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Movie Review 'Article 15' : देश के ग्रामीण क्षेत्रों की कड़वी सच्चाई और आयुष्मान खुराना की बेहतरीन एक्टिंग के लिए देखिये ये फिल्म

फिल्म - आर्टिकल 15

निर्देशक - अनुभव सिन्हा

स्टारकास्ट - आयुष्मान खुराना,शायोनि गुप्ता, ईशा तलवार, नामाशी चक्रवर्ती, कुमुद मिश्रा, मनोज पाहवा
 

सबसे पहली बात तो यह है कि आयुष्मान खुराना ना ही अजय देवगन है और ना ही मनोज बाजपेयी, जो खाकी वर्दी में भारत के ग्रामीण इलाकों में क्राइम, पॉलिटिक्स, रिश्वत लेने वाले पुलिस ऑफिसर और गलत तरीके से बनाए गए लॉ से लड़ेंगे, तो कृपया करके आप 'आर्टिकल 15' में फिल्म 'गंगाजल' या 'शूल' को ना ढूंढें.

आयुष्मान खुराना का किरदार एक आईपीएस ऑफिसर अयान निरंजन का है, जिसे लालगांव पुलिस स्टेशन में पोस्टिंग मिली है और यह पोस्टिंग उनकी पनिशमेंट है. इस फिल्म में एक ऐसी कहानी बताई गई है जिसे सुनकर आप सभी के रोंगटे खड़े हो जाएंगे. बावजूद इसके यह फिल्म बिना खून खराबे के है.

आईपीएस ऑफिसर रंजन हमेशा अपने साथ पिस्तौल रखते हैं लेकिन पूरी फिल्म में उन्होंने एक बार भी यह पिस्तौल चलाई नहीं क्योंकि जो क्राइम है वह पहले से ही हो चुका था और इस क्राइम को अंजाम देने वाले क्रिमिनल्स आजाद घूम रहे थे. रंजन अपने डिपार्टमेंट को और सीबीआई को यह साबित करना चाहते थे कि वह एक अच्छे ऑफिसर हैं जिसे वह सस्पेंड करने वाले थे.

भले ही 'आर्टिकल 15' एक क्राइम ट्रेलर जौनर है लेकिन, यह फिल्म काफी सिंपल स्टोरी लाइन के साथ बनाई गई है. लालगांव में 3 लड़कियां लापता होती हैं जिसमें से दो की बॉडी पेड़ पर लटकी हुई पाई जाती है. आयुष्मान यानी कि रंजन के सबोर्डिनेट मनोज पाहवा और कुमुद मिश्रा इस केस की जांच करते हैं और जब वह लोग उन दो लड़कियों की बॉडी तक पहुंचते हैं तब वह रंजन को बताते हैं कि तीसरी लड़की अपने आप वापस आ जाएगी और उन्हें यह केस अभी बंद कर देना चाहिए. लेकिन, दिल्ली से अपनी पढ़ाई करने के बाद यूरोप में रहे रंजन को दाल में कुछ काला नजर आता है. वह अपनी पत्नी अदिति यानी इशा तलवार से फोन पर बात करते हैं और कहते हैं यह 'जंगल की तरह है, घने जंगल की तरह'.

यह केस काफी गहरा उलझा हुआ और जात पात के लंबी दीवारों के बीच कैद रहता है. कई सारी धमकियां और कई रोक टोक के बावजूद भी आईपीएस ऑफिसर रंजन इस केस की तह तक जाने में लगे हुए रहते हैं. वह एक भी पॉइंट या एक भी मौका नहीं छोड़ते इस केस के तह तक जाने के लिए. आयुष्मान का किरदार खुद लापता लड़की को ढूंढने में लग जाता है. यह फिल्म काफी डार्क है लेकिन, हमारे देश में हो रहे इस तरह के सोशल इश्यू को बहुत ही बेहतरीन तरीके से पेश कर रही है. क्योंकि 'आर्टिकल 15' का मुद्दा काफी बड़ा है तो इसे पेश करने में मेकर्स को भी फिल्म थोड़ी खींचनी पड़ी.

सिनेमैटोग्राफी में भी कोई कमी नहीं है सब कुछ बहुत रियल दिखाई दे रहा है. बैकग्राउंड म्यूजिक को भी हालातों के अनुसार फिल्म में पेश किया गया है. इस फिल्म में सबसे कमाल की एक्टिंग है आयुष्मान, मनोज, कुमुद और मोहम्मद जीशान अयूब ने. फिल्म में शायोनि गुप्ता भी एक इंटेंस और उम्दा किरदार में दिखाई दी हैं जिनकी आंखों में डर और बेचैनी साफ नजर आती है. अनुभव सिन्हा ने आयुष्मान खुराना के परफॉर्मेंस को बहुत ही उम्दा तरीके से एक्सप्रेस किया है बहुत सी जगह आयुष्मान शांत दिखाई दे रहे हैं मगर उनका अभिनय उनके चेहरे पर बहुत शोर मचा रहा है. अनुभव ने फिल्म के जरिए बिना किसी शुगर कोटिंग के एक कड़वी सच्चाई को लोगों के सामने पेश किया है. यह फिल्म एंटरटेन करने के लिए नहीं है लेकिन आपको यह फिल्म देखनी जरूर चाहिए. खासकर उन्हें जो भारत के छोटे और पिछड़ी जातियों के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं. किस तरह अपर कास्ट के लोग इन पिछड़ी जातियों को परेशान करते हैं और सिर्फ परेशान नहीं इनका रेप किया जाता है मर्डर किया जाता है और वो भी 3 रूपये के लिए.

पीपिंग मून 'आर्टिकल 15' को देता है 3.5 मून्स 

(Source: PeepingMoon)

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