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Movie Review 'Arjun Patiala' : हल्की-फुल्की कॉमेडी के लिए देखिये कृति सेनन और दिलजीत दोसांझ की यह फिल्म

फिल्म : अर्जुन पटियाला 

कास्ट : दिलजीत दोसांझ, कृति सेनन, वरुण शर्मा, मोहम्मद जीशान अयूब, सीमा पहवा, रोनित रॉय

डायरेक्टर : रोहित जुगराज

फिल्मी जगत में कहते हैं कि कलाकर अपने अभिनय से दर्शकों को आसानी से रुला तो सकता है मगर आसानी से हंसा नहीं सकता. इसी मुश्किल से जूझते नजर आए कृति सेनन, दिलजीत दोसांझ और वरुण शर्मा अपनी फिल्म 'अर्जुन पटियाला' में. रोहित जुगराज द्वारा डायरेक्ट हुई यह फिल्म एक बॉलीवुड मसाला फिल्म है जिसमें एक्शन, ड्रामा, रोमांस, आइटम सॉन्ग, हीरो, विलेन सबकुछ है. बता दें कि रोहित ने इससे पहले कुछ पंजाबी फिल्मों को डायरेक्ट किया था जिसमें दिलजीत भी थे. अभिनेता अभिषेक बैनर्जी इस फिल्म की कहानी के राइटर की भूमिका निभा रहे हैं जो इस स्क्रिप्ट को लेकर प्रोड्यूसर बनें पंकज त्रिपाठी के पास लेकर जाते हैं. और ना जाने क्यों मगर अंत तक इस प्रोड्यूसर को ये कहानी पसंद भी आ जाती है. 

फिल्म की शुरुआत अभिषेक बैनर्जी की स्त्री टेलिंग स्किल से ही होती है. जसिमें एक लड़का है जो बचपन से ही पुलिस बनना चाहता है. उसका हीरो होता है आईपीएस अमरजीत सिंह गिल (रोनित रॉय). स्पोर्ट्स कोटा के जरिये दिलजीत बन जाते हैं ऐ सी पी अर्जुन पटिआला और वहां उन्हें मिलता है उनका चेला वरुण शर्मा उर्फ डी सी पी ओनिडा सिंह! दोनों मिलकर लोगों की मदद तो करते ही हैं मगर अपने ऐश-ओ-शराब का भी पूरा लुफ्त उठाते हैं! इसी बीच एंट्री होती है पत्रकार ऋतू रंधावा की भूमिका निभा रहीं कृति सेनन की. और यहां से फिल्म की असली शुरआत होती है पुलिस वालों का काम है अपने डिस्ट्रिक्ट को क्राइम फ्री करना जिसमें उनका साथ देती हैं ऋतू रंधावा! कैसे पुलिस वाले ओवर स्मार्ट बनकर डिस्ट्रिक्ट के गुंडों को आपस में भिड़ा कर मार डालते हैं, अर्जुन पटियाला कैसे ऋतू का दिल जीतते हैं और वरुण इन सबके बीच कैसे फिल्म की बची-कूची कॉमेडी को बरकरार रखते हैं... ये सब आपको फिल्म देखने पर ही पता चलेगा.

दिलजीत और कृति की बेसिक एक्टिंग और ठीकठाक केमिस्ट्री के अलावा फिल्म में गुंडे सकूल के किरदार में मोहम्मद जीशान अयूब और करप्ट MLA के किरदार में सीमा पहवा ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है. सनी लियोनी भी इस फिल्म का एक छोटा सा हिस्सा है जो फिल्म की शुरुआत में दिखाई देती हैं और एक गाने में वरुण और दिलजीत के साथ डांस करके चली जाती हैं.

फिल्म की कहानी बिना सरपैर की है मगर, कहीं न कहीं आपको हल्की फुल्की हंसी दे सकती है. फिल्म के बीच-बीच में गेम-जोन जैसी एडिटिंग और एनीमेशन भी आपके चेहरे पर हंसी ला सकते हैं. फिल्म के गाने वैसे तो ठीक थे मगर, इस बीच आप आराम से अपने मोबाइल पर उंगलियां चला सकते हैं. वैसे, हल्की-फुल्की कॉमेडी का परफेक्ट डोज है यह फिल्म! कुल मिलाकर अगर आपके पास बहुत सारा समय खाली है तो आप 1 घंटे और 46 मिनट की 'अर्जुन पटियाला' फिल्म देख सकते हैं.

पीपिंग मून 'अर्जुन पटियाला' को 2.5 मून्स देता है.

(Source: Team PeepingMoon)

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