फिल्म- जय मम्मी दी
स्टारकास्ट- सनी सिंह, सोनाली सैगल, सुप्रिया पाठक और पूनम ढिल्लों
डायरेक्टर- नवजोत गुलाटी
रेटिंग- 2 1/2 मून्स
'दे दे प्यार दे' और 'सोनू के टीटू की स्वीटी' की कामयाबी के बाद लव रंजन एक बार फिर कॉमेडी फैमिली ड्रामा फिल्म लेकर आए हैं. साल 2011 में 'प्यार का पंचनामा' से करियर की शुरुआत करने वाली सोनाली 2015 में 'प्यार का पंचनामा 2' में सनी सिंह के साथ पर्दे पर नजर आईं थी. 4 साल बाद एक बार यह जोड़ी 'जय मम्मी दी' की कहानी के साथ बड़े पर्दे पर रूबरू हो रही है. सनी और सोनाली दो ऐसे कलाकार हैं, जो सितारों से भरे आसमान में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं. लव रंजन जिनकी पिछली दोनों फिल्में 'सोनू के टीटू की स्वीटी' और 'दे दे प्यार दें' कमाई के मामले में बॉक्स ऑफिस पर सफल रही.
'जय मममीद दी' देखकर आपको 80 और 90 के दशक की हिंदी फिल्मों की याद आएगी. जहां पुरानी दुश्मनी के चलते दो प्यार करनेवालों की मोहब्बत को नामंजूर किया जाता है. यह फिल्म भी कुछ ऐसी ही है, जहां पुनीत (सनी सिंह) और सांझ (सोनाली सैगल) की मम्मियों (लाली सुप्रिया पाठक और पिंकी पूनम ढिल्लन) की पुरानी दुश्मनी के कारन अपने प्यार को खोने का डर होता है. लेकिन प्यार करनेवाले आसानी से कहां हार मानते है और मम्मियों की दुश्मनी का कारण पता करने में लग जाते है.
फिल्म की कहानी दिल्ली (रोहिणी) से शुरू होती है, जहां पुनीत (सनी सिंह) और सांझ (सोनाली सैगल) की मम्मी एक एनिवर्सरी पार्टी में पहुंचती हैं. दोनों में इस बात पर बहस शुरू हो जाती है कि उन्होंने सेम ड्रेस पहनी है. पिंकी (पूनम ढिल्लन) और लाली (सुप्रिया पाठक) एक दूसरे की शक्ल तक देखना पसंद नहीं करतीं. दोनों के बीच लंबी पुरानी दुश्मनी है और एक दूसरे को नीचा दिखाने का एक मौका नहीं छोड़तीं. दिलचस्प बात यह है कि सांझ भल्ला (सोनाली सैगल) और पुनीत खन्ना (सनी सिंह) पड़ोसी हैं और कॉलेज के दिनों से रिलेशनशिप में हैं. इन्हे एक दुसरे को देखने के लिए मीलों की दूरी नहीं तय करनी पड़ती जैसा पुरानी हिंदी फिल्मों होता था.
खन्ना और भल्ला के दोनों बच्चे पुनीत और सांझ एक ही कॉलेज में पढ़ते है. इनके परिवार को नहीं पता होता कि पढ़ाई के साथ पुनीत और सांझ की प्यार की गाड़ी भी आगे बढ़ रही है. कॉलेज खत्म होने के साथ दोनों का ब्रेकअप भी हो जाता है और दोनों अपनी लाइफ में आगे बढ़ते हैं. अब वो वजह क्या है उसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी. मूव ऑन करने के बाद भी यह एक- दूसरे को भूल नहीं पाते है और फिर से पैच अप करने का फैसला करते हैं. धीरे- धीरे कहानी अपनी रफ्तार से आगे बढ़ती है, पुनीत और सांझ की शादी उनकी मम्मियां अपनी पसंद की लड़की? लड़के से तय कर देती हैं. जब पुनीत और सांझ को लगता है कि उनकी मम्मियों को मनाना उनके बस में नहीं है, तो अपने प्लान में अपने पापाओं को शामिल करते हैं. अब, यहां से शुरू होती है ' मिशन मम्मी को मनाओं'.
फिल्म को कॉमेडी के साथ पेश करने की कोशिश की गई है. पंचेस का इस्तेमाल किया गया है, लेकिन वह लोगों को हंसाने में नाकामयाब हुईं हैं. कुछ पंचेस आपकी समझ से बाहर भी लगेंगे, जिन्हें देखने के बाद आपको लगेगा ' यह क्या था. '
सनी सिंह की एक्टिंग की बात करें तो 'पति पत्नी और वो' में उनकी गेस्ट अपियरेंस के बावजूद एक्टिंग की तारीफ की गयी थी. लेकिन इस फिल्म की कमजोर कहानी के चलते इस फिल्म में उनकी एक्टिंग थोड़ी फीकी लगी. सोनाली सैगल ने भी अपने अपने किरदार को बखूबी निभाने की कोशिश की है. पूनम ढिल्लन और सुप्रिया पाठक जो पुनीत और सांझ कि मम्मी का रोल निभा रही हैं, वह पंजाबी मम्मी के रूप में आपको खूब पसंद आएंगी. आलोकनाथ भी फिल्म में नजर आएंगे, उन्हें फिल्म में क्यूं लिया गया यह कुछ समझ नहीं आया. वो अचानक से आ जाते हैं और फिर गायब हो जाते हैं.
फिल्म में दो रीमिक्स गाने है. जिन्हें आप खूब एन्जॉय करेंगे. 1 घंटे 45 मिनट की फिल्म में एंटरटेनमेंट कम मिलेगा, लेकिन आप बोर भी नहीं होंगे.
(Source: Peepingmoon)