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Movie Review 'Khandaani Shafakhana' : अपने टायटल के साथ पूरा इन्साफ करती है सोनाक्षी सिन्हा की ये फिल्म

फिल्म : खानदानी शफाखाना

डायरेक्टर : शिल्पी दासगुप्ता 

कास्ट : सोनाक्षी सिन्हा, वरुण शर्मा, बादशाह, अनु कपूर, प्रियांशु जोरा, कुलभूषण खरबंदा

 

रोजमर्रा की जिंदगी में आप 'सेक्स' वर्ड इतना नहीं सुनते होंगे जितना इस 136 मिनट की फिल्म में सुनेंगे. हां, यहीं तो गलती है कि हम रोजमर्रा की जिंदगी में 'सेक्स' जैसे शब्दों का इस्तेमाल ही नहीं करते. शिल्पी दासगुप्ता द्वारा डायरेक्ट की गई 'खानदानी शफाखाना' सोसाइटी की इसी गलती पर आधारित है. यह गलती जो हम हमेशा करते है, न इस बारे में खुल कर बात करते हैं और इससे जुड़ी बिमारियों को डॉक्टर तक को बताने में कतराते हैं! 

तो, फिल्म की शुरुआत होती है, पंजाब के होशियारपुर की एक इज्जतदार फैमिली की लड़की बेबी बेदी (सोनाक्षी सिन्हा) से जो अपने घर की जिम्मेदारी के चलते डॉक्टर नहीं बन पाई. लेकिन, घर चलाने के लिए वो अस्पताल और फार्मेसी जाकर दवाइयों की बिक्री करती हैं. घर पर हैं उनकी विधवा मां (नादिरा बब्बर) और निठल्ला भाई भूषित बेदी (वरुण शर्मा). कहानी यह है कि बेबी को मिल जाता है अपने स्वर्गीय मामा (कुलभूषण खरबंदा) का सेक्स क्लिनिक, जिनके साथ उन्होंने बचपन में काफी समय बिताया. अनु कपूर जो इस फिल्म में वकील का किरदार निभा रहे हैं वो उन्हें वसीयत पढ़कर सुनाते हैं कि उन्हें छह महीनों तक यह क्लिनिक चलाना है और मामाजी के रेगुलर कस्टमर्स को दवाइयां देते रहना है. अब एक लड़की सेक्स क्लिनिक कैसे चलाती है, आसपास के लोग उसे क्या क्या नहीं कहते, यहां तक कि उसके घर वाले भी उसके खिलाफ हो जाते हैं. लेकिन, बेबी सबको बताती है कि 'सेक्स' पर बात तो करो.... ! बस, इसी के आसपास घूमती है इस फिल्म की पूरी कहानी!

सोनाक्षी ने अच्छी एक्टिंग की है और वरुण ने भी कुछ देर के मिले स्क्रीन स्पेस पर अपने कॉमेडी टाइमिंग से लोगों को हंसाया है. रही बात इस फिल्म से अपना एक्टिंग डेब्यू करने वाले रैपर, सिंगर बादशाह की तो वो भी स्क्रीन पर कम ही नजर आए. बादशाह इस फिल्म में एक मशहूर रैपर गबरू घटैक का किरदार निभा रहे हैं. जो मामाजी के सीक्रेट मरीज होते हैं. उन्हें जो रोल मिला है वो दिखने में बिलकुल वैसा ही जैसा कि आपने उनके एल्बम में उन्हें देखा है, हां फिल्म के आखिरी में आप उन्हें एक अलग ही अवतार में देखेंगे जो आपको काफी शॉकिंग लगेगा. इन सभीं के अलावा एक छोटे से रोल में नजर आए प्रियांशु जोरा की एक्टिंग भी आपको इम्प्रेस करेंगी. याद दिला दें कि प्रियांशु इससे पहले शो '24' में नजर आए थे. अनु कपूर और कुलभूषण खरबंदा समेत सभीं ने अपने किरदार के साथ इन्साफ किया है.

फिल्म में इस बात को बहुत ही बोल्ड और साफ तरीके से रखा गया है कि भारत में 'सेक्स' अब भी एक बड़ा टैबू है जिस पर बात करने की बहुत जरुरत है. फिल्म के म्यूजिक की बात की जाए तो फेमस गाना 'कोका' अंत में क्रेडिट सॉन्ग की तरह सामने आया. इसके अलावा फिल्म एक अन्य गाने आपको बोर कर सकते है. 136 मिनट की ये फिल्म जरुरत से ज्यादा खींची गई है. फिल्म का पहला हिस्सा तो बोरिंग है ही और दुसरे हिस्से में आप कुर्सी से उठकर चले जाने पर मजबूर हो सकते है.

सेक्स के बारे में बात करना और वो भी लड़की का इस बारे में बात करना, ये एक अच्छा कांसेप्ट था लेकिन, फिल्म को बहुत ज्यादा ड्रामेटिक बना दिया गया. हंसी भी शायद आपको इस फिल्म के इक्के दुक्के सीन में ही आएगी. कुल मिलाकर फिल्म छोटी, क्रिस्प और ज्यादा फनी होती तो एंटरटेनमेंट का डोज मिलता! 

पीपिंग मून 'खानदानी शफाखाना' को 3मून्स देता है.

 

 

(Source: Peepingmoon)

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