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Chhapaak Review: दर्द और संघर्ष के साथ गर्व का एहसास भी दिलाएगी मेघना गुलजार की दीपिका पादुकोण स्टारर यह फिल्म

फिल्म: छपाक

कास्ट: दीपिका पादुकोण और विक्रांत मैसी

निर्देशक: मेघना गुलजार

रेटिंग: 3.5 मून्स

फिल्म डायरेक्टर मेघना गुलजार ने 'तलवार' (2015) और 'राजी' (2018) के बाद एक और सच्ची कहानी को बड़े पर्दे पर बेहद खूबसूरती से उतारा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं दीपिका पादुकोण स्टारर की जिसमे एक्ट्रेस ने एसिड-अटैक सर्वाइवर मालती की भूमिका निभाई है, जिसकी कहानी के साथ मेकर्स भारत में होने वाले ऐसे मामलों पर रौशनी डालने की कोशिश कर रहे हैं. फिल्म की एक लाइन जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि ऐसा लड़कियों के साथ नहीं होता "अगर एसिड मिलता ही नहीं तो बिकता भी नहीं."

एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की सच्ची कहानी पर आधारित इस फिल्म में आप उनके जीवन में हुए दर्दनाक हादसे की वजह से आये बड़े बदलाव को नजदीक से महसूस कर सकते हैं. फिल्म में दीपिका ने बहुत खूबसूरती से मालती की भूमिका निभाई है और अपने किरदार के सभी दर्द और समाज के साथ उसके संघर्ष को अच्छी तरह से सिल्वर स्क्रीन पर दिखाने की कोशिश की है. 

फिल्म में आप मालती को अपने साथ हुए अन्याय के लिए जांच से गुजरते हुए देखने के साथ, यह भी देखेंगे की कैसे वह खुद में विश्वास जगाती है और अपने अंदर की असल खूबसूरती को समझ पाती है. साथ ही मालती की इस कठिन यात्रा में मिले अमोल दीक्षित (विक्रांत मैसी) के मजबूत समर्थन से किस तरह से उन्हें नई राह मिली है, यह देखना फिल्म में अपने आप में खास है. बता दें कि विक्रांत का किरदार असल जीवन में एक पत्रकार से सामाजिक कार्यकर्ता बने शख्स पर आधारित है.

फिल्म की शुरुआत 2012 के निर्भया रैप केस से होती है, जिसमे पूरी दिल्ली उसे न्याय दिलाने के लिए लड़ रही होती है, लेकिन किसी को भी एसिड अटैक सर्वाइवर्स और उनके संघर्ष की कोई परवाह नहीं होती. जिसके बाद एंट्री होती है दीपिका पादुकोण उर्फ मालती की जो अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ अपनी पूरी ताकत लगा देती है. फिल्म के आगे बढ़ने के साथ फिल्म में मालती के प्रेजेंट के साथ उसके पास्ट की भी झलक देखने मिलती है. जिसके बीच मालती की मुलाकात अमोल से होती है, जो उसे नौकरी देने के साथ हर मोड़ पर उसकी मदद भी करता है.  

बेहद मजबूत स्टोरीलाइन वाली इस फिल्म में कुछ पॉइंट्स ऐसे भी हैं, जो आपको अंदर तक झकझोर देंगे. फिल्म के कुछ सीन्स इमोशंस से भरपूर लगेंगे, तो कुछ में आपको कमी का एहसास होगा. जबकि, छपाक में आपको कहानी में बैलेंस की कमी जरूर महसूस होगी.

बात करें एक्टिंग की तो दीपिका ने अपने किरदार में हर बार की तरह अपनी छाप छोड़ी है. जबकि अमोल के रूप में विक्रांत भी आपको इम्प्रेस करने से नहीं चूकेंगे. मालती के वकील के रूप में मधुरजीत सरगी और उनके प्रेमी राकेश के रूप में अंकित बिष्ट ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है.

वहीं, बात करें फिल्म के डायरेक्शन की तो मेघना गुलजार ने एक बार फिर कमाल की कहानी खूबसूरत तरीके से दर्शकों के सामने लाइ है. फिल्म के बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ उसके गाने भी आपको खूब पसंद आएंगे. इस फ्राइडे अगर आप फिल्म देखने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह फिल्म आपके परिवार के लिए एक सही चॉइस है.

PeepingMoon 'छपाक' को 3.5 मून्स देता है.

(Source: PeepingMoon)

 

 

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