फिल्म के हर मोड़ पर यह बात जोड़ी गई है की, पीएम नरेंद्र मोदी यहां रहने के लिए हैं और जैसा कि वे कहते हैं "भ्रष्टाचार नहीं सहयोग दिखाएंगे".

मोदी की मां, हीराबेन मोदी की भूमिका निभाने वाली जरीना वाहब ने भी उनके भावनात्मक और प्रभावशाली चरित्र को पूरा न्याय देती हैं. मनोज जोशी ने सरखेज के विधायक अमित शाह के रूप में अपने ऊर्जावान और उत्साही व्यक्तित्व से दर्शकों का ध्यान आकर्षित करते हैं.  विवेक के पिता सुरेश ओबेरॉय फिल्म में मोदी के गुरुजी के रूप में दिखाई दिए जो कि दर्शकों के लिए किसी सरप्राइज से कम नहीं है. फिल्म में बोमन ईरानी ने रतन टाटा के रूप में एक छोटी, लेकिन अच्छी भूमिका निभाई है.

बैकग्राउंड म्युज़िक और फिल्म के गाने आपके अंदर देशभक्ति जगा देंगे. हर एक गाना मोदी के रूप में एक आदमी, एक राजनेता, एक नेता और मोदी की 64 साल की महाकाव्य यात्रा  को खूबसूरती से दर्शाता है. गरीबी से लड़कर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने और फिर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का सबसे प्रभावशाली नेता बनने तक ये गाने आपको बहुत प्रेरित करेंगे. हालांकि, फिल्म काफी लम्बी है, तो हो सकता है कि आप अपनी दिलचस्पी खो दें. फिल्म की एडिटिंग और स्क्रीनप्ले भी ठीक ठाक है. बैकग्राउंड और लोकेशन  चलता है कि फिल्म महज 38 दिनों में शूट की गई है. पीएम नरेंद्र मोदी सभी "मोदी भक्तों" को जरूर देखनी चाहिए.

पीपिंगमून फिल्म 'पीएम नरेंद्र मोदी' को 3 मून्स देता है.

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