फिल्म : जबरिया जोड़ी
डायरेक्टर : प्रशांत सिंह
कास्ट : सिद्धार्थ मल्होत्रा, परिणीति चोपड़ा
बिहार के बैकड्राप से शुरू होती है 'जबरिया जोड़ी'. इसमें सबसे पहले आपको दिखाई देते हैं तकरीबन 10 से 12 साल तक के दो छोटे बच्चे. एक हैं सिद्धार्थ मल्होत्रा के किरदार अभय सिंह का बचपन और दूसरा है परिणीति चोपड़ा के किरदार बबली यादव का बचपन. स्कूल जाने वाले बच्चे एक दूसरे से प्यार कर बैठते हैं लेकिन, इनका प्यार एक टिपिकल बॉलीवुड की तरह इनके मां-बाप को पता चल जाता है. जिसकी वजह से परिणीति अपने पैरंट्स के साथ पटना शिफ्ट हो जाती हैं.
इसके बाद शुरू होती है कहानी! जब ये दोनों बड़े हो जाते हैं. यह तो आप सभी जानते ही होंगे कि यह फिल्म बिहार में ग्रूम किडनैपिंग यानी कि 'पकड़वा विवाह' की थीम पर आधारित है, जिसमें दहेज मांगने वाले लालची परिवार के बेटे को जबरदस्ती उठाकर लड़की से शादी करा दी जाती है. हालांकि, इस केस में लड़की को पता होता है कि उसकी शादी जबरदस्ती, यानी कि जबरिया तरीके से कराई जा रही है. इसी थीम को लेकर आगे बढ़ती है 'जबरिया जोड़ी' की कहानी भी. इस तरह जबरदस्ती शादी कराने वाले गैंग के सरदार होते हैं अभय सिंह (सिद्धार्थ मल्होत्रा) और उनके बॉस होते हैं, इस फिल्म में उनके पिता का किरदार निभा रहे अभिनेता जावेद जाफरी. वहीं परिणीति चोपड़ा के पिता का किरदार संजय मिश्रा ने निभाया है.
फिल्म की कहानी आगे ऐसे बढ़ती है कि सिद्धार्थ लोगों की जबरदस्ती शादी करवाते हैं और इसी बीच उनकी मुलाकात होती है उनके बचपन के प्यार परिणीति यानी कि बबली यादव से. जो अपने घर से भागने वाली होती है लेकिन उसका बॉयफ्रेंड उसे धोखा दे देता है. जिसके बदले में वह उसकी सरेआम जमकर पिटाई करती है. इससे आपको पता चल गया होगा कि परिणीति का किरदार कितना धाकड़ है. दोनों के बीच में प्यार होता है और जबरिया शादी भी, लेकिन उनकी शादी के बीच आप को दिखेगी डायरेक्टर प्रशांत सिंह की इस फिल्म की बेहद एंटरटेनिंग कहानी!
इस फिल्म के प्लस पॉइंट्स की बात की जाए तो, सबसे पहले इस फिल्म के लेखक संजीव के झा ने फिल्म को बहुत ही एंटरटेनिंग तरीके से लिखा है. इस फिल्म के डायलॉग आपको बहुत हंसाएंगे. सीरियस सिचुएशन और इमोशनल सिचुएशन के बीच भी बहुत ही बारीकी और बहुत ही उम्दा तरीके से कॉमेडी का तड़का लगाया गया है. इस फिल्म के दूसरे प्लस पॉइंट की बात की जाए तो यह कोई और नहीं बल्कि इस फिल्म की सपोर्टिंग कास्ट है. सिद्धार्थ और परिणीति की बीच की कैमिस्ट्री तो आपको इंप्रेस करेगी ही, लेकिन इस फिल्म से जुड़े एक एक सपोर्टिंग किरदार आपको अलग अलग तरह से एंटरटेन करेंगे.
बता दें कि इस फिल्म में अपारशक्ति खुराना जो कि बलबीर यानी कि परिणीति के किरदार बबली का बेस्ट फ्रेंड बने हैं. इसके अलावा जावेद जाफरी ने भी अपने किरदार के साथ इस फिल्म में एक अलग छाप छोड़ी है. फिल्म में रुसलान मुमताज, नीरज सूद और अर्शी लांबा भी है, जिन्होंने अपने अपने किरदार को बखूबी से निभाया है. फिल्म में अभय सिंह यानी सिद्धार्थ की मां का किरदार निभाया है शीबा चड्ढा ने जिनके अभिनय पर कोई संदेह नहीं है.
फिल्म मैं आपको एक सरप्राइज कैरेक्टर भी दिखाई देगा और यह है शरद कपूर का. जी हां, वही शरद कपूर जिन्हें आपने 'लक्ष्य' और 'जोश' जैसी फिल्मों में देखा है. शरद इससे पहले साल 2014 में सलमान खान की फिल्म 'जय हो' में नजर आए थे. 'जबरिया जोड़ी' में इन्होंने एक विलेन का किरदार निभाया है जो कि जावेद जाफरी के खिलाफ चुनाव में खड़ा होता हैए ुर अपनी बहन की शादी जबरिया गैंग से करना चाहता है. शरद कपूर ने भी अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है.
फिल्म के गाने 'खड़के ग्लासी', 'जिला हिले'. 'ढूंढे अखियां', 'मच्छरदानी'.... सभी आपको परफेक्ट सिचुएशन पर सुनाई देंगे. एली अवराम ने भी 'जिला हिले' गाने में जमकर डांस किया है.
कहीं ये फिल्म थोड़ी डगमगाती है तो वह है सेकंड हाफ में. फिल्म का पहला हिस्सा मुख्य किरदार के बीच प्यार और तकरार और आसपास के लोगों द्वारा एंटरटेनमेंट में बीत जाता है, लेकिन दूसरा हाफ आपको जरूरत से ज्यादा लंबा और थोड़ा बोरिंग लग सकता है. फिल्म की कहानी अंत में हैप्पी एंडिंग का मोड़ ले लेती है और आप को एक सीख देकर जाती है - 'जबरिया कुछ भी अच्छा नहीं होता, अब भले वो प्यार हो या फिर शादी'
पीपिंग मून 'जबरिया जोड़ी' को 3 मून्स देता है.