फिल्म- मेड इन चाइना
कास्ट- राजकुमार राव, मौनी रॉय, परेश रावल, बोमन ईरानी, गजराज राव, सुमीत व्यास
निर्देशक- मिखिल मुसाले
रेटिंग्स- 3 मून्स
फिल्म की कहानी रघुवीर मेहता (राजकुमार राव) गुजरात के एक छोटे व्यापारी की है , जिसका भाग्य उसका साथ नहीं देता. उस हर मौके पर अपना सपोर्ट देने वाली पत्नी रुक्मिणी (मौनी रॉय) पति के नए-नए विचारों और मिलने वाली असफलता से थक चुकी होती है. रघु को रोज का मोटिवेशनल मंत्र अभय चोपड़ा (गजराज राव) द्वारा YouTube वीडियो से मिलता है, जिसका कहना होता है कि 'दिमाग आइडियाज का गमला हैं." लेकिन दुख की बात यह होती है कि रघु का कोई भी बिजनेस आईडिया उड़ान नहीं भर पाता है.
लेकिन चीजे तब यू-टर्न लेती हैं जब रघु अपने चचेरे भाई देवराज (सुमीत व्यास) के साथ चीन जाता है. वहां, उसकी मुलाकात तन्मय शाह (परेश रावल) एक सफल व्यवसायी और संभावित निवेशक से होती है, जहां एक चीनी महिला उनके दिमाग में मैजिक सूप का विचार डालती है. जिसके बाद एक सनकी सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. वर्धी (बोमन ईरानी) की मदद से, रघु अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करता है. जिसके बाद रघु का यह बिजनेस निकल पड़ता है. हालांकि, बाद में चीनी जनरल की हत्या में प्रमुख संदिग्ध बनने की वजह से रघु खुद को एक कानूनी पचड़े में पड़ता हुआ पाता है. जिसके बाद रघु के रहस्यों को जानने की कोशिश की जा रही है.
आपको बता दें कि फिल्म कहीं-कहीं आपको थोड़ी धीमी लगेगी, इसका कारण यह है कि फिल्म को अपने निर्णायक पॉइंट तक पहुंचने में 168 मिनट लगते हैं. आपको बता दें कि फिल्म में कुछ ही ऐसे मौके हैं, जहां आपको हंसी आएगी. फिल्म में करण व्यास द्वारा लिखे गए डायलॉग्स न ही बहुत अच्छे कहे जा सकते हैं और ना ही खराब, हालांकि फिल्म गुदगुदाने में नाकाम नजर आ रही है. अनुज राकेश धवन का कैमरावर्क उम्मीद के मुताबिक नहीं है, वहीं हिट सॉन्ग ओढ़नी भी फिल्म में अपना जादू चलाने की जगह फिल्म को लम्बा करती नजर आ रही है. 'मेड इन चाइना' का क्लाइमेक्स बेहद अच्छी तरह से शूट किया गया, जो कि आपके मन में कई तरह के सवालों को छोड़ता है.
फिल्म को अगर किसी चीज ने संभाला है तो वह है राजकुमार और बोमन की शानदार परफॉरमेंस. एक ईमानदार, दृढ़ निश्चयी और छोटे व्यवसायी के रूप में, राजकुमार ने अच्छी एक्टिंग की है. वहीं, बोमन ने हर बार की तरह इस बार भी अपने नए 'सेक्सपर्ट' के किरदार में कमाल की एक्टिंग कर अपनी छाप छोड़ी है. फिल्म में गजराज और परेश को आप कुछ ही सीन्स में देख पाएंगे. हालांकि, मेकर्स को दोनों एक्टर्स को ज्यादा स्क्रीन स्पेस देना चाहिए था, शायद उनकी एक्टिंग फिल्म के लिए और फायदेमंद साबित होती. वहीं, मौनी द्वारा निभाया किरदार एक्ट्रेस को सूट करता है, हालांकि, उनके किरदार का कोई ग्राफ नहीं है.
नेशनल अवॉर्ड विनिंग डायरेक्टर मिखिल मुसाले द्वारा फिल्म में कॉमिक बीट मिस करना थोड़ा आश्चर्यजनक है. फिल्म की पूरी कहानी आपको शुरू से बहुत ही धीमी लगेगी, जो अंत के 15 मिनट में आपको स्पीड पकड़ती नजर आएगी. 'मेड इन चाइना' सेक्स के पाखंड और इसके आसपास की बातचीत को उजागर करता है.
(Source: Peepingmoon)