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Movie Review 'Judgmentall Hai Kya' : शानदार प्रदर्शन और बेहतरीन प्लॉट का परफेक्ट कॉम्बिनेशन है यह फिल्म

फिल्म : जजमेंटल है क्या 

डायरेक्टर : प्रकाश कोवेलामुदी 

कास्ट : कंगना रनौत, राजकुमार राव, ब्रिजेन्द्र काला, जिमी शेरगिल, अमायरा दस्तूर, नुसरत भरुचा 

लेखक : शलाका पराड़कर 

एक बच्चा कैसे घरेलू हिंसा को देखता है, यहां से इस फिल्म की शुरुआत होती है. यह कहना गलत नहीं होगा कि 'जजमेंटल है क्या' मानसिक बीमारी जैसे सब्जेक्ट पर बनीं एक बेहतरीन फिल्म है.

अंदर से टूटी हुई और दिमागी तौर पर परेशान कंगना रनौत का किरदार बॉबी बाटलीवाला गरेवाल मिलती है अपने से बिलकुल अलग पर्सनालिटी के इंसान केशव / श्रवण से, जिसे निभाया है राजकुमार राव ने.

बॉबी का किरदार आप ऐसे समझ लीजिये कि उसका वार्डरॉब बड़ा ही अजीब है, डार्क सेन्स ऑफ़ ह्यूमर हैं और उसकी आदतें भी आपको चौंका सकती हैं, जैसे खुदकी डब की हुई फिल्म के पोस्टर्स में खुद को फोटोशॉप करना. उनकी ये आदत इस फिल्म को बहुत इंट्रेस्टिंग बनाती है. बॉबी अजब गजब जॉब पाने के लिए अपने बॉयफ्रेंड / मैनेजर को इस्तेमाल करती है. वो यह करना तब बंद करती है जब उसका मैनेजर शॉपिंग सेंटर में उनसे आलू बनने के लिए कहता है जो हर जगह एडजस्ट हो जाए. लेकिन फिल्म में आगे पता चलता है कि बॉबी आलू नहीं है जो कुछ भी सह सकती है. 

जब नए शादीशुदा जोड़े राजकुमार (केशव) और अमायरा दस्तूर (रीमा) बॉबी के पड़ोसी बनकर आते हैं तब बॉबी का पागलपन और भी बढ़ जाता है.

बॉबी एक स्टॉकर है या कोई कातिल? या कोई ऐसी लड़की जो किसी को नुकसान नहीं पहुंचा सकती या फिर केशव द्वारा किये गए अपराध की एकमात्र चश्मदीद गवाह? फिल्म का पहला हाफ इन्ही सवालों से जुड़ा हुआ है और दूसरे हिस्से में आप देखेंगे कि केशव और बॉबी एक बार फिर आमने सामने होते हैं.

यहां जिमि शेरगिल की एंट्री होती है और हम सब यह उम्मीद करते हैं कि जिमि को आखिर इस फिल्म में तो लड़की मिलेगी! 

बॉबी के किरदार में कंगना हमेशा की तरह बेहतरीन हैं और वह पूरी तरह से किरदार में उतर गई हैं. राजकुमार राव ने भी केशव के किरदार से न्याय किया है.

हिंदी फिल्मों को वास्तव में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के प्रति संवेदनशील चित्रण के लिए नहीं जाना जाता है. इस तरह की कहानी को बॉलीवुड ने अक्सर हंसी, आंसू, या डरावनी (या 2007 की भूल भुलैया) के रूप में पेश किया है.भारतीय मनोरोग सोसायटी ने इस फिल्म के मूल शीर्षक (मेंटल है क्या) पर आपत्ति जताई और फिर इसे बदल दिया गया था लेकिन, हमें लगता है कि उन्हें पहले फिल्म देखनी चाहिए थी.

फिल्म के नाम के बदल जाने के बावजूद भी फिल्म की कहानी पर कुछ बदलाव नहीं आया है, कुल मिलाकर इस फिल्म की कहानी और एक्टर्स के प्रदर्शन की सराहना की जानी चाहिए. 

पीपिंग मून 'जजमेंटल है क्या' को 4 मून्स देता है.

 

(Source : Team Masala)

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