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Ujda Chaman Review: सेल्फ लव की सीख देते हुए सनी सिंह और मानवी गागरू ने खिला दिया यह 'उजड़ा चमन'

फिल्म: उजड़ा चमन

कास्ट: सनी सिंह, मानवी गागरू, सौरभ शुक्ला

डायरेक्टर : अभिषेक पाठक

रेटिंग: 3.5 मून्स

काफी जद्दोजहद के बाद मेकर्स ने फाइनली फिल्म 'उजड़ा चमन' को अपने तय तारीख से पहले रिलीज कर दिया है. अभिषेक पाठक की सनी सिंह स्टारर 'उजड़ा चमन' एक कॉमेडी ड्रामा फिल्म है जो आपको एक खास सीख देकर जाती है. यह फिल्म साल 2017 में आई कन्नड़ भाषी फिल्म Ondu Motteya Kathe की रीमेक है. फिल्म में समय से पहले आने वाले गंजेपन की कहानी को बहुत ही समझदारी से दिखाया गया है. फिल्म का सार क्या है यह तो आपको इस फिल्म के ट्रेलर में ही दिखाई दे दिया होगा मगर, फिल्म में इस सार को बहुत ही डिटेल्स के साथ दिखाया गया है.

नई दिल्ली, गाज़ियाबाद, नॉएडा जैसी जगहों में शूट हुई यह फिल्म दिल्ली के टिपिकल फैमिली कोहली परिवार की कहानी है, जिनका बेटा है चमन कोहली (सनी सिंह). चमन कोहली के सर के बाल समय से पहले ही झड़ जाते हैं जिसकी वजह से वो अपनी ज़िन्दगी में काफी निराश रहते हैं. 30 वर्षीय चमन कोहली पेशे से हिंदी के लेक्चरर हैं जो अपनी लाइफ पार्टनर की तलाश में हैं. गंजेपन की वजह से उन्हें अपनी दुल्हन ढूंढने में कई अस्वीकरणों का सामना करना पड़ता है. और ऐसे में वो टकराते हैं एक ज्योतिषी (सौरभ शुक्ला) से जो उन्हें एक समय सीमा देते हैं और बताते हैं कि यह समय निकल गया तो वो आजीवन ब्रम्हचारी रह जाएंगे. लाइफ पार्टनर ढूंढने की यह जद्दोजहद किसी रोलर-कोस्टार राइड से काम नहीं होती.

उनके इस प्रोसेस में शामिल होती हैं अप्सरा बत्रा (मानवी गागरू)  जो उन्हें उनकी जिंदगी का एक खास लेसन देती हैं. सेल्फ लव और लुक्स को तवज्जों ना देने की उनकी यह सीख चमन कोहली की जिंदगी बदल देती हैं. और शायद फिल्म देखते देखते आपको भी ये सीख समझ आ जाए! इसी बीच आइना (करिश्मा शर्मा) भी चमन की जिंदगी में आती है. सनी सिंह पूरी तरह अपने किरदार के साथ इन्साफ कर रहे थे. और जब इंटरवल के बाद मानवी की एंट्री होती है तो फिल्म एक नया और अच्छा मोड़ ले लेती है. मानवी ने इससे पहले कई वेब शो और कुछ फ़िल्में भी की हैं मगर इस फिल्म में उनकी एक्टिंग आपको काफी इम्प्रेस करेगी. सौरभ शुक्ला और शारीब हाशमी ने भी अपने छोटे से रोल से इस फिल्म में जान डाली है. वैसे तो यह फिल्म पूरे 2 घंटे की है मगर आपको काफी लम्बी लगेगी, डिटेल्स और किरदारों के भाव को समझाने के लिए फिल्म को काफी लम्बा खींचा गया है. वहीं, गानों की बात की जाए तो यें फिल्म की कहानी के हिसाब से बिलकुल मैच हो रहे थे लेकिन इन गानों का आपके जहन में बैठ जाना मुश्किल है.

डायरेक्टर अभिषेक पाठक इस फिल्म से पहली बार डायरेक्टर की कुर्सी पर बैठे हैं, जिन्होंने इससे पहले सनी सिंह के साथ 'प्यार का पंचनामा' में भी काम किया था. हालांकि, उस फिल्म में वो डायरेक्टर नहीं बल्कि प्रोड्यूसर थे. फिल्म के इस सब्जेक्ट को एंटरटेनमेंट के तड़के के साथ दर्शकों को परोसा जाए, यह कोशिश डायरेक्टर अभिषेक पाठक ने जरूर की है लेकिन, फिल्म के डायलॉग काफी सरल हैं, इन्हे और फनी किया जा सकता था. सिचुएशन के साथ फिल्म में पंच लाइन और ह्यूमर की कमी भी बहुत खल रही थी.

पीपिंगमून 'उजड़ा चमन' को 3.5 मून्स देता है!  

 

 

(Source: Peepingmoon)

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