By  
on  

Movie Review 'Section 375' : अक्षय खन्ना और ऋचा चड्ढा का यह कोर्टरूम ड्रामा है एक साहसी प्रयास

फिल्म- 'सेक्शन 375'

कास्ट- अक्षय खन्ना, ऋचा चड्ढा, मीरा चोपड़ा, राहुल भट्ट 

निर्देशक- अजय बहल 

रेटिंग्स- 3.5 मूंस 

अक्षय खन्ना और ऋचा चड्ढा स्टारर फिल्म 'सेक्शन 375' बॉलीवुड में अब तक की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक है. जी हां, शूजित सरकार की 'पिंक' से भी बेहतर, जिसमें अमिताभ बच्चन ने मोलेस्टेशन केस में बचाव पक्ष के वकील की भूमिका निभाई थी. बात करें इस फिल्म की तो इसमें अक्षय खन्ना द्वारा क्रिमिनल लॉयर तरुण सलूजा के किरदार को बेहद शानदार तरीके से निभाया गया है. जब कि उनकी विरोधी पब्लिक प्रोसिक्यूटर हिरल मेहता (ऋचा चड्ढ) जिसने उन्ही के चैंबर में बतौर ट्रेनी अपना लॉ करियर शुरू कर भविष्य में एडवोकेट जनरल बनने का लक्ष्य रखा है, वह उनसे कोर्ट में सच की लड़ाई लड़ती नजर आती है. 

फिल्म में दोनों किरदारों के बीच कोर्टरूम में फिल्म निर्देशक रोहन खुराना (राहुल भट्ट) को बरी करने या दोषी ठहराए जाने को लेकर तीखी बहस देखने मिलती है. बता दें कि निर्देशक पर अपनी ही प्रोडक्शन में काम करने वाली सहायक स्टाइलिस्ट अंजली डंगल (मीरा चोपड़ा) को रेप करने का आरोप होता है. यह कहानी नई नहीं है, बल्कि स्टारडम की दहलीज को छू रहे एक बॉलीवुड हंक के 2009 में सामने आये मामले से यह मेल खाती है. जिस पर पत्नी के दूर रहने के दौरान घर पर अपनी नौकरानी के साथ रेप करने का आरोप था.

'सेक्शन 375' एक शानदार कोर्टरूम ड्रामा है, जिसे आप बीना किसी मतलब के गाने, रोमांस, कॉमेडी और एक्शन के एन्जॉय कर सकते हैं. फिल्म की कहानी हर मोड़ पर आपकी उत्सुकता को बढ़ाएगी, साथ ही डायलॉग्स आपको फिल्म के साथ बांध कर रखेंगे. फिल्म में बेहद खूबसूरत तरीके से पुराने बॉम्बे हाईकोर्ट से मिलता-जुलता एक सेट दिखाया गया है.

फिल्म की शानदार कहानी को डायरेक्टर अजय बहल ने बेहद खूबसूरत तरीके से पर्दे पर उतारा है. बात करें फिल्म की कास्ट की तो अक्षय खन्ना अपने किरदार के साथ हर बार की तरह न्याय करते नजर आ रहे हैं. वहीं ऋचा चड्ढा ने भी बतौर विरोधी पब्लिक प्रोसिक्यूटर अपनी छाप छोड़ी है. साथ ही एक्टर राहुल भट्ट और एक्ट्रेस मीरा चोपड़ा ने भी फिल्म में कमाल की परफॉरमेंस दी है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म पूरी तरह से एंटरटेनमेंट से भरपूर है. 

कुल मिलाकर 'सेक्शन 375' एक साहसी प्रयास है. फिल्म की कहानी अपने आप में बहुत कुछ कहती है. यह एक ऐसी फिल्म है जो एक जटिल मुद्दे पर रौशनी डाल रही है. ऐसे में इस वीकेंड अगर आप कुछ सीरियस और मीनिंगफुल देखना चाहते हैं तो यह फिल्म आपके लिए सही है. 

(Source: PeepingMoon)

Recommended

PeepingMoon Exclusive